नर्मदापुरम। राजनीति की बिसात पर कब क्या खेल देखने को मिल जाए ये कहना मुश्किल है। राजनीति में दुश्मन कब दोस्त हो जाए और दोस्त कब दुश्मन बन जाए इसकी थाह लेना भी आसान नहीं है। इन दोनों बातों को अब नगरपालिका नर्मदापुरम के संदर्भ में।जोड़कर देखें तो दोनों ही बातें सच नजर आ जायेंगी। आठ दिन पहले तक नपाध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव को हटाने की जो पटकथा तैयार की जा रही थी वो पटकथा अब निकट भविष्य में पूरी होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सी हो गई है। जिन पार्षदों के भरोसे तख्ता पलट की योजना तैयार की जा रही थी उनमें कई पार्षद पाला बदलकर नपाध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव के खेमे में चले गए हैं। नर्मदापुरम नगरपालिका नगरपालिका अध्यक्ष नीतू यादव को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का पत्र देने वाले कुछ पार्षद अब बैकफुट पर आ गए। इन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का पत्र 8 दिन पहले सौंपा था। 8 दिन बाद बुधवार को 21 पार्षदों ने साइन और सील लगाकर नपाध्यक्ष नीतू यादव के समर्थन में पत्र डिप्टी कलेक्टर बबीता राठौर को सौंपा तो नर्मदापुरम में नपा की राजनीति चर्चा का विषय बन गई है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष ने सौंपा पत्र
वार्ड 21 की पार्षद महिमा गौर के पति व भाजपा मंडल अध्यक्ष रोहित गौर द्वारा जो पत्र प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया है उस पत्र में 21 पार्षदों ने नपाध्यक्ष नीतू यादव के दो साल के कार्यकाल में उत्कृष्ट कार्य, उनकी कार्यशैली व व्यवहार की प्रशंसा की है। पत्र के मुताबिक 21 पार्षदों ने एकमत होकर नपाध्यक्ष को अपना समर्थन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इस घटनाक्रम से अब एक सवाल फिज़ा में तैरने लगा है कि इन 8 दिनों में ऐसा क्या हो गया कि जिन पार्षदों ने नपाध्यक्ष नीतू यादव पर वार्डों में काम नहीं करने, समस्याओं का निराकरण नही करने और नपा की मनमानी कार्यप्रणाली से जनता को मुंह नही दिखाने लायक छोड़ने के आरोप मढ़े थे उन्हीं पार्षदों ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने वार्डों में उत्कृष्ट कार्य किए है और उनका व्यवहार भी बहुत अच्छा है। अचानक बदले इन हालातों से अब उन पार्षदों को तगड़ा झटका लगा है।
विरोधियों की उम्मीदों पर फिरा पानी
आठ दिन पहले जब नपाध्यक्ष नीतू यादव को लेकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने का जो पत्र प्रशासन के नाम से दिया गया था उसके बाद ही इसकी काट ढूंढने की कोशिश दूसरे खेमे द्वारा की जा रही थी। आठ दिन 21 पार्षदों के मन परिवर्तन ने इस बात के संकेत तो दे दिए हैं नपाध्यक्ष नीतू यादव के पति महेंद्र यादव ने 8 दिन में अच्छी खासी फील्डिंग जमाने के बाद प्रस्ताव लाने वालों को क्लीन बोल्ड कर दिया है। इस समर्थन पत्र के आने से अब उन पार्षद और विरोधियों के मंसूबों पर पानी फेर गया है जिन्होंने नपा अध्यक्ष नीतू यादव को हटाने की पूरी योजना तैयार की थी जो पत्र दिया है उसमें उन पार्षदों के हस्ताक्षर व सील लगी भी है जिन्होंने 20 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव बुलाने के समर्थन में हस्ताक्षर कर पत्र सौंपा था। जानकारी के अनुसार बीते 8 दिनों में ही 6 पार्षद बैकफुट पर आ गए है। पहले अविश्वास प्रस्ताव व अब अध्यक्ष में समर्थन में पत्र सौंपा गया है। यह दोनों पत्र नर्मदापुरम कलेक्टर के नाम से दिए गए हैं जिसमे कलेक्टर को इस मामले निर्णय लेना है।
नपाध्यक्ष के कार्य और व्यवहार पर उठाई थी उंगली
असंतुष्ट भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद और उनके पतियों ने मिलकर नपा अध्यक्ष नीतू यादव को हटाने के लिए पत्र सौंपा था। जो लोग तख्ता पलट की तैयारी कर रहे थे और अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन बुलाने की मांग करने गए थे उनमें भाजपा की टिकट पर पार्षद बने नगरपालिका उपाध्यक्ष अभय वर्मा, पार्षद राजेंद्र उपाध्याय, राहुल गौर, संतोष उपाध्याय, कांग्रेस पार्षद अनोखी राजोरिया के साथ अन्य पार्षद और भाजपा पार्षद पतियों ने पत्र सौंपा था। पत्र में सभी पार्षदों ने लिखा था कि अध्यक्ष नीतू यादव के दो वर्षों की कार्यशैली से हम असंतुष्ट है एवं आमजन भी इनकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है। 8 दिन बाद उन्ही में शामिल कई पार्षदों का पलटी मारना हर व्यक्ति के दिमाग का फ्यूज उड़ा रहा है।