सफलता के प्रवेश द्वार कार्यक्रम में 700 से अधिक विद्यार्थियों को मिली भविष्य निर्माण करने के लिए परिश्रम करने की प्रेरणा…

इटारसी। उड़ान श्री वेलफेयर सोसाइटी एवं ब्राइट एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में शहर के ऑडिटोरियम हॉल में कैरियर मार्गदर्शन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में  700 से ज्यादा बच्चों को अतिथियों ने प्रयास को अपना लक्ष्य बनाने प्रेरित किया और उन्हें सफलता मिलने तक निरंतर परिश्रम करने की सीख डी।

सांसद बोले कमजोरी को बनाएं ताकत

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने उद्बोधन में कई ऐसे उदाहरण दिए जिससे छात्र-छात्राएं अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि जिस प्रकार गंगा जी को पार करके लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री बन सकते हैं एक साधारण सा शिक्षक भारत के राष्ट्रपति बन सकते है तो यहां बैठा हर छात्र अपने जीवन में हर मुकाम को हासिल कर सकता है उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे अपनी कमजोरी को छुपाए नहीं बल्कि उसे अपनी ताकत बनाएं और अपने भविष्य के निर्माण के लिए निरंतर सतत प्रयास रत रहें सफलता अवश्य मिलेगी। 

असफलताओं से सीखना सफलता का मूलमंत्र

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ अनिल कुमार उपाध्याय ने छात्र-छात्राओं को अपने जीवन वृतांत के बारे में बताया और कहा कि असफलताओं से डरना नहीं है असफलताएं हमें सिखाती हैं और आगे बढ़ने का रास्ता दिखाती हैं। असफलताओं से सीखिए और सफल बनिए, यही सफलता का मूल मंत्र है इसलिए कभी भी असफल होने से ना डरे। डॉक्टर अनिल उपाध्याय ने कहा कि अभिभावक भी छात्र-छात्रा के भविष्य निर्माण में महती भूमिका निभाते हैं अभिभावकों को छात्र-छात्राओं को समझने की आवश्यकता है। आज छात्र-छात्राएं मोबाइल और सोशल मीडिया से बहुत अधिक जुड़े हुए हैं अभिभावक उन्हें समय दें और उनकी मानसिकता को समझते हुए निर्णय लेने का अवसर प्रदान करें तभी एक छात्र अपने जीवन को उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है। डॉ अनिल कुमार उपाध्याय के जीवन वृतांत को सुनकर छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक अत्यंत प्रभावित हुए।

6 साल बाद माता पिता से मिले

उन्होंने कहा कि जब वे आईपीएस की परीक्षा में असफल हुए तो उन्होंने अपने जीवन का एक लक्ष्य बना लिया और अपने आप से वादा किया कि मैं जब तक सफल नहीं होऊंगा तब तक अपने माता-पिता को अपना चेहरा नहीं दिखाऊंगा। 6 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद जब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज किया गया उस समय वह अपने माता-पिता से 6 वर्षों के बाद मिले। अतः सफल होने के लिए तपस्या करना आवश्यक है आज छात्र-छात्राएं 20 क्वेश्चन और सोशल मीडिया की तरफ आकर्षित है उन्हें सोशल मीडिया से और दूरियां बनानी होगी। छात्र छात्राओं को आवश्यकता के अनुसार ही सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। डॉ अनिल उपाध्याय ने कहा अब इटारसी की ब्राइट अकैडमी कोचिंग में भी दिल्ली और भोपाल की फैकल्टी उपलब्ध कराऊंगा ताकि छात्र-छात्राओं को यूपीएससी जैसे एग्जाम की तैयारी के लिए बाहर पढ़ने नहीं जाना पड़ेगा।

एमपी कोचिंग संघ अध्यक्ष ने दी सीख

मध्य प्रदेश कोचिंग संघ के अध्यक्ष एमपी सिंह ने भी छात्रों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि उठो चलो और तब तक चलते रहो जब तक की अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लो। कोई भी लक्ष्य आपसे बड़ा नहीं है। विधि मंत्रालय मध्य प्रदेश शासन से दीपक बाबू श्रीवास्तव ने बच्चों को प्रोत्साहित किया। भोपाल बीएसएनल एसडीओ संतोष खरे ने भी बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अपना वक्तव्य रखा। ब्राइट एकेडमी के संचालक आशीष भदोरिया ने सभी अतिथियों का आभार माना कि उन्होंने अपने व्यस्त समय में से संस्था को समय दिया और इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
उड़ान श्री वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष जागृति आशीष भदोरिया ने कार्यक्रम का संचालन किया।

अभिभावक ने सराहा उड़ान श्री का प्रयास
कार्यक्रम में लगभग 700 विद्यार्थी एवं अभिभावक शामिल हुए। छात्र-छात्राओ एवं अभिभावकों ने कहा कि आज तक हमने इटारसी में ऐसा कार्यक्रम पहले कभी नहीं देखा। हम उड़ान श्री वेलफेयर सोसाइटी और ब्राइट एकेडमी का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने इस तरह का कार्यक्रम शहर में आयोजित किया। अभिभावकों ने कहा कि निरंतर ऐसे कार्यक्रम शहर में होते रहने चाहिए जिससे छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ता है और वह अपने भविष्य के निर्माण की ओर अग्रसर होते हैं। इस अवसर पर डॉ पंकजमनी पहारिया, मेहरबान सिंह चौहान, मोहम्मद जाफर सिद्दीकी, कन्हैया गुरयानी, मुन्नी बाई यादव, संजय आर्य, प्रतीक साहू, सुष्मिता भारती, मैन्युअल आदि को सम्मानित किया गया।