पतंजलि फ़ूड लिमिटेड कंपनी के प्रसिद्ध ब्रांड “रुचि स्टार” के नाम और लोगो की कॉपी कर मिलते जुलते फर्जी नाम रिच स्टार के नाम से तेल निर्माता करने वाली इटारसी की कंपनी का खुलासा हुआ है। यह कंपनी तेल निर्माता चंद्रभान सदनमल द्वारा संचालित की जा रही है। इटारसी और आसपास के क्षेत्र में जब पतंजलि कम्पनी की बिक्री में गिरावट दर्ज हुई तो कंपनी ने गोपनीय तरीके से इसकी जानकारी जुटाई तो कंपनी के ब्रांड से मिलते जुलते ब्रांड का तेल बाजार में बिकने का खुलासा हुआ।
तेल कंपनी संचालक का कारनामा
पतंजलि फ़ूड लिमिटेड के लीगल एडवाइज़र नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्ता नम्रता जैन और विजय सोनी द्वारा मामूली बदलाव कर ब्रांड की नक़ल कर रही तेल की कंपनी पर सोमवार को बड़ी कार्यवाही की गई। कंपनी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि इटारसी में तेल निर्माता चंद्रभान सदनमल द्वारा रिच स्टार के नाम से हुबहु तेल की पेकिंग कर मार्केट में बेचा जा रहा है। प्रसिद्ध पतंजलि के ब्रांड रुचि स्टार की तरह ही इटारसी की तेल कंपनी द्वारा पेकिंग की जा रही थी। पतंजलि फ़ूड लिमिटेड के रजिस्टर्ड व्यापार चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट स्टाइल का उल्लंघन कर रिच स्टार के नाम से तेल मार्केट में लंबे समय से बेचा जा रहा था। इसके बाद पतंजलि फ़ूड लिमिटेड द्वारा दिल्ली वाणिज्य न्यायालय में नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्ता नम्रता जैन और विजय सोनी द्वारा वाद दायर किया गया।
बड़ी मात्रा में माल हुआ जब्त
दिल्ली कोर्ट के द्वारा नियुक्त लोकल कमिश्नर विक्रम चौधरी ने लोकल पुलिस के सहयोग से कंपनी के परिसर में पहुंच कर कार्यवाही कर तेल जब्त किया। लोकल कमिश्नर की कार्यवाही में पाया गया कि पतंजलि फूड्स लिमिटेड के रजिस्टर्ड व्यापार चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट का उलंघन कर रिच स्टार के नाम से तेल बेचा जा रहा है जिसे लोकल कमिश्नर के द्वारा सर्च एंड सीज़ कर माल सील किया गया।
कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
सोमवार को को क़ानूनी फर्म नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्ता नम्रता जैन और विजय सोनी द्वारा इटारसी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर के साथ वाणिज्यिक न्यायालय दिल्ली के आदेश (कोर्ट ऑर्डर) पर सम्बधित फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की गई। निरीक्षण के दौरान स्थानीय ब्रांड रिच स्टार का काफ़ी मात्रा में तेल, लेबल और पैकेजिंग आइटम जब्त किया गया। उक्त वाणिज्यिक न्यायालय के आदेश (कोर्ट ऑर्डर) के जारी होने से अब रिच स्टार के नाम से तेल को ख़रीदना, स्टॉक में रखना, बेचना, मार्केटिंग व विज्ञापन करना न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा एवं उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कारवाई की जावेगी।