इटारसी। इटारसी नगरपालिका कार्यालय में पीआईसी की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एक ऐसा निर्णय लिया गया जो नगरपालिका के अब तक के इतिहास में शायद ही कभी लिया गया हो। यह निर्णय था नगरपालिका की शासकीय जमीनों को प्लॉट बताकर फर्जी रसीदों के माध्यम से बेचकर अपनी जेब गर्म करने का कारनामा करने वाले सजायाफ्ता पूर्व सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव को सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने का। पीआईसी की बैठक में जेल में बंद पूर्व एआरआई संजीव श्रीवास्तव को सेवा से बर्खास्त करने के प्रस्ताव पर सदस्यों ने मुहर लगाकर बदनामी की इस कालिख से खुद को पाक साफ रखने के इरादे जाहिर कर दिए। अब यह मामला आगे की कार्रवाई के लिए नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल को भेजा जाएगा। इस पूरे मामले ने एक बात को साफ कर दिया है कि अति का अंत होता है और सच सामने आ ही जाता है। दरअसल इसी साल जनवरी माह में कोर्ट ने नगरपालिका की शासकीय भूमि को फर्जी ढंग से सराफा कारोबारी शंकर रसाल की पत्नी को बेचने के मामले में दोषी मानते हुए सजा का निर्धारण किया था। कोर्ट का यह निर्णय आने के बाद से ही यह तय हो गया था कि अब पूर्व सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव को सेवा से बर्खास्त करने की फाइल भी जल्द शुरू हो सकती है क्योंकि शासन के नियमानुसार कोर्ट से दोषी साबित होकर सजा पाने वाला कोई भी शासकीय सेवक नौकरी में नहीं रह सकता है। इस निर्णय के बाद अब नपा के उन कर्मचारियों को भी बड़ा सबक सीखने को मिलेगा जो ये सोचते हैं कि पैसे के लिए आंख मूंदकर भागना कितना घातक साबित हो सकता है। पीआईसी की बैठक में इस प्रस्ताव के अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए काम में तेजी लाने, मेजर ध्यानचंद तिराहे से दुर्गा नवग्रह मंदिर की सड़क को लाड़ली लक्ष्मी पथ बनाकर उसका सौंदर्यीकरण करने, विभिन्न वार्डों में निर्माण कार्य करने जैसे कई अन्य प्रस्ताव भी पास किए गए। नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि कोर्ट का निर्णय आने के बाद नगरपालिका इटारसी की अध्यक्षीय परिषद ने जेल में बंद पूर्व सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव लाया गया था। पीआईसी के सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति देकर प्रस्ताव पास कर दिया है। अब इस पर आगे की कार्रवाई भोपाल स्थित वरिष्ठ कार्यालय से होगी। सीएमओ ऋतु मेहरा ने कहा कि कोर्ट से दोषी साबित होने के बाद यह कार्रवाई तो होना ही थी। पीआईसी ने इस प्रस्ताव को पास कर दिया है। अब इस प्रस्ताव को नगरपालिका के पत्र के साथ नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल को भेजेंगे। सेवा से बर्खास्त करने के आदेश करने की कार्रवाई अब भोपाल से होगी।
