नर्मदापुरम में कमलनाथ को लेकर विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस का पलटवार, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने दिलाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पुराने ट्वीट की याद..

नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता व नर्मदापुरम मीडिया विभाग प्रभारी राजकुमार केलू उपाध्याय ने नर्मदापुरम के भाजपाइयों द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान को लेकर किए गए प्रदर्शन को हास्यास्पद, बरगलाने वाला, औचित्यहीन और कोरी नौटंकी बताते हुए कहा है कि यह भाजपा का वही दोहरा चरित्र है, जिसके लिए वह कुख्यात है। जारी वक्तव्य में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने कहा कि वरिष्ठ नेता कमलनाथ द्वारा कही गई है बात सौ प्रतिशत सही है कि भाजपा की शिवराज सरकार अपने स्वार्थपूर्ण निर्णयों और आचरण के माध्यम से इस प्रदेश को “मदिरा प्रदेश” में तब्दील कर देने पर उतारू है। भाजपा सरकार के राज में शराब माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों पर भी प्राणघातक हमले करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, माफियाओं की आपस में खूनी गैंगवार चल रही है, पुलिस की मिलीभगत से बार और पब रात भर बेखौफ चल रहे हैं, सड़कों पर महिलाओं का निकलना दूभर हो गया है और दूसरे राज्यों में शराब तस्करी धड़ल्ले से जारी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने प्रदेश सरकार पर उक्त तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान से केवल वास्तविकता और सच्चाई उजागर हो रही है। उनका बयान जनता का अपमान नहीं बल्कि जनता का सम्मान कायम रखने के लिए प्रदेश भाजपा सरकार की आंखें खोलने का सराहनीय प्रयास है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने कहा कि अगर भाजपा के लोग पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान से इतने ही आहत हैं तो वे तब आहत क्यों नहीं हुए जब 14 जनवरी 2020 को प्रातः 10.20 बजे शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट करते हुए “#मध्यप्रदेश या मदिरा प्रदेश” शीर्षक से रायशुमारी कराने का प्रयास किया था। यदि शिवराज सिंह चौहान का वह ट्वीट प्रदेश की जनता का अपमान नहीं था तो वरिष्ठ नेता कमलनाथ का यह बयान प्रदेश की जनता का अपमान कैसे हो गया, भाजपा को इसका जवाब देना चाहिए। जारी बयान में राजकुमार केलू उपाध्याय ने यह भी कहा कि आपसी गुटबाजी के चलते उमा भारती के दबाव में अहातों को बंद करने का निर्णय इस चुनावी वर्ष में पूरी तरह से दिखावटी और प्रतीकात्मक है। इस के सभी पहलुओं पर पहले विस्तृत विचार-विमर्श होना चाहिए था। जल्दबाजी में लिए गए इस निर्णय से पूरे मध्यप्रदेश के “खुले अहाते” में तब्दील हो जाने और अपराधों में वृद्धि होने की आशंका और अधिक बढ़ गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने कहा कि यदि शिवराज सिंह चौहान शराब के सेवन को हतोत्साहित करने के लिए वास्तव में प्रतिबद्ध हैं तो वे कंपोजिट दुकानों के माध्यम से शराब दुकानों की संख्या को दोगुनी कर दिए जाने के अपने अप्रिय निर्णय को अविलंब वापस लें तभी माना जाएगा कि शिवराज सिंह और भाजपा की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है।