प्रदेश व देश 8 साहित्यकारों को मिलेगा अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान, इटारसी में पले-बढ़े कवि शैलेंद्र शरण भी होंगे सम्मानित..

भोपाल। देश की प्रतिष्ठित कला संस्कारों की सृजक आत्मजीवी अशासकीय सांस्कृतिक संस्था अभिनव कला परिषद विगत 60 साल से उत्सव गणतंत्र समारोह का आयोजन करती आ रही है।स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत इस वर्ष साहित्य जगत की तीन पीढ़ियों के साहित्यकारों को उनकी दीर्घकालीन सेवाओं के लिए प्रदेश एवं देश के आठ साहित्यकारों को अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण से विभूषित कर सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। इन 8 साहित्यकारों में शामिल खण्डवा निवासी शैलेन्द्र शरण का इटारसी शहर से पुराना जुड़ाव है। उनकी प्रायमरी शिक्षा शहर के कॉन्वेंट स्कूल में और हायर सेकंडरी तक का एजुकेशन फ्रेंड्स हायर सेकंडरी स्कूल में हुआ है। इसके बाद उनकी स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा खण्डवा में हुई। इनका होगा सम्मान इन आठ साहित्यकारों में हरिवल्लभ शर्मा भोपाल, शैलेन्द्र शरण खंडवा, पत्रकार राम मोहन चौकसे भोपाल,विकास दवे इंदौर, राजेन्द्र गट्टानी भोपाल, डॉ अरुण तिवारी कानपुर, मीरा जैन उज्जैन तथा मलय जैन भोपाल शामिल हैं।यह समारोह 25 जनवरी को शाम 6 बजे मानस भवन भोपाल में आयोजित किया जाएगा।
इस सम्मान समारोह में संगीत विधा के सिद्धहस्त कलाकार वायलिन वादक बसन्त राम भाऊ शेवलीकर, तबलावादक प्रो.किरण देशपांडे तथा संस्कृति परिषद मप्र द्वारा शिखर सम्मान से चयनित नृत्याचार्य पंडित श्रीधर उज्जैन का भी सम्मान किया जाएगा। इस अवसर पर सुगम गायक प्रकाश पारनेरकर, बाल गायिका समीक्षा जोशी,राधिका जोशी राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत करेंगी।विमल भंडारी समारोह का संचालन करेंगे। संस्था कर चुकी है 4 हजार से ज्यादा सम्मान
अभिनव कला परिषद देश की ऐसी मानक संस्था है ,जो 60 वर्षों से सतत युवा खोज समारोह,बरखा महोत्सव,शरद उत्सव, उत्सव गणतंत्र एवं बसन्तोसव संगीत समारोह आयोजित करती आ रही है।इन साठ वर्षों में 370 से अधिक समारोह आयोजित किए जा चुके हैं।4 हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय,राष्ट्रीय युवा संगीतकारों, साहियकारों को अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान से अलंकृत किया जा चुका है। पुराना रिश्ता है इटारसी से अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान के लिए चयनित हुए वरिष्ठ साहित्यकार शैलेन्द्र शरण ने रीज़नल वॉइस अख़बार को बताया कि उनका बचपन इटारसी में बीता है। शहर के कान्वेंट और फ्रेंड्स स्कूल में उनकी स्कूली शिक्षा पूरी हुई। इटारसी शहर से उनका आत्मीयता का रिश्ता रहा है। परिवार की पुरानी यादें उस जुड़ाव को और मजबूत करती हैं। आज भी हमारा पुशतैनी मकान इटारसी के सूरजगंज क्षेत्र में हैं जहां समय-समय पर आना-जाना होता रहता है।