इटारसी। आरपीएफ की एक महिला एसआई ने अपनी ड्यूटी के दौरान हुए एक घटनाक्रम में ईमानदारी का परिचय देकर अपने विभाग को भी गौरवान्वित किया। जीटी एक्सप्रेस की महिला यात्री का गुमा हुआ पर्स आरपीएफ महिला उप निरीक्षक की ईमानदारी से वापस मिल सका। पर्स में करीब डेढ़ लाख रुपये की कीमत की सोने की चैन और नकदी रखे हुए थे। आरपीएफ की महिला उप निरीक्षक पिंकी झारिया ने बुधवार को ईमानदारी का परिचय देते हुए ट्रेन में मिले एक लावारिश बैग को स्टाफ की मदद से उसके मालिक तक पहुंचा दिया। पर्स में सोने की महंगी चैन के अलावा 14900 रुपये भी रखे हुए थे। आरपीएफ की उप निरीक्षक की ईमानदारी से पर्स महिला तक पहुंच गया। दरअसल ड्यूटी के दौरान पिंकी झारिया को ट्रेन 12616 में सफेद रंग का एक छोटा लेडीज पर्स लावारिश हालत में मिला था, इस पर्स की तलाशी में अंदर 14900 रुपये एवं 25 ग्राम की पो की चैन मिली। पर्स बरामद करने के बाद आरपीएफ आसपास के पोस्ट एवं जीआरपी थानों में पर्स चोरी या गुमने संबंधी जानकारी मांगी, करीब 20 जगह संपर्क करने के बाद पुलिस को पता चला कि नागपुर स्टेशन पर पर्स गुमने की जानकारी है। महिला यात्री अनिता गुप्ता ने बताया कि वे नई दिल्ली से नागपुर की यात्रा कर रही थी, यात्रा के दौरान उनका छोटा कहीं गुम हो गया था, जिसकी शिकायत उनके पुत्र कुणाल गुप्ता द्वारा रेलवे सेवा 139 पर की गई थी, महिला ट्रेन के बी-2 कोच की बर्थ 17 पर नई दिल्ली से नागपुर तक की यात्रा कर रही थीं, यात्रा के दौरान उनका पर्स कहीं खो या गया था। गुप्ता से बात करने के बाद आरपीएफ ने इटारसी में रहने वाले उनके परीचित हरिजीत सिंह मल्होत्रा को आरपीएफ पोस्ट भेजा, पुलिस ने मल्होत्रा का परिचय पत्र लेने के बाद गवाहों के समक्ष चैन की रसीद देखने के बाद करीब डेढ़ लाख रुपये की चैन एवं नकदी सही हाथों तक पहुंचा दी। गुप्ता ने कहा कि हमें उम्मीद ही नहीं थी कि हमारा पर्स वापस मिल जाएगा, लेकिन आरपीएफ स्टाफ की ईमानदारी से हमारा कीमती सामान हमें वापस मिल गया। कुणाल गुप्ता ने पोस्ट इंचार्ज देवेन्द्र कुमार, पिंकी झारिया एवं मदद करने वाले स्टाफ का आभार जताया।