इटारसी। पुरानी इटारसी में ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस सम्मान समारोह अधिकांश चेहरे वे थे जो विधायक डॉ शर्मा के विरोधी माने जाते है। ऐसे चेहरों की मौजूदगी में सम्मान समारोह भव्य तरीके से आयोजित तो हो गया मगर उस आयोजन से निकली चिंगारी ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। खुद उस खिलाड़ी को भी शायद इसका इल्म नहीं होगा कि उनका कार्यक्रम उनके जाने के बाद राजनीतिक तलवार खिंचने की वजह बन जायेगा, हालांकि इस सबसे उक्त खिलाड़ी का कोई सरोकार नहीं है। हॉकी खिलाड़ी के सम्मान समारोह के मंच से नर्मदापुरम विधायक डॉ सीतासरन शर्मा को ऑटो चलाने वाले धड़े ने ताकत दिखाने का प्रयास किया तो विधायक डॉ शर्मा ने एक भूमिपूजन कार्यक्रम के माध्यम से मंच पर मुख्य अतिथि बनकर आने वाले पड़ोसी विधायक और उनके संगी साथियों की अपने शब्दबाणों से बखिया उधेड़ दी।
आपने बुलाया वरना आसपास कई नेता बैठे हैं आने को। नर्मदापुरम विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा वार्ड 6 में 30 लाख की लागत से वाले निर्माण कार्यों के भूमिपूजन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे यहां उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इटारसी नगर पालिका और वार्ड वासियों का बहुत-बहुत धन्यवाद है जो उन्होंने इस कार्यक्रम में हमें बुला लिया नहीं तो आसपास के क्षेत्र में बहुत सारे नेता यहां आने के लिए बैठे ही हुए हैं उन्होंने वहां जो किया सो किया अब वही यहां भी करेंगे। पुरानी इटारसी की जनता ने हमें बहुत आशीर्वाद और प्यार दिया है। चुनाव परिणाम वाले दिन जब पुरानी इटारसी की पहली पेटी खुलती है तो विरोधी उठकर चले जाते हैं। बरसों से यही होता आ रहा है।
किस्से के माध्यम से दिया करारा जवाब। । विधायक डॉ शर्मा ने मंच से एक किस्से के माध्यम से करारा जवाब दिया। डॉ शर्मा ने कहा कि कई लड़के ऐसे होते है जो काम नहीं करते हैं यानी निकम्मे होते हैं और सोचते है कि बाप अब बूढ़ा हो गया है, वसीयत करके मर जाए तो प्रॉपर्टी तो मिल जाए, ऐसी राह बहुत से देख रहे है उन्हें मालूम नहीं है कि अगला समझदार है वसीयत करके जायेगा, तुम रास्ता मत देखो, वसीयत तो करके ही जाएंगे। वसीयत भी बाहर वाले की तो बिल्कुल नहीं करेंगे।
गिरिजा भैया ने 25000 से जीती थी वो 1700 पर ले आए। नर्मदापुरम विधायक डॉ शर्मा ने पड़ोसी विधानसभा सोहागपुर का नाम लिए बिना कहा कि गिरिजा भैया ने 25 हजार से सीट पर जीत हासिल की थी और वे 1700 पर आ गए। पहले वहां की प्रॉपर्टी बिगाड़ दी अब वे यहां आने का ख्वाब देख रहे हैं। इसलिए अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखना है। वे गलतफहमियां पाल के बैठे हैं। उनको मंच भी मिल जाता है और ऑटो वाले सब बैठ जाते है, उनको अगले चुनाव के लिए ऑटो वालों को समेट के भी तो रखना है इसलिए कार्यक्रम भी होंगे और नेता भी आयेंगे मगर आप लोग चिंता नहीं करना। ऐसे लोगों से सावधान रहना है जो हमारी एकता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
इशारों में कही बात, नाम नहीं खोला। विधायक डॉ शर्मा ने वसीयत के नाम पर जमकर हंसी ठिठोली भी की और अपनी बात भी कह डाली। उन्होंने कहा कि हम वसीयत तो करके जाएंगे। जिसको अबकी चुनाव में सबसे ज्यादा वोट मिली उसी को ले आयेंगे, उन्होंने हंसते हुए नपाध्यक्ष पंकज चौरे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये बैठे हैं पहली लाइन में, फिर तत्काल उन्होंने कहा कि ज्यादा मंसूबे भी पालना क्योंकि वसीयत चार बार बदली जा सकती है। पांचवे साल की वसीयत फाइनल मानी जाएगी। आप लोग चिंता ना करें अच्छे हाथों को सौंपेंगे। जो शहर हम बनाकर जा रहे है उसे अच्छा करें, अपराधियों को नहीं पालने वाले सत्ता में आएं। विकास की दिशा दिखने वाले आएं।