इटारसी। पश्चिम बंगाल के रहने वाले दो कथित तस्कर ट्रेन से दुर्लभ और कीमती प्रजाति के कछुओं की तस्करी करने निकले थे। ये दोनों लखनऊ से बैठे थे और उन्हें इन कछुओं की खेप चेन्नई डिलीवर करना थी। मुखबिर से मिली सूचना के बाद हरकत में आए तीन विभागों की टीम ने दोनो आरोपियों को इटारसी जंक्शन पर धरदबोचा। क्षेत्रीय राजस्व आसूचना निदेशालय भोपाल, जोनल राजस्व आसूचना निदेशालय इंदौर एवं स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए इटारसी रेलवे स्टेशन पर कछुओं की तस्करी के प्रयास को फेल कर दिया।जानकारी के अनुसार यशवंतपुर एक्सप्रेस से वन्यप्राणी इंडियन टेंट टर्टल यानी कछुए कार्टून में भरकर ले जाए जा रहे थे। यह स्वच्छ जल में पाए जाने वाले कछुओ की एक दुर्लभ प्रजाति है। इनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत भी बहुत है। इन कछुओं को अवैध रूप से परिवहन करते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। दोनों व्यक्ति पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। वे दोनों लखनऊ से दुर्लभ प्रजाति के कछुआ को लेकर चेन्नई जा रहे थे। उक्त दोनों व्यक्तियों से बड़ी मात्रा में इंडियन टेंट टर्टल जप्त किए गए। दुर्लभ प्रजाति के यह कछुए वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के वन्यप्राणी है। जिनको पकड़ना, तस्करी एवं अवैध व्यापार प्रतिबंधित है। इस मामले में अधिकतम 7 वर्ष तक के कारावास तथा न्यूनतम 25000 /- रुपए जुर्माना से दंडनीय है।आरोपियों को गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय नर्मदापुरम में पेश किया गया है। जहां से उन्हें फॉरेस्ट विभाग को रिमांड पर दिया गाय। दोनो को ले जाकर प्रकरण के संबंध में और पूछताछ की जाएगी। प्रथम दृष्टया प्रकरण में संगठित गिरोह के संलिप्त होने के साक्ष्य मिले है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अग्रिम विवेचना जारी है। शीघ्र ही प्रकरण में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।