उपार्जन केंद्र पर सरपंच और भाई को गेहूं बेचने में नहीं मिला वीआईपी ट्रीटमेंट, समिति प्रभारी से विवाद कर दे डाली जान से मारने की धमकी….

नर्मदापुरम। जिले के उपार्जन केन्द्रों पर उपज बेचने आने वालों के साथ समितियों के कर्मचारियों का तालमेल बिगड़ने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे सरपंच और उसके भाई पर समिति प्रभारी को धमकाने का आरोप लगा है। मामले में सोहागपुर थाने तक शिकायत भी पहुंच गई है। इस मामले में विवाद केवल सरपंच के भाई को उपार्जन केन्द्र पर वीआईपी ट्रीटमेंट नही मिलने के चलते होने की जानकारी सामने आ रही है। सोहागपुर के पास करनपुर गांव में समर्थन मूल्य ख़रीदी केंद्र बनाया गया है। यहां पर कथित तौर पर सरपंच और उसके भाई की दादागिरी करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार उपार्जन केंद्र पर सरपंच आजाद सिंह ठाकुर के भाई आदेश ठाकुर गेहूं बेचने पहुंचे थे। सरपंच और उनके भाई को समिति प्रभारी से उम्मीद थी कि वे उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट देते हुए पहले उनका गेहूं बिकवा देंगे, मगर हुआ इसका ठीक उलट, केंद्र पर भीड़ होने से सरपंच के भाई का गेहूं तुलने में समय लगा तो सरपंच के भाई आदेश ठाकुर का पारा चढ़ गया। गेहूं जल्दी खरीदने के लिए सरपंच और उसके भाई ने समिति प्रभारी से विवाद किया। मौके पर ही दबाव बनाने की कोशिश की कि जल्दी गेहूं जल्दी खरीदा जाए। उनकी बात नहीं मानने पर सरपंच आजाद सिंह ठाकुर और उसके भाई आदेश उर्फ छोटू ठाकुर ने समिति प्रभारी से गाली-गलौच, जान से मारने की धमकी दे डाली। समिति प्रभारी कैलाश कुशवाहा ने सोहागपुर थाने में सरपंच आजाद ठाकुर और उसके भाई आदेश के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया। पुलिस के मुताबिक लखन वेयरहाउस पर गेहूं की समर्थन मूल्य ख़रीदी हो रहीं है। जहां गेहूं की उपज बेचने सरपंच का भाई आदेश ठाकुर आया था। कई किसानों का गेहूं की तुलाई हो रहीं थीं बारिश से अनाज गीला होने के डर से किसान आदेश ठाकुर ने गेहूं जल्दी तुलाई का दबाव बनाया। समिति प्रभारी ने नंबर अनुसार खरीदने का कहा। इसके चलते आदेश ठाकुर और आजाद ठाकुर ने समिति प्रभारी से विवाद किया। समिति प्रभारी के गेहूं खरीदने के कार्य को प्रभावित किया। इधर सरपंच आजाद ठाकुर का कहना है कि मेरा भाई गेहूं बेचने गया था। समिति प्रभारी किसानों से रिश्वत की मांग करता है। जो पैसा देता उसके गेहूं पहले खरीदे जाते है। इसी का विरोध भाई ने किया था। एफआईआर की जानकारी मुझे नहीं है। समिति प्रभारी ने झूठे आरोप लगाए है हमने किसी को भी जान से मारने की धमकी नही दी है।