नर्मदापुरम। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मचारियों ने समान कार्य-समान वेतन और नौकरी से बाहर किये गए कर्मचारियों को वापस लेने की मांग को लेकर रैली निकाली। नाराज संघ सदस्यों ने काले गुब्बारे छोड़कर अपना विरोध भी दर्ज कराया। इसके बाद संघ ने सीएमएचओ को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है किनलोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में लगभग 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत है जो गत 1 से 20 वर्षों से लगातार कार्यरत है जिन्होंने कोरोना काल के दौरान भी अपनी जान हथेली पर रखकर लगातार स्वास्थ्य सेवाएं दी है जिसमें अपने कई साथियों को भी खोया है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिए केबिनेट में 5 जून 2018 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई थी जिसके अनुसार खेल युवा कल्याण विभाग, महिला बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग, लोक सेवा प्रबंधन विभाग, स्थानीय निधि संपरीक्षा म.प्र. प्रकोष्ठ भोपाल आदि में लागू की जा चुकी है परन्तु एन.एच.एम. के संविदा कर्मचारियों पर आज दिनांक तक यह नीति लागू नहीं की गई है। गत वर्ष 2021 में आंदोलन के दौरान एन.एच.एम द्वारा जारी पत्र क्र. एनएचएम/एचआर/2021/8753 दिया गया था जिसमें कहा गया था कि जून के द्वितीय सप्ताह 2021 तक वित्त विभाग से अन्तिम निर्णय लेकर 5 जून 2018 की नीति लागू कराई जावेगी जो कि आज दिनांक तक लंबित है। संघ की जिलाध्यक्ष डॉ रुपाली तिवारी ने कहा कि 4 साल से हम नीति लागू होने का इंतजार कर रहा है मगर हमारी मांगों पर ध्यान नही दिया जा रहा है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अब 15 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का कदम उठाने जा रहा है।