राहुल शरण नर्मदापुरम। जिला पंचायत अध्यक्ष के पति और मप्र से राज्यसभा सदस्य, सांसद माननीय राजमणि पटेल के जिला पंचायत प्रतिनिधि सुधीर पटेल को जिला पंचायत की बैठक से बाहर निकालने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे पर कुर्मी समाज लामबंद हो गया है। कुर्मी समाज के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता के मंच से इस कृत्य को सत्ता पक्ष के कुछ लोगों के इशारे पर किया गया कृत्य करार देते हुए नर्मदापुरम जिले में विधानसभा चुनाव में इस हरकत का जवाब देने की चेतावनी दे डाली। इससे पहले मध्यप्रदेश कुर्मी क्षत्रिय समाज के नेतृत्व में समाज के सैकड़ों लोगों ने कमिश्नर और कलेक्टर को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। अपने ज्ञापन में उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन को सचेत किया कि अगर कुर्मी समाज के प्रतिनिधियों पर इस तरह का आघात होता है, और अपमान होता है तो पूरी समाज संयुक्त पिछड़ा वर्ग मोर्चा और अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चे को साथ लेकर एक बड़ा आंदोलन करेगी। व्यक्ति का नहीं कुर्मी समाज का अपमान हुआ एक पत्रकार वार्ता में मध्यप्रदेश कुर्मी क्षत्रिय समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश गौर ने कहा कि सुधीर पटेल राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल के जिला पंचायत में प्रतिनिधि हैं और इस नाते उन्हें बैठक से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए था । यह सुधीर पटेल का नहीं अपितु पूरी कुर्मी क्षत्रिय समाज का अपमान है । इस संबंध में पंचायत मंत्री और मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जाएगी । विधानसभा चुनाव में देंगे जवाब, उतारेंगे उम्मीदवार। मध्यप्रदेश कुर्मी क्षत्रिय समाज के युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष तेज कुमार गौर ने कहा जिला पंचायत सीईओ की कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं है अगर जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि बैठक में नहीं रह सकते तो यह नियम सबके ऊपर लागू होना चाहिए था। किंतु ये सत्ता पक्ष के कुछ लोगों के इशारे पर एक समुदाय विशेष को दबाने के लिए टारगेट किया जा रहा है। इसका जवाब कुर्मी समाज विधानसभा चुनाव 2023 में देगा। हम समाज की ओर सिवनी मालवा और नर्मदापुरम दोनों विधानसभा में अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे फिर नुकसान चाहे किसी भी दल का हो। जिले में कुर्मी समाज की 18 फीसदी भागीदारी है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है समाज के प्रदेश संगठन मंत्री अरुण गालर ने इस घटना को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना लोकतंत्र की हत्या करने वाली हैं। जिला पंचायत सीईओ सत्तापक्ष के इशारे पर काम कर रहे है। अगर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नही की जातीं है तो कुर्मी समाज संगठन आंदोलन करने से भी पीछे नही हटेगा। सीईओ तानाशाही करने पर उतारू जिला पंचायत में राज्यसभा सदस्य के प्रतिनिधि सुधीर पटेल ने कहा कि जिला पंचायत सीईओ का व्यवहार निष्पक्ष नहीं है। आज तक जिला पंचायत अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद प्रोटोकॉल के अनुसार सचिव और लिपिक भी नहीं दिए हैं, जब राज्यसभा सदस्य ने सीईओ को उनकी नियुक्ति का पत्र दिया तब भी उन्होंने यह नहीं कहा कि राज्य सभा का प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं हो सकता और जब हम बैठक में पहुंचे तो हमें बैठक से बाहर जाने को कहा। उसके साथ ही एक अन्य सदस्य को जिला पंचायत अध्यक्ष की नेम प्लेट लगी कुर्सी पर बैठाकर बैठक करा ली। यह मनमानी और तानाशाहपूर्ण रवैया है। कुर्मी समाज से डरे हुए हैं कुछ लोग। कुर्मी क्षत्रिय समाज नर्मदापुरम के अध्यक्ष शिवराज चंद्रोल ने कहा कि प्रशासन और सरकार कुर्मी समाज के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रगति से डरी हुई है। जिले में 18% से ज्यादा कुर्मी समाज के वोटर हैं और सत्ताधारी दल बौखलाहट में इस तरह से कुर्मी समाज के प्रतिनिधियों का अपमान कर रहा है । अगर 15 जनवरी तक इस विषय में कार्यवाही नहीं की जाती तो समाज उग्र आंदोलन को मजबूर होगा। ज्ञापन देते समय ये रहे मौजूद कुर्मी समाज के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया और प्रशासन की इस घटना की कड़ी निंदा की। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सादस्य अनुग्रह गौर, ब्रिज गौर खुटवासा, सुरेंद्र गौर सोयत, तेजराम गौर, युवा अध्यक्ष देवकीनंदन गौर, बृजेश गौर दतवसा, नीलेश गौर सरपंच सेल, हरिओम गौर सरपंच रोजड़ा, सुनील गौर सरपंच दतवसा, रेवाराम गौर सरपंच प्रतिनिधि चंदवाद, अनुग्रह पटेल मनवाड़ा, सुभाष गौर विधायक प्रतिनिधि कजलास, तरुण पटेल आवरी, सुभाष गौर आंवरी, गुड्डा गौर चौतलाय, अनुराग मलैया, ब्रजेश पटेल, अभिषेक गौर भोपाल, राजकुमार गौर, राकेश गौर मौफड़ा, संजय गौर आमुपुरा, राजेन्द्र गौर सतवासा, सुशील गौर धर्मकुंडी, अशोक गौर कोटलाखेड़ी सहित सैकड़ों सामाजिक जन मौजूद रहे ।