इटारसी। लोकसभा चुनाव(loksabha election) में कांग्रेस की हालत पस्त है। पुराने नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस छोडक़र भाजपा(BJP) में सदस्यता ले रहे हैं। इन सब हालातों के बावजूद कांग्रेस एकजुटता से लोकसभा चुनाव लडऩे का दावा करती आ रही है मगर सोमवार शाम को इटारसी के आरएमएस ऑफिस कार्यालय के सभास्थल पर कथित तौर पर कांग्रेस की एकजुटता के दावों की धज्जियां उड़ गईं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का आपस में ही विवाद हो गया जिसने जनता के बीच कांग्रेस की किरकिरी करा दी। वरिष्ठ नेताओं ने भले ही समझाइश देकर तत्काल मामला ठंडा करा दिया मगर इस विवाद की आंच अब चुनाव तक बने रहने की संभावना है।
जी हां, ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि जो कुछ कांग्रेस के सभास्थल पर मंच पर हुआ वहीं हमने बयां किया है। दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा के समर्थन में आरएमएस कार्यालय के सामने कांग्रेस संगठन (congress) ने आमसभा का आयोजन किया था। दिन भर से कांग्रेस के भोंपू से इस आमसभा का प्रचार इस मंशा से किया जा रहा था कि जनता के बीच कांग्रेस की उन योजनाओं को रखा जा सके जो सरकार बनने पर किए जाने की योजना है। कांग्रेस का मकसद सभा के माध्यम से सूबे के मतदाताओं को एकजुटता का संदेश देना था मगर इस बार भी कांग्रेस की फूट और आपसी मनमुटाव ने कांग्रेस की भद्द पिटवा दी। दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा के समर्थन सभा लेने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी(PCC chief Jitu patwari) , राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा(vivek tankha), पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव(arun Yadav), मंडला क्षेत्र के वरिष्ठ नेता ओंकार मरकाम, पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा इटारसी आए थे। उनके साथ कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा भी सभास्थल पर मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक सभास्थल पर बने मंच पर बहुत से वरिष्ठ कांग्रेसी जगह पाने का मन बनाकर आए थे। आयोजकों ने कथित तौर पर लगभग सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को जगह दी थी। उन्हीं शामिल पूर्व मंडी अध्यक्ष और पूर्व जिला कार्यकारी अध्यक्ष रमेश बामने भी थे जिन्हें भीड़ में पीछे जगह मिली थी। कांग्रेस नेताओं की भाषणबाजी के दौरान जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने भाषण में पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने(Ramesh bamne) के नाम का जिक्र किया और कहा कि दो-दो मकान टूटने के बावजूद रमेश बामने ने कांग्रेस नहीं छोड़ी, यह बात सुनकर उनके पुत्र शरद बामने ने मंच के सामने भीड़ में उठकर कह दिया कि यहां तो कांग्रेस उनका नाम तक नहीं लेती है। उनके पिता वरिष्ठ कांग्रेसी हैं और उनका नाम नहीं लेकर हर जगह अपमान किया जा रहा है। अचानक हुए इस घटनाक्रम से कांग्रेस के दूसरे गुट के कार्यकर्ता भी भडक़ गए मगर कार्यक्रम खराब होने से बचाने के लिए उन्हें समझाइश देकर चुप करा दिया गया, मगर तब तक इस घटनाक्रम की खबर पूरे इलाके में फैलने से लोगों को चर्चा करने का मौका मिल गया। सभास्थल पर हुआ यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए किसी खतरे की घंटे से कम नहीं है। हालांकि कांग्रेस के पदाधिकारी इस पर पर्दा डालने की कोशिश करते नजर आए।
इनका कहना है
हमारे पिता वरिष्ठ कांग्रेसी हैं मगर उन्हें सही तरीके से सम्मान नहीं दिया जाता है। सभास्थल पर भी यही हुआ, उनका नाम लेना तक जरुरी नहीं समझा गया बस यही बात हमें बुरी लगी थी इसलिए हमने मंच के सामने ही प्रदेश अध्यक्ष से अपनी बात रखी थी। कहीं कोई विवाद जैसी बात नहीं है।
शरद बामने, पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने के पुत्र
सभा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कोई विवाद नहीं हुआ। कांग्रेस में कहीं कोई फूट और गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस सबको अपनी बात रखने का मौका देती है। कार्यकर्ताओं के बीच कोई गुटबाजी नहीं है। हम सब मिलकर कांग्रेस को जिताने के लिए काम कर रहे हैं।
गुड्डन पांडेय, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी

