इटारसी। केंद्रीय बजट में सर्वाधिक लाभ उन कार्पोरेट घरानों को दिया गया है जो सरचार्ज में भी करोड़ों रुपये का भुगतान करते हैं,जबकि मध्यम वर्ग को टैक्स स्लेब में मात्र 50 हजार की राहत दी गई है। जबकि गरीबी,बेरोजगारी और मंहगाई से जूझने के कोई उपाय बजट में नहीं दिखाई पड़ते हैं। कुल मिलाकर यह बजट गरीब को दहलाने वाला, मध्यम वर्ग को बहलाने वाला और अमीरों को सहलाने वाला बजट है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने बजट को आश्वासनों की गाजर लटकाकर दौड़ाने वाला बताया है।
उन्होंने कहा कि बजट गरीबों को दहलाने वाला मध्यम वर्ग को बहलाने वाला और अमीरों को सहलाने वाला है। मध्यम वर्ग को टैक्स राहत लेने के लिये नये टैक्स रिजीम को स्वीकारने की बाध्यता है,जिसमें बचत की प्रवृत्ति को हताश किया गया है। ऐसा लगता है कि सरकार पेशन और ब्याज की अधिभारिता से बचने के लिये नये रिजीम को डिफाल्ट बना रही है।इससे एफ डी,एच एल और 80 सी के लाभ समाप्त हो जायेंगे।छोटे व्यापारियों को केवल कम्पलायंस में छूट देकर बहलाया गया है।अनसेक्योर्ड गारंटी की योजना बैंको के व्यवहार पर निर्भर है जिसे सरकार बिना एक्ट बनाये शायद ही लागू कर सकेगी। गरीब के लिये न तो रोजगार पर कुछ कहा गया है, न ही मंहगाई और न नौकरी पर कोई योजना बताई गई हैं उसे अभी 5 किलो की थैली पर ही जीवित रहना है ? फाईनेंसिंग फ्राड्स के प्रतिफल से अर्थव्यवस्था को बचाने के उपायों पर चुप्पी डराने वाली है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने कहा कि अमीरी का जाप, मध्यम वर्ग का नाप और गरीबी को झाप ही भाजपा का दर्शन है ।