आईएचएसडीपी के मकानों को बेचने वाले और अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर होगी एफआईआर, अगले सप्ताह नगरपालिका उठा सकती है एफआईआर कराने का कदम….सुनें क्या बोले नपाध्यक्ष पंकज चौरे


इटारसी. न्यास कॉलोनी के अंतिम छोर पर बने आईएचएसडीपी (ihsdp) योजना के मकानों में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। इन मकानों या तो लोग अवैध रूप से घुस गए हैं और कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं या वे लोग जमे हुए हैं जिन्हें कुछ लोगों ने गलत तरीके से मकान बेच दिए हैं। इसका खुलासा होने के बाद अब नपा आईएचएसडीपी के मकानों को बेचने वाले और अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने का कदम उठाने जा रही है। इसका होमवर्क पूरा हो गया है।
मकानों में रहने वालों का सच होगा उजागर
आईएचएसडीपी योजना के तहत बनाए गए 120 मकानों की जांच नपा ने शुरू कर दी है। जांच के बाद अनाधिकृत लोगों को सख्ती से बाहर किया जाएगा। अगर वे मकान खाली करने में विवाद करेंगे तो उन पर एफआईआर भी होगी। उल्लेखनीय है कि योजना के न्यास कॉलोनी के आखिरी छोर पर 153 मकान बनाए जाने थे, लेकिन इनमें से 120 का ही निर्माण किया जा सका। मौके पर खाली जमीन नहीं होने की वजह से शेष मकानों का निर्माण नहीं किया गया।
यह थी आईएचएसडीपी योजना
एकीकृत मलिन बस्ती आवास परियोजना यानी आईएचएसडीपी के तहत शहर में 153 मकान स्वीकृत हुए थे। योजना के तहत प्रति हितग्राही 1.20 लाख रुपए की राशि ली जाना थी। सबसे पहले यह काम वर्ष 2010 में भोपाल की कंपनी एश्वर्या एसोसिएट्स के पास था। जिसने 100 मकान बनाकर काम से हाथ खींच लिए थे। 2 करोड़ की अटकी है राशि
आईएचएसडीपी योजना में मकान लेने वालों में से अधिकतर लोगों ने योजना के तहत चारों किस्तें जमा नहीं की है। लगभग सभी के पास पहली किश्त 13 हजार रुपए जमा करने की रसीदें है। लोगों को यह मकान किस्तों में दिए गए थे, बावजूद इसके अब भी नपा को पूरी किस्तें नहीं मिली है। इसकी वसूली भी शुरू की जा रही है। पूरी किस्त नहीं देने वालों को भी बेदखल किया जा सकता है। इन सबसे करीब 2 करोड़ रुपए की राशि वसूली जाना है।
ऐसे हुआ खुलासा
पीएम आवास बनाने के लिए सब्जी मंडी के पास से 13 परिवारों को हटाया गया है। जब तक पीएम आवास नहीं बन जाते इन परिवारों को विस्थापित करने के उद्देश्य से नपा की टीम सीएमओ के नेतृत्व में न्यास कॉलोनी के आखिरी छोर पर बनाए गए आईएचएसडीपी योजना के मकानों पर पहुंची थी। जहां बड़ी गड़बड़ी सामने आई। यहां एक मकान में किरायेदार मिला तो एक मकान सरकारी कर्मचारी का होना बताया गया। आईएचएसडीपी योजना के कुछ मकानों में ताला झूलता मिला। जिनका ताला तोडक़र पीएम आवास के हितग्राही परिवारों को प्रवेश कराने के दौरान विवाद की स्थिति बनी। पार्षद संजय ठाकुर, अनिल बस्तवार व अन्य लोग रसीदें लेकर मौके पर आ गए। इन रसीदों के चक्कर में नपा का अमला मौके पर कोई निर्णय नहीं ले सका। यहां मौजूद सब इंजीनियर आदित्य पांडेय से कहा कि ऐसे किसी के भी घर का ताला तोडक़र उसमें प्रवेश नहीं करा सकते। लोगों के पास नपा की रसीदें हैं। पार्षद संजय ठाकुर ने कहा कि किसी का भी घर तोडऩे से पहले उसके विस्थापन का इंतजाम करना चाहिए। करीब दो घंटे की जद्दोजहद के बाद दो परिवारों को खाली मकानों में शिफ्ट किया गया।
अनाधिकृत लोगों ने कब्जा करके रखा है
आईएचएसडीपी योजना से बनाए गए मकानों में अनाधिकृत लोगों ने कब्जा करके रखा है। मौके पर एक मकान में किरायेदार मिला। एक किसी सरकारी कर्मचारी का बताया गया। जांच शुरू कराई गई है। जांच में जो भी अनाधिकृत पाए जाएंगे, उन्हें बेदखल किया जाएगा। ज्यादातर लोगों ने प्रथम किश्त के 13 हजार रुपए दिए हैं। शेष किश्तों की भी रिकवरी होगी।
-रितु मेहरा, सीएमओ नपा इटारसी

एफआईआर कराएंगे।
आईएचएसडीपी योजना के मकानों में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। इन मकानों या तो लोग अवैध रूप से घुस गए हैं और कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं या वे लोग जमे हुए हैं जिन्हें कुछ लोगों ने गलत तरीके से मकान बेच दिए हैं। ऐसे लोगों के अलावा जिन लोगों ने अवैध तरीके से मकान बेचने का कृत्य किया है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। अगले सप्ताह तक नपा अपनी प्रक्रिया शुरू कर देगी।
पंकज चौरे, नपाध्यक्ष इटारसी