इटारसी। शहर में बरसात के पानी को रोककर जमीन में पहुंचाने का कार्य सफलतापूर्वक किन तरीकों से किया जा सकता है, इसकी चिंता करने समाज के प्रबुद्ध जन नगरपालिका के सभागार में एकत्रित हुए। बारिश के 80 फीसदी जल को जमीन में किस तरह से पहुंचाया जाए इस पर लोगों ने अपनी राय दी। यह मौका था जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन से संबंधित बैठक का। जल संरक्षण पर काम इटारसी की जनता के सहयोग से नगरपालिका इटारसी करेगी। मप्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक डॉ सीतासरन शर्मा की पहल पर नगरपालिका के सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ बैठक आयोजित हुई। यहां सभी के सुझाव लिए गए और नगरपालिका ने क्या कार्ययोजना बनाई है, वह नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने साझा की। विधायक डॉ शर्मा ने बैठक में कहा कि पांर्ढुना नगरपालिका ने भूमिगत जल संकट को खत्म करने के लिए वहां पर बडी नालियों व नालों में गडढा कराकर उसमें ग्रेबल की पिफलिंग कराते हुए पानी को जमीन में पहुंचाकर वाटर हार्वेस्टिंग कराई। वहां रिजल्ट अच्छा आया है, इसलिए हमनें इटारसी में भी यह तय किया है कि इस तरह कार्य किया जाए।
यह है नपा की योजना
नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने कार्ययोजना बताते हुए कहा कि नगरपालिका बडे नालों व नालियों में गडढा खोदकर उसमें ग्रेवल डालेंगे और वाटर हार्वेस्टिंग करेंगे। अटल पार्क में चार स्थानों पर 10 बाय 10 के गडढे किए जाएंगे और गडढों में ईंट, बोल्डर, ग्रेवल व अन्य सामग्री से उसे भरा जाएगा, जिससे रैन वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी, शहर के अन्य पार्कों में भी यह कार्य किया जाएगा। 30 जून के पहले यह कार्य कर लिया जाएगा। नालों पर 2 फीट हाईट के स्टॉप डैम बनाए जाएंगे। जन जागरुकता के लिए सभी संगठनों, स्कूलों, महिला स्वसहायता समूहों की मदद की जाएगी। पहले 100 रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक नगरपालिका नागरिकों को नि:शुल्क प्लंबर उपलब्ध कराकर देगी। सिर्फ रैन वाटर हार्वेस्टिंग का सामान नागरिकों को अपने घर के लिए लेकर आना होगा।
यह आए सुझाव-
एसडीएम टी प्रतीक राव ने कहा कि हम सभी मिलकर स्टेप बाय स्टेप एक योजना तैयार करेंगे और एक वर्कशॉप करेंगे कि शहर में इंटरवेल के जरिए कैसे पेयजल की व्यवस्था कराई जाए और भूमिगत जल का उपयोग कम से कम हो। उन्होंने कहा कि एरिया वाइज स्टडी कराई जाएगी कि कहां पर पानी का स्टोरेज रेन वाटर हार्वेस्टिंग से सबसे पहले किया जाना चाहिए।
शिक्षाविद डॉ केएस उप्पल ने कहा कि शहर के दोनों किनारों से पहले वाली नदियों का कैचमेंट एरिया तय किया जाए और वहां पर तार की फेंसिंग करते हुए वहां सघन वृक्षारोपण हो। वृक्ष की पानी को रोकेंगे। पूर्व पार्षद भरत वर्मा ने कहा कि नालों पर स्टॉप डैम बनाकर जमीन में जल पहुंचाया जा सकता है। विधायक प्रतिनिधि दीपक अठौत्रा ने सुझाव दिया 100 मीटर पर नालों में बोर करते हुए उसमें ग्रेबिल भरकर स्टॉप डैम बनाकर पानी जमीन में पहुंचा सकते हैं। स्कूल संचालक संदीप तिवारी ने कहा कि सभी स्कूल अपने अपने स्कूलों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग कराए।
भवन निर्माण कॉन्टैक्टर विनोद लोगरे ने कहा कि रोड किनारे खाली स्पेस छोड़ा जाए। जिससे पानी स्टोर कराया जाए, बड़ी कॉलोनी में यही हो रहा है। अभी रोड और नाली चिपक कर बन जाती है जिससे बरसात का पानी सीधे बह जाता है। वरिष्ठ नागरिक मंच के अध्यक्ष अनिरुद्ध शुक्ला ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग की शुरुआत पार्षदों के घर से हो जिस वार्ड में जागरूकता फैले। वरिष्ठ पत्रकार शिव भारद्वाज ने कहा की कुआं को पुनर्जीवित किया जाए, मुख्य रूप से मुख्य बाजार में स्थित भोला मोती कुआं को साफ कर उसमें पानी स्टोर किया जाए। डॉ रविंद्र गुप्ता ने सुझाव दिया कि घरों में लगे एसी से निकलने वाले पानी को स्टोर किया जाए और अपने-अपने घरों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की जाए। डॉ पंकज मनी पहाड़िया ने कहा कि वार्डो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कंपटीशन पार्षदों के माध्यम से कराया जाए। जिससे शहर में तेजी से रेन वाटर हार्वेस्टिंग होगी। जीनियस स्कूल के संचालक मोहम्मद जाफर ने कहा कि नगरपालिका हमें वृक्षारोपण में सहयोग करें, वृक्षारोपण से बरसात का पानी जमीन में रहेगा। फ्रेंड्स स्कूल समिति के अध्यक्ष भानु सर ने कहा कि मैदान में बड़े गड्ढे और बोर करते हुए मैदान का पानी जमीन में पहुंचाया जाए।
यह रहे बैठक में मौजूद-
बैठक में विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, एसडीएम टी प्रतीक राव, सीएमओ रितु मेहरा, नगरपालिका उपाध्यक्ष निर्मल राजपूत, सभापति अमृता मनीष ठाकुर, गीता देवेंद्र पटेल, मीरा राजकुमार यादव, नाजिया शहबाज बेग, पार्षद शिवकिशोर रावत, मनीषा आशुतोष अग्रवाल, राजेश्री रमेश धुरिया, धरमदास मिहानी , जिमी कैथवास, शुभम गौर, कुंदन गौर, पूर्व पार्षद भरत वर्मा, मनीष ठाकुर सहित अन्य मौजूद थे।