अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी नर्मदापुरम के रेशम केंद्र को पहचान, मालाखेड़ी के रेशम केंद्र को बनाया जाएगा इंटरनेशनल एक्सपोर्ट सेंटर….

नर्मदापुरम  नर्मदापुरम जिले को आने वाले दिनों में  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। यह पहचान नर्मदापुरम स्थित मालाखेड़ी के रेशम केंद्र(malakhedi resham kendra)को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का निर्यात(export centre) केंद्र बनाए जाने की वजह से मिलेगी। इसके संकेत मध्य प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्‍य मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार दिलीप जायसवाल ने दिए हैं।

मंत्री जायसवाल ने  रेशम उत्‍पादन केन्‍द्र मालाखेडी का भ्रणम किया और इस केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक्सपोर्ट सेंटर बनाने की बात कही। मंत्री जायसवाल ने रेशम कार्य में संलग्‍न सभी हितग्राही महिलाओं को कहा कि मालाखेडी के रेशम केन्‍द्र में अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर का निर्यात सेंटर एवं दवाईयों का उत्‍पादन केन्‍द्र बनाया जाएगा। इसके लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे। मंत्री जायसवाल ने शुक्रवार को रेशम केन्‍द्र मालाखेडी को दवाईयों का उत्‍पादन केन्‍द्र बनाने के लिए कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद दर्शन सिंह चौधरी, राज्‍यसभा सांसद माया नारोलिया भी उपस्थित थे।

इन स्थानों का निरीक्षण किया     

मंत्री दिलीप जायसवाल ने वायलर सोलर पावर जनरेशन प्लान्ट चालू किया एवं FMS आधारित दवाई निर्माण हेतु तैयारियों का जायजा लिया। कवर्ड ककून मार्केट का प्रारम्भ कर उसका निरीक्षण भी  किया। उन्‍हाने मलबरी रेशम धागाकरण, मलबरी ट्विस्टिंग इकाई, मूंगा रेशम धागाकरण इकाई, रेशम वस्त्र बुनाई, डिजायनर हेतु प्राकृत शोरूम का शुभारंभ भी किया। मंत्री जायसवाल ने बताया कि सारंगपुर कोसा बीज केन्द्र का विकास होगा एवं पचमढ़ी में सोम के वृक्ष लगाये जायेंगे। उन्‍होने बताया कि रेशम केन्‍द्र मालाखेड़ी में पुरानी मशीन की मरम्मत की जाएगी। यहां पर रेशम एम्ब्रायडरी सेंटर का विकास किया जायेगा। तथा ग्राहकों के लिए नवीन वस्त्रों, नई डिजाइनों के लिए कार्य किया जाएगा।  जायसवाल ने बताया कि रेशम केन्‍द्र में लगे सभी पौधरोपण की फेंसिंग की जायेगी एवं शोरूम का विकास किया जावेगा। बंद पड़े सोलर सिस्टम को ठीक किया जाएगा तथा सिंचाई पम्पों को सोलर से जोड़ा जायेगा। पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु EMS आधारित व्यवस्था की जाएगी ।

 पुराने भवनों में बनायेंगे रेशम केंद्र

मंत्री जायसवाल ने बताया कि सिल्क टूरिज्म का विकास करते हुये स्थानीय रोजगार सृजित किए जायेंगे। जिससे फेडरेशन की आय में वृद्धि होगी । उन्‍होने बताया कि पुराने भवनों को बहुउद्देशीय रेशम केन्द्रों में परिवर्तित किए जायेंगे और वहां पर प्रशिक्षण की गतिविधियां प्रारम्भ की जायेंगी । लोगो को JV एवं SPV के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा और Start up के माध्यम से युवाओं को रोजगार दिया जाएगा । मंत्री  जायसवाल ने बताया कि भारत सरकार के कृषि एवं वस्त्र और पर्यटन मंत्रालय से ADB लेख प्राप्त करने का प्रयास होगा । उन्‍होने बताया कि मालाखेड़ी, मढई, एवं पचमढी सतपुडा रीजन को पेशेविक रेशम विकास केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा और क्लमकारी, बनारसी, जामदानी, बगरू, डाबू, जयपुर प्रिंटमेट, बाग बंधेज, फीहेण्ड प्रिंटिंग आदि फेशन के Lalis ट्रेण्ड्स नवीन वस्त्रों का निर्माण किया जावेगा । उन्‍होने बताया कि रेशम के प्रिंटिंग डिजायनिंग, केलेण्डरिंग की नयी इकाई का कार्य भी प्रारम्भ किया जाएगा। मंत्री जायसवाल ने बताया कि सामान्य सुविधा केन्द्र विकसित एवं  विकास के नये क्लस्टर बनाये जायेंगे। रेशम के कार्य में संलग्‍न सभी 200 दीदीयों को लखपति बनाया जाएगा और किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी ।

मटकुली में किया पौधरोपण

 मंत्री दिलीप जायसवाल एवं पिपरिया विधायक ठाकुर दास नागवंशी ने मटकुली रेशम केंद्र में शहतूत के पौधों का रोपण किया। आगामी दिनों में 55 हज़ार पौधों का रोपण किया जाएगा एवं पूरे  ज़िले में 3 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा । मटकुली की रेशम धागाकरण की मशीन भी संचालित की जाएगी