नियम विरुद्ध बनीं दो दर्जन दुकानों की हुई थी बंदरबांट, जांच के नाम पर जिम्मेदार मौन..

इटारसी। इटारसी शहर की पिछली नगरपालिका परिषद के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के रिकार्ड टूटे थे। सब्जी मंडी में करीब 27 अतिरिक्त दुकानें बनाकर अपात्रों को दी गई थीं। इस मामले को लेकर कई शिकायतें हुईं। इन शिकायतों को नगरपालिका के जिम्मेदार समय-समय पर गलत बताते रहे और अपना बचाव करते रहे मगर बाद में खुद नपा के जिम्मेदारों ने स्वीकारा कि अतिरिक्त दुकानें बनाई गई हैं। यह अतिरिक्त दुकानें किसको दी गईं और किसने उनका आवंटन किया इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।
पीआईसी ने पास किया था प्रस्ताव
पिछली नपा परिषद का कार्यकाल खत्म होने से पहले नपाध्यक्ष सुधा अग्रवाल की अध्यक्षीय परिषद ने सब्जी मंडी के अपात्रों की जांच कराने और अपात्रों को सूची से अलग करने का प्रस्ताव क्रमांक ३१ पारित किया था। उसके बाद से यह प्रस्ताव अमल के लिए आज तक कागजों से बाहर ही नहीं आ पाया है। आज तक इस मामले में नपा के मौजूदा जिम्मेदार इस बात का खुलासा नहीं कर सके हैं कि अतिरिक्त दुकानें किसे आवंटित की गई हैं।
यह है मामला
वर्ष 2015 से पहले शहर की सब्जी मंडी में कुल 93 दुकानें थीं। इनमें कच्ची दुकानें 39, खपरैल की दुकानें 16, फल दुकानें 20, आढ़त की दुकानें 18 शासकीय अभिलेख में दर्ज थीं। नपा ने कच्ची दुकानों को पक्की करने के नाम पर मंडी में 142 दुकानें बना डालीं। इनमें 49 दुकानें अनियमित/अवैधानिक तरीके से बनाई गईं और उन्हें शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगाकर अपात्रों को भी आवंटित किया गया।
पीएमओ से राज्य शासन तक शिकायत
सब्जी मंडी में बिना अनुमति अतिरिक्त दुकान बनाने और अपात्रों को उसका आवंटन करने की शिकायत तत्कालीन भाजपा पार्षद यज्ञदत्त गौर ने पीएमओ कार्यालय से लेकर राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग तक वर्ष 2017 में की थी। शिकायकर्ता ने शिकायत में कहा था कि अतिरिक्त दुकानें बनाकर अपात्रों को आवंटन किया गया है जिससे शासन को आर्थिक नुकसान हुआ है इसलिए मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए मगर  जिला प्रशासन ने आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
संभाग आयुक्त के आदेश की भी अनदेखी
सब्जी मंडी की दुकानों की शिकायत के मामले में ही नगरीय प्रशासन आयुक्त नर्मदापुरम संभाग ने नपा कार्यालय को 4 जनवरी 2019 को आदेश दिया था कि चार बिंदुओं पर कार्रवाई कर पालन प्रतिवेदन भेजें मगर इटारसी नपा के जिम्मेदार अफसरों ने हवा में उड़ा दिया है।
शिकायत के यह थे प्रमुख बिंदु
-वर्ष 2015-16 तक सब्जी मंडी की दुकान किराया संग्रहण पंजी में कुल 39 दुकानदार दर्ज थे मगर पंजी में कांटछांट कर क्रमांक 41 से क्रमांक 52 तक नए नामों की जांच हो।
-गोपीचंद मामराज नामक व्यवसायी शहर में ही नहीं है इस नाम की दुकान का नामांतरण रतनचंद्र धीरेंद्र के नाम से होना।
-किराया संग्रहण पंजी में क्रमांक 40 पर दर्ज हमीद अब्दुल अजीज के बाद दर्ज की गई टीप और उसमें कांट-छांट कर अन्य नाम जोड़ा जाना।
-पंजी के क्रमांक 30 के क्रमांक को ओवर राइटिंग कर बदला जाना।
-पूर्व से निश्चित 20 फल दुकानों की जगह 22 दुकानें और आढ़त की 20 दुकानों की जगह 22 दुकानों का निर्माण होना।
-जोड़े गए नए नामों का वर्ष 2015 से पहले का किराया जमा नहीं होना और उन्हें कोई नोटिस जारी नहीं होना।
-किराया संग्रहण पंजी के 4-4 नाम से अधिक नाम वाले पृष्ठों पर हाथ से नाम लिखे जाना।
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इनका कहना है
हम शुरू से ही कहते आ रहे थे कि सब्जी मंडी में अपात्रों को दुकानें आवंटित हुई हैं मगर उसे दबाने का प्रयास हो रहा था। पीआईसी ने उस समय जांच कराने का प्रस्ताव भी पास किया था मगर जांच नहीं हुई। अभी क्या स्थिति है उसकी जानकारी नहीं है।
यज्ञदत्त गौर, शिकायतकर्ता पार्षद
सब्जी मंडी की अतिरिक्त दुकानें किसके पास हैं इसके बारे में अभी जानकारी नहीं है। हमने बाजार क्षेत्र की सभी दुकानों की पूरी जानकारी मांगी है। इस संबंध में पत्र दिया गया है। जानकारी मिलने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा।
अमृता ठाकुर, सभापति, राजस्व विभाग नपा
हम पता करा लेते हैं कि पीआईसी का क्या प्रस्ताव था। प्रस्ताव पास हुआ होगा तो उसके तारतम्य में कार्रवाई की जाएगी।
हेमेश्वरी पटले, सीएमओ इटारसी