शा. उमा. विद्यालय डोलरिया एवं रेसलपुर के स्कूल में मिला ताला, स्टाफ का कटेगा एक दिन वेतन….

इटारसी। शासकीय स्कूलों की दुर्दशा के लिए शासन की नीतियों के साथ ही उसके खुद के शिक्षक भी जिम्मेदार हैं। जिन शिक्षकों पर बच्चों का भविष्य बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है वहीं शिक्षक उन बच्चों के भविष्य पर पानी फेरने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। शहर से सटे दो स्कूलों में ऐसे ही लापरवाह स्टाफ का चेहरा सामने आया है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के आकस्मिक निरीक्षण में डोलरिया और रेसलपुर के दो स्कूलों में ताला बंद मिला और स्टाफ नदारद पाया गया। जानकारी के अनुसार बुधवार को संयुक्त संचालक भावना दुबे और उपसंचालक ज्योति प्रह्लादी द्वारा शहर के समीप स्थित ग्रामों के स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जिसमें शास उमा डोलरिया विद्यालय एवं शासकीय हाई स्कूल रेसलपुर में तालाबंद पाया गया। इन दोनों स्कूलों में स्टाफ आया ही नहीं था। अधिकारियों ने स्टाफ की इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए समस्त स्टाफ का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।  इसके अलावा उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मिसरोद में सफाई के निर्देश भी दिए। शा. हाई स्कूल देशमोहनी में बच्चों को पढ़ाए जाने पर जोर देने की बात कही गई। संयुक्त संचालक भावना दुबे ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में स्थित स्कूलों का लगातार निरीक्षण किया जाएगा। सभी शिक्षक समय पर विद्यालय पहुंचे, नियम अनुसार अध्यापन का कार्य करना सुनिश्चित करें। अगर आगामी निरीक्षण में शिक्षकों की लापरवाही की पुनरावृति होती है तो एक वेतन वृद्धि रोकने के प्रस्ताव भी वरिष्ठ कार्यालय को भेजे जाएंगे।