इटारसी। इटारसी जंक्शन की एक संवेदनशील घटना में ट्रेन गार्ड, आरपीएफ और जीआरपी के बेशर्म और अमानवीय व्यवहार ने उनके असली चेहरों को बेनकाब कर दिया। इन तीनों ने मिलकर जंक्शन पर एक दिव्यांग महिला के साथ बदसलूकी कर अपनी बहादुरी का परिचय दिया। अपनी बेशर्मी को छिपाने के लिए पूरा दोष दिव्यांग महिला पर ही मढ़ने से भी नही चुके। पुणे से चलकर जम्मूतवी जाने वाली झेलम एक्सप्रेस में गुरुवार सुबह करीब 8 बजे पैर से दिव्यांग महिला यात्री से गार्ड ने विवाद किया। विवाद इतना बढ़ा कि गार्ड ने महिला को थप्पड़ मार, उसके गिरेबान पर हाथ डाला। बात यहीं खत्म नहीं हुई। इटारसी रेलवे स्टेशन पर गार्ड ने RPF GRP को सूचना देकर पैरों से दिव्यांग महिला को मासूम बेटी, पति के साथ उतरा दिया गया। वैशाखी के सहारे चल रही महिला प्लेटफार्म पर गार्ड के द्वारा थप्पड़ मारने व गिरेबान पर हाथ डालने की बात बार-बार कहती रही, लेकिन ऑन ड्यूटी जीआरपी, आरपीएफ के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। महिला यात्री ने जीआरपी व आरपीएफ के अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया कि वे ये लिखकर देने का दबाव बनाते रहे कि कोच में केवल गार्ड और आपके बीच बहस हुई है। इसके बाद बिना किसी कार्रवाई के उस महिला यात्री, उसके पति को दिल्ली जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस से जाने के लिए कह दिया गया। जिसके बाद वॉकर लेकर बैठी दिव्यांग महिला, अपनी मासूम बेटी और पति के साथ प्लेटफार्म पर ही बैठ गई। यह घटनाक्रम गुरुवार सुबह करीब 8.15 बजे इटारसी जंक्शन के प्लेटफार्म पर हुआ।
दिव्यांग कोच में जनरल यात्री को बैठाने गेट खुलवाने का बनाया दवाब दिव्यांग महिला ने बताया कि वह अपनी बेटी और पति के साथ पुणे से लुधियाना जाने के लिए बुधवार शाम को दिव्यांग कोच में बैठी थी। दिव्यांग कोच में मेरे अलावा तीन-चार दिव्यांग यात्री बैठे थे। इटारसी आने के एक स्टेशन पहले बानापुरा में दिव्यांग कोच में जनरल यात्री को बैठाने के लिए गार्ड ने गेट खुलवाने का दवाब बनाया। गेट नहीं खोलने पर बाहर से बहस की। फिर खिड़की से अंदर हाथ डालकर मुझे थप्पड़ मारा। मेरे गिरेबान पर हाथ डाला। इटारसी पहुंचने पर आरपीएफ की महिला एसआई पिंकी झारिया, जीआरपी से एएसआई अनिता दा स्टॉफ के साथ प्लेटफार्म पर पहुंचे। दिव्यांग महिला, उसकी बच्ची, पति को दिव्यांग कोच से उतार प्लेटफार्म पर खड़े कर दिया। महिला ने बताया जीआरपी आरपीएफ ने हमारी सुनने, कार्रवाई करने के बजाय मुझे ही उल्टा कहा कि तुम हमारे सामने इतनी तेज आवाज में बोल रहे, तो कोच में कितना विवाद किए होंगे। मुझे कहा कि तुम लिखकर दो कि कोई थप्पड़ नहीं मारे, केवल बहस हुई। विकलांग कोच में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों ने भी कहा कि गार्ड जबरिया जनरल यात्री को बैठाने के लिए कोच खोलने का बोल रहे थे। पहले गार्ड ने हाथ उठाया। उसके बाद महिला गुस्सा हुई। इधर गार्ड की सचना पर आरपीएफ जीआरपी पहुंची थी। ऐसी शिकायत थी कि महिला ने पहले हाथ उठाया। बेशर्मी करने वालों के आला अफसर चुप दिव्यांग महिला से बदसलूकी करने का मामला मचने के बाद बेशर्मी भरा व्यवहार करने वाले आरपीएफ, जीआरपी और रेलवे गार्ड के वरिष्ठ अफसरों ने अब चुप्पी साध ली है। कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। हालांकि इस मामले में जेडआरयूसीसी मेंबर राजा तिवारी ने सांसद राव उदयप्रताप सिंह को जानकारी देने के बाद इसकी शिकायत जबलपुर जीएम, आरपीएफ के सुरक्षा आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को की है।
इनका कहना है
यह बहुत गंभीर मामला है। दिव्यांग महिला के साथ ऐसा बर्ताव बेशर्मी की हद है। हमने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
राजा तिवारी, सदस्य जेडआरयूसीसी