इटारसी। चार साल पहले वर्ष 2018 में शिक्षक नगर की एक सड़क को भूखंड बताकर नगरपालिका के जिम्मेदारों ने बेच दिया था। नपा के जिम्मेदारों की मिलीभगत से यह सड़क शहर के एक व्यवसायी ने खरीद भी ली थी। मामले में शिकायत के बाद हुई जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई थी जिसके बाद एक नपाकर्मी पर एफआईआर दर्ज हुई थी। सिवाए उसके अब तक नपा के बाकी जिम्मेदारों व खरीदार व्यवसायी पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। आरटीआई एक्टिविस्ट सुरेश चिचवारे ने अब इस मामले को फिर से जनसुनवाई में उठाकर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला
नवंबर 2018 में शिक्षक नगर की सड़क पर करीब 800 वर्गफीट जमीन पर मेघा जैन पति सचिन जैन ने मकान निर्माण शुरू किया था, जिसका वार्ड के लोगों ने विरोध किया था। वार्ड के लोगों की शिकायत को तत्कालीन नगरपालिका परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों ने अनसुना कर दिया था। हकीकत यह है कि शिक्षक नगर के भूखंड क्रमांक 55 जो कि मेधा जैन पति सचिन जैन के नाम आवंटित था के बाजू में शासकीय भूमि जो कि 15 फीट चौड़ी सड़की थी, को अवैधानिक रूप से भूखंड क्रमांक 55 ए बनाकर मेघा जैन पति सचिन जैन एवं सचिन जैन पिता किशोर जैन के नाम 30 साल के लिए लीज डीड संपत्ति कर दी थी।
कम दर पर बेची शासकीय जमीन
शासकीय जमीन की यह लीज डीड बाजार मूल्य से बहुत कम दर पर हुई थी। उस समय के कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार दर 1 लाख 50 हजार रुपए थी मगर खरीदार को 24 हजार रुपए प्रीमियम पर दी गईं थी। यह राशि भी शासकीय कोष में जमा नहीं की गई। बबाल मचने पर नगरपालिका ने एआरआई सजीव श्रीवास्तव और सेवाप्रदाता युसुफ अली राजा के खिलाफ मामले में शिकायत की और उनकी गिरफ्तारी हुई। फिलहाल वे जमानत पर हैं।
इनका कहना है
हमने जनसुनवाई में उक्त मामले की शिकायत की है। जब जांच में साफ तौर पर फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है तो इतने दिन बाद भी कार्रवाई नही होना कई सवाल खड़े करता है। इस मामले में नंपा के तत्कालीन कर्मचारी-अधिकारियों सहित खरीदार पर भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए।
सुरेश चिचवारे, शिकायतकर्ता
जनसुनवाई में शिकायत आई है। इस मामले को दिखवा लेते हैं। जो भी उचित कार्रवाई होगी वह अवश्य की जाएगी।
नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर