
नगरपालिका में शिक्षा, बाल कल्याण समिति की बैठक में
कार्यालय अधीक्षक व अन्य कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर पार्षद ने जताई नाराजगी
इटारसी। नगरपालिका सभागार में मंगलवार को शिक्षा, बाल कल्याण समिति की बैठक हुई। बैठक में शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर चर्चा हुई। यह चर्चा कार्यालय अधीक्षक व अन्य कर्मचारियों की अनुपस्थिति में ही हुई। नपा के जिम्मेदारों की लापरवाही पर एक भाजपा पार्षद ने नाराजगी जताई। उनका बैठक में दर्द इन शब्दों में छलका कि बैठक में अधिकारी तो छोड़ो एक चपरासी पानी पिलाने को भी मौजूद नहीं है। इसकी शिकायत नपाध्यक्ष पंकज चौरे तक भी पहुंची।
सामाजिक सुरक्षा अधिकारी ने साझा की जानकारी। बैठक में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी सफदर खान ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, अंतरजातीय विवाह, लाड़ली बहना योजना, विकलांग सहायता, गरीबी रेखा से संबंधित सहायता सहित प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजना के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि विकलांग महिला-पुरुष का विवाह होता है, चाहे वह घर से हो तो उन्हें 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है और यदि दोनों में कोई एक विकलांग है तो उन्हें 1 लाख रूपये प्रोत्साहन राशि के अलग से दिये जाते हैं। याने उन्हें 2 लाख रूपये की राशि शासन द्वारा दी जाती है। वहीं विधवा महिलाओं के विवाह पर 2 लाख रूपये की राशि दी जाती है। इसी तरह अंतरजातीय विवाह में भी नियमानुसार 2 लाख रूपये दिये जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा के अलावा जिन माता-पिता की पुत्रियां हैं और पुत्रियों का विवाह हो चुका है तो ऐसे माता-पिता को निराश्रित योजना के तहत पेंशन का प्रावधान है।
सभापति और पार्षद ने किये सवाल.. समिति सभापति नाजिया बेग ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में कई महिलाओं की राशि आना बंद हो गई है। इस पर सामाजिक सुरक्षा अधिकारी खान ने कहा कि इसमें सबसे बड़ा कारण ईकेवॉयसी हो सकता है। क्योंकि शासन ने सभी को समग्र से जोडऩे के लिए ईकेवॉयसी कराना अनिवार्य किया है और शहर में कई ऐसे हितग्राही हैं जिनके पास एक से अधिक समग्र आईडी हैं, ऐसी स्थिति में जब महिलाएं ईकेवॉयसी कराने जाती हैं तो वह जिस समग्र आईडी से लाड़ली बहना योजना में जुड़ी हैं उसे छोडक़र दूसरी किसी समग्र आईडी में ईकेवॉयसी करा लेती हैं उससे उनकी राशि आना बंद हो जाती है। पार्षद ज्योति राजकुमार बाबरिया ने कहा कि कई ऐसी विधवा महिलाएं हैं जिनके दो से तीन बच्चें हैं उनकी पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं, क्या हम शासन की किसी योजना के तहत उन्हें किसी प्रकार की सहायता पहुंचा सकते हैं। इस पर सामाजिक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि कोविड के बाद से शासन ने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चें जिनके माता पिता दोनों नहीं हैं उन बच्चों को 5-5 हजार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि देने की योजना शुरू की है। इसके अलावा गरीबी रेखा के अंतर्गत मुखिया के 60 वर्ष से कम आयु पर 20 हजार रूपये की राशि दी जाती है।
भाजपा पार्षद हुए नाराज पार्षद अमित विश्वास ने बैठक में नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बैठक में न तो कार्यालय अधीक्षक हैं न ही एनयूएलएम, समग्र या किसी अन्य विभाग से कोई अधिकारी, कर्मचारी हैं और तो और एक प्यून तक नहीं है जो पानी की व्यवस्था कर सके। किसी अन्य विभाग की बैठक में क्यों सभी उपस्थित रहते हैं। इसके बाद पार्षद अमित विश्वास ने नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे से फोन पर शिकायत की। बैठक में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी सफदर खान, सभापति नाजिया बेग, पार्षद ज्योति राजकुमार बाबरिया, पार्षद अमित विश्वास, नपाकर्मी, रघुराज सिंह चौहान, लता मनाते, आस्तिक धूरिया मौजूद थे।