–नेहरूगंज की घटना
इटारसी। शहर के नेहरूगंज इलाके में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात करीब 3 बजे एक कच्चे मकान में आग लग गई। आग से धधक रहे कच्चे मकान में आगे वाले कमरे में मौजूद दिव्यांग पिता अपनी बेटी और परिजनों के सामने ही जिंदा जल गया। उसके परिजनों को सिर्फ कुछ देर तक उसकी चीखें और बचाओ-बचाओ की गुहार ही सुनाई देती रही। परिजनों व आसपास के लोगों ने उसे बचाने की कोशिश तो की मगर आग के तांडव ने उन्हें दिव्यांग को बचाने में सफल नहीं होने दिया। आग से समीप के दो अन्य मकानों को बहुत नुकसान हुआ।
नेहरूगंज में दिव्यांग राजेंद्र राजपूत के कच्चे मकान में अलसुबह 3 बजे अचानक आग भडक़ गई। आग से घिरते ही दिव्यांग राजेंद्र राजपूत ने बचाओ-बचाओ की आवाज लगाना शुरू किया तो उनकी बेटी नंदिनी और अन्य परिजनों की नींद खुली। तो वे पीछे के दरवाजे से बाहर निकले और उन्होंने आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया। लोगों ने भडक़ रही आग से दिव्यांग राजेंद्र राजपूत को निकालने की कोशिश भी की मगर आग के विकराल रूप ने उन्हें सफल नहीं होने दिया। बेटी और पड़ोसियों के सामने ही कच्चा मकान दिव्यांग राजेंद्र राजपूत के लिए चिता बन गया। आगजनी की इस घटना में रवि सावदकर और अजय गंगराड़े के मकानों में भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ। घटना की सूचना मिलने पर दमकल गाडिय़ों ने पहुंचकर करीब 20 फेरे लगाकर आग बुझाई। बाद में एसडीओपी वीरेंद्र मिश्रा व टीआई गौरव सिंह बुंदेला भी मौके पर पहुंचे। नेहरूगंज निवासी जीतेंद्र ओझा ने बताया कि बार-बार बिजली जाने से उनकी नींद खुली वे गैलरी में आए जहां राजेंद्र राजपूत के कच्चे मकान में आग लगी दिखी। राजेंद्र राजपूत को गैंग्रिन की बीमारी थी जिससे वे चलने में असमर्थ थे इसलिए घर से बाहर नहीं आ सके। उन्होंने कहा कि हमने बिजली विभाग के अफसरों को फोन किया था मगर वहां से कोई रिस्पासं नहीं मिला। फिर हमने थाना प्रभारी गौरव बुंदेला को कॉल किया तो उन्होंने तत्काल ही फायर ब्रिगेड भिजवाई। इधर हादसे के बाद इटारसी एसडीएम आईएएस टी प्रतीक राव ने भी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने मृतक राजू राजपूत की बेटी से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली और उनके परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है।