इटारसी. करणी सेना जिन मुद्दों को लेकर जन आंदोलन करने जा रही है वे सबके हित से जुड़े है। इन मुद्दों पर जो दल हमारी बात सुनेगा उसका हम सीना ठोंककर समर्थन और जो नहीं मानेगा उसका सीना ठोंककर विरोध करेंगे। यदि पार्टियां हमारी बात नहीं सुनती है तो हमारी विचारधारा से सहमति जताने वाले सामान्य, एससीएसटी और पिछडा वर्ग के लोगों को साथ लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। विधायक, सांसद, केबिनेट मंत्री की संतानों को आरक्षण की आवश्यमकता नहीं है बल्कि किसी गरीबों को आरक्षण की जरूरत है। किसी भी जाति, वर्ग, धर्म के गरीब को आरक्षण मिलना चाहिए जो शोषित, पीडित और वंचित हो। गरीबी जाति, धर्म, वर्ग नहीं देखती है गरीब तो गरीब होता है। जिन्होंने आरक्षण का लाभ ले लिया है उन्हें बाहर किया जाए जिन्होंने नहीं लिया उन्हें आरक्षण दिया जाए।
यह बात करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने पत्रकारवार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए कही। वे यहां करणी सेना द्वारा प्रस्तावित जन आंदोलन की तैयारियों के सिलसिले में ।आए थे। यहां इटारसी में उनका स्वागत हुआ। इस दौरान प्रदेश सचिव अजीत सिंह, नर्मदापुरम संभाग अध्यक्ष नितेश सिंह राजपूत, संभागीय संगठन मंत्री मोती सिंह राजपूत, संभागीय मीडिया प्रभारी परेश सिंह सिकरवार, संभागीय प्रवक्ता लल्लन सिंह राजपूत, संभागीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह राजपूत, संभागीय उपाध्यक्ष धर्मेश सोलंकी, जिला प्रभारी शशांक गोल्डी बैस, जिला अध्यक्ष विकास सिंह पवार, जिला संगठन मंत्री सचिन सिंह राजपूत, इटारसी नगर अध्यक्ष राम राजपूत, जिला सचिव अजय सिंह राजपूत, तहसील मीडिया प्रभारी कार्तिकेय चौहान, तहसील अध्यक्ष विक्रम सिंह राजपूत मौजूद थे।
आपको बता दें कि करणी सेना परिवार समस्ति राजपूत संगठन व सर्व समाज के तत्वावधान में एक जन आंदोलन का आयोजन किया गया जा रहा है। इस आंदोलन का समापन 8 जनवरी 2023 को जम्बूरी मैदान भोपाल में आयोजित कार्यक्रम के बाद किया जाएगा। इस आंदोलन के तहत पद यात्रा के साथ जन जागरूकता की जा रही है। यह जन आंदोलन आर्थिक आधार पर आरक्षण, एकटोसिटी एक्ट में बदलाव को लेकर किया जा रहा है और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाने सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा हैा यह सभी मांगे भी शासन के समक्ष रखी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि दूसरा एट्रोसिटी एक्ट पर फिर से विचार किया जाए। इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले अपराधों में पहले जांच की जाए और जांच के बाद ही मामला दर्ज किया जाए क्योंकि इसका उपयोग एक हथियार के रूप में किया जा रहा है और झूठे मामलों में लोगों को फंसाया जा रहा है। कुछ लोग तो इसलिए भी इस एक्ट के तहत अपराध दर्ज करा देते है कि शासन उन्हें पैसे देता है। इससे कई लोग परेशान हो रहे हैं।
यह राजनीतिक आंदोलन नहीं है इसमें हर जाति धर्म का व्याक्ति शामिल हो सकता है।