इटारसी। जिस कचरे को आप और हम सड़क पर फेंक देते हैं वही गन्दगी फैलाने वाला कचरा अब मनभावन चीजों की शक्ल में तब्दील होकर लोगों को लुभाएगा। अभी ये काम प्रायोगिक तौर पर शुरू हुआ है मगर जल्द ही इसे बड़े पैमाने पर चालू करके शहर को कचरे से निजात दिलाने की राह पर नगरपालिका चल सकती है। स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतरीन नवाचार की श्रंखला में इस बार नगर पालिका परिषद ने पहले से बेहतर काम प्रारंभ किया है। अब तक कचरे से खाद बनायी गई, कबाड़ से जुगाड़ करके कई चीजें तैयार की गईं, यहां तक कचरे से पेविंग ब्लॉक्स बनाये। इससे भी आगे जाकर जिलवानी में अब कचरे से कुर्सी और बेंच बनाने का काम शुरू किया गया है जिसमें कुछ हद तक सफलता भी मिल गई है। अब इसे बड़े पैमाने पर शुरू करने की योजना है। बुधवार को सीएमओ हेमेश्वरी पटले ने जिलवानी में पहुंचकर वहां काम कर रही बालाजी इंटरप्राईजेस के कार्य को देखा और संचालक प्रिंस वर्मा से बातचीत कर उनके काम की सराहना की। इस अवसर पर स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी, स्वच्छता विभाग से कमलकांत बड़गोती, जगदीश पटेल व अन्य मौजूद रहे।
5 स्टार रेटिंग का प्रयास
बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की अग्नि परीक्षा शुरु हो गयी है, ऐसे में नगर पालिका परिषद पिछले प्रदर्शन से आगे जाकर अपनी रैंकिंग में सुधार लाकर अव्वल नंबर पर आने के लिए व्यवस्थाएं बना रही है। पिछले सर्वेक्षण में पिछले सभी प्रदर्शनों में सुधार लाकर स्टार रेटिंग में वन रेटिंग प्राप्त की थी। अब और बेहतर प्रदर्शन करके फाइव स्टार रेटिंग के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
इस बार 9500 अंक का सर्वे
इस बार सर्वे 7500 की बजाए 9500 अंकों का होगा। रैंकिंग के मानकों में कुछ हद तक बदलाव भी किया है। 4 चरणों में होने वाले सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक सबसे पहले की जाएगी, जबकि इससे पहले सबसे अंतिम चरण पर सिटीजन फीडबैक का प्रावधान था। इस बार सर्विस लेवल प्रोग्राम मसलन कचरा उठाना, सीवरेज के ढक्कन, साफ- सफाई, जैविक खाद बनाने जैसी प्रक्रिया के 48 प्रतिशत अंक निर्धारित किए हैं।
थुकूं नको अभियान
इस बार स्वच्छता सर्वे करने वाली टीम सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा, पान, खैनी को यहां-वहां थूकने का भी आकलन भी करेगी। यानी गुटखा, पान या खैनी यहां-वहां थूकने की तस्वीर से शहर की रैंकिंग में डाउन होने की स्थिति बन सकती है। यही कारण है कि इस वर्ष स्वास्थ्य समिति सभापति के नेतृत्व में थुकूं नको अभियान चलाकर लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर नहीं थूकने का निवेदन किया जा रहा है, साथ पान-गुटखा विक्रेताओं को भी ग्राहकों से ऐसा ही निवेदन करने को कहा जा रहा है।
अंकों का खेल
सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 4525 अंक निर्धारित हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस अहम रहेगा। 9500 अंकों में से 4525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के निर्धारित किए गए हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में निर्धारित 4525 में से 1750 अंक तो कूड़ा उठान की सेवा को लेकर ही मिलेंगे। इसमें यह देखा जाएगा कि नगर पालिका शहर में कूड़ा उठाने की किस तरह की सेवा मुहैया करवा रही है। कूड़ा उठान के अब दोगुने अंक हो गए है। नए मापदंड के अनुसार जहां सीवरेज के ढक्कन 100 फीसदी कवर होने चाहिए, वहीं कचरा प्रबंधन के 1830 अंक इस बार निर्धारित किए हैं, जबकि विगत वर्ष 1200 अंक इसके थे। यानी शहर से निकले वाले कचरे का प्रबंधन नगर पालिका किस तरह करती है, इस पर खास फोकस रहेगा।
इन परेशानियों का आज तक हल नहीं
शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए सबसे जरूरी नागरिक का सहयोग आज भी बड़ी परेशानी है। इतने जागरुकता अभियान के बावजूद जनता से जितनी अपेक्षा रहती है, उसमें कमी महसूस हो रही है। हालांकि डोर टू डोर सेवा बेहतरीन व्यवस्था है। लेकिन आज तक घरों से गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग उठ पाया। इस कार्य में लोगों का सहयोग जरूरी है। शहर को साफ रखने में नपा निरंतर प्रयासरत रहती है, आमजन की भागीदारी हर अभियान में अहम होती है, लिहाजा आमजन का सहयोग शहर को साफ-सुथरा रखने में जरूरी है।
इनका कहना है…
उपलब्ध संसाधनों से नगर पालिका पहले भी बेहतर सफाई का काम करती रही है, अब भी कर रही है। कचरे को कम करने के लिए कई नवाचार किये जा रहे हैं। इन सबके बावजूद आमजन की भागीदारी अब भी उतनी नहीं है, जिसकी अपेक्षा है। आज भी गीला-सूखा कचरा अलग-अलग नहीं दिया जा रहा है। जनता का सहयोग जरूरी है।
हेमेश्वरी पटले, सीएमओ