नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग उपार्जन स्लॉट बुकिंग से वंचित 18586 किसानों में से सिर्फ 9555 किसानों की ही स्टॉल बुकिंग हो पाई है। गुरुवार को केवल एक दिन के लिए शासन ने पोर्टल खोलने का निर्णय लिया था। यह व्यवस्था भी किसानों को ज्यादा राहत नहीं दिला सकी। डोलरिया, इटारसी और बाबई सहित अन्य वेयरहाउस के लिए पोर्टल चंद मिनिटों के लिए खुलता और बंद होता रहा जिससे किसान खासे परेशान रहे। यह स्तिथि इसलिए बनी क्योंकि वेयरहाउसों की क्षमता को ही समय रहते बढ़ाया नही जा सका। इन सब कमियों के चलते 9 हजार से ज्यादा किसान फिर स्लॉट बुकिंग से चूक गए। जल्द ही इनका निर्णय नहीं हुआ तो किसान आंदोलन के सड़क पर उतर सकते है।
सुबह जल्दी खोला पोर्टल, किसान रहे अंजान गुरुवार सुबह 8:45 पर ही शासन ने पोर्टल खोल दिया जबकि किसानों को यह जानकारी थी कि पोर्टल सुबह 10 बजे तक खुलेगा। इसके बाद पोर्टल करीब 9:50 पर फिर क्षमता खत्म होने से बंद हो गया। इस एक घंटे की अवधि करीब 7 हजार किसानों ने स्लॉट बुकिंग करा ली थी। पोर्टल बंद होने के बाद किसान नेताओं के प्रशासन पर लगातार दबाव बनाए रखने से दोपहर करीब 2.30 बजे फिर पोर्टल खुला मगर वह लगातार नही चला। जिले के वेयरहाउसों की क्षमता में पर्याप्त बढ़ोतरी नही किए जाने से पोर्टल बार बार बंद या धीमा होते रहा। इटारसी, बाबई और डोलरिया के गोदामों की क्षमता तो शुरू से ही जीरो बताने की बात किसानों ने कही है।
किसान संघ में बढ़ी नाराजी। शासन द्वारा एक दिन के पोर्टल खोलने की इस नई व्यवस्था में हुई परेशानियों के कारण किसान मजदूर संघ में नाराजी बढ़ गई है। किसान मजदूर महासंघ के पदाधिकारियो ने बताया कि संबंधित अधिकारियों से निरंतर चर्चाओं के बाद दोपहर 2:30 पर फिर पोर्टल खोल गया था जिसमें सभी वेयरहाउसों की उपार्जन क्षमता पूर्ण होने के कारण आधे से ज्यादा किसानो का स्लॉट बुक नहीं हो पाया है। र्सवर की समस्या के कारण किसान दिन भर परेशान होते रहे। उन्होंने कहा कि 24 25 एवं 26 जुलाई तक जिन किसानों की स्लॉट बुक थी और र्सवर बंद होने से वह अपनी बेची गई मूंग का बिल नहीं बनवा पाए, ऐसे किसान जिनका एक बिल निकल गया है और दूसरा बिल बनने से पोर्टल बंद हो गया है उनकी समस्याओं पर अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उनकी मूंग वेयरहाउसो में ही रखी है। सरकार किसानों के साथ खेल खेल रही है।
जिले में होगा महाआंदोलन पदाधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा उठाई गई 3 मांगों मे से सिर्फ एक मांग स्लॉट बुकिंग का ऑप्शन खोलने की पूरी हुई मगर उसमें भी सर्वर को व्यस्त कर दिया गया। अन्य दो मांगें अधूरी हैं। किसान मजदूर महासंघ अपनी मांगों पर आज भी कायम है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बार-बार किसानों को अपमानित किया जा रहा है। इस प्रकार का धोखा करना ठीक नहीं है।।संघ अब आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर है। महासंघ के प्रदेश मंत्री रमाकांत मीणा ने कहा कि प्रदेश सरकार को पोर्टल खोलने के लिए मजबूर किया जाएगा एवं आने वाले दिनों में नर्मदापुरम जिले में महाआंदोलन किया जाएगा। जिला कार्यकारिणी एवं किसान मजदूर महासंघ के सभी सदस्यों की बैठक कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
इनका कहना है
9 हजार से ज्यादा किसानों की स्लॉट बुकिंग फिर रह गई। दिनभर पोर्टल ने परेशान किया। वेयरहाउसों में क्षमता नही बढ़ाए जाने से इस तरह के हालात बने। अब संगठन आंदोलन की राह पर जाने की योजना बना रहा है।
रमाकांत मीना, प्रदेश मंत्री राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ
जिन किसानों की स्लॉट बुकिंग नहीं हो पाई है उनके विषय में वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
जेआर हेडाऊ, उपसंचालक कृषि