किसानों के लिए आई थी एक ट्रक खाद, सहेली गांव का भाजपा नेता के घर भिजवा दी 2 ट्रॉली खाद….

इटारसी। जिले के मुखिया नीरज कुमार सिंह किसानों को खाद के लिए परेशान नही होने देने के लिए अपने मातहत अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं और कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर हो इसका उलट रहा है। किसानों को समय से खाद नही मिल रही और उन्हें परेशान किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला केसला से सामने आया है। आदिम जाति सहकारी समिति केसला से रात 10:30 बजे यूरिया खाद वितरण पर बवाल हो गया है। इस सोसायटी में एक दिन पहले ही एक ट्रक खाद समिति से जुड़े किसानों को वितरित करने आई थी मगर रात 11 बजे सहेली निवासी भाजपा से जुड़े एक व्यक्ति को दो ट्राली खाद चुपचाप दे दी गई। सुबह जब किसान समिति कार्यालय पहुंचे और खाद नदारत दिखी तो किसानों का गुस्सा भड़क गया। आदिवासी नेताओं का आरोप है कि भाजपा नेताओं को रात में चुपके-चुपके खाद का वितरण किया गया जबकि गरीब आदिवासी किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं।

किसानों ने किया हंगामा। बड़ी संख्या में किसानों ने समिति के केसला कार्यालय में आकर हंगामा किया। उल्लेखनीय है कि आदिम जाति सहकारी समिति केसला से खाद ले जाने का वीडियो और फोटो वायरल होने के बाद से किसान नाराज हैं और सोशल मीडिया के माध्यम रात को ही सबने आज समिति कार्यालय का घेराव करने की योजना बनायी थी। सुबह दर्जनों किसान केसला पहुंचे और नारेबाजी शुरु कर दी।सूचना मिलने पर केसला थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी और आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया गया।

किसके इशारे पर उठी गोदाम से खाद केसला को सोसायटी से 2 ट्रॉली खाद भराने का काम बिना मिलीभगत और कमीशनबाजी के संभव नही है। इस मामले में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जहां एक तरफ किसानों को गिन-गिन कर दी जा रही हैं वहीं केसला के एक अदने से भाजपाई को 2 ट्रॉली खाद किस आधार पर दे दी गई। रात के अंधेरे में खाद का इतने बड़े पैमाने पर उठाव समिति के जिम्मेदारों की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है।

इतनी खाद वितरित

केसला – 32

सहेली – 28

ताकू – 02

मोरपानी – 06

मल्लूपुरा – 02

चाटुआ-01

घोघरा रैयत – 01

ये बोले समिति प्रबंधक

इन दिनों सुबह से शाम तक धान की खरीद का कार्य चल रहा है, ऐसे में स्टाफ शाम को ही फुर्सत होता है। कल भी शाम 6 बजे से खाद वितरण प्रारंभ किया था। बारिश होने की वजह से किसानों ने देरी से खाद का उठाव किया था। इससे ज्यादा कोई बात ही नहीं है। परसराम यादव, समिति प्रबंधक