सिर्फ संजीव ही क्यों?……..बाकी दोषियों को बचाने एक ही गले में डाला जा रहा है फंदा

भाजपा पार्षद ने नपा के जिम्मेदारों पर बाकियों को बचाने के आरोप लगाए
इटारसी। इटारसी नगरपालिका में अब तक सब कुछ ठीक चल रहा था मगर अब ऐसा लगता है कि पार्षदों के मन में दबे विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। कुछ दिन पहले राजस्व सभापति मनीष ठाकुर ने अवैध होर्डिंगों के मामले में नपा के जिम्मेदारों की घेराबंदी की थी तो अब भाजपा के एक वरिष्ठ पार्षद शिवकिशोर रावत के पत्र ने नपा के गलियारों में गहमागहमी बढ़ा दी है। भाजपा पार्षद शिवकिशोर रावत ने जो पत्र लिखा है उसमें साफ तौर पर शासकीय अचल संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने, शासकीय राशि का गबन करने,फर्जी शासकीय रसीद काटने एवं बिना प्राधिकार के लीज डीड सम्पादित करने के अन्य दोषियों को बचाने का प्रयास करने का आरोप नगरपालिका के जिम्मेदारों पर मढ़ा है।
क्या है मामला
इटारसी नगरपालिका कार्यालय में अध्यक्षीय परिषद में नपा कार्यालय के पूर्व सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव पर पीआईसी ने मुहर लगा दी है। अब यह प्रस्ताव अग्रिम कार्रवाई के लिए नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल को भेजा जाना है। उल्लेखनीय है कि सराफा कारोबारी शंकर रसाल की पत्नी शुभांगी रसाल को फर्जी रसीद के माध्यम से प्लाट बेचने के मामले में कोर्ट ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। इसी आधार पर नपा की पीआईसी ने यह प्रस्ताव पारित किया था।
अन्य दोषियों को बचाने का प्रयास
भाजपा पार्षद शिवकिशोर रावत ने पत्र में लिखा है कि अध्यक्षीय परिषद की बैठक में निलंबित सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव की सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया है किंतु शासकीय अचल संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने, शासकीय राशि का गबन करने, फर्जी शासकीय रसीद काटने एवं बिना प्राधिकार के लीज डीड सम्पादित करने के अन्य दोषियों के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही प्रस्तावित नहीं करी गई है। इस कार्यवाही से ऐसा प्रतीत होता है कि नगरपालिका में अवैध रूप से दुकान/प्लाट बेचकर शासन को करोड़ों रुपये की हानि पहुंचाने के अन्य दोषियों को बचाया जा रहा है। पहले ही एक प्रकरण में सजा पाए चुके संजीव श्रीवास्तव के ऊपर ही सारे प्रकरण लाद कर खरीदी बिक्री में सम्मिलित अन्य लोगों को बचाया जा रहा है।
नपा को नहीं मिली कोई राशि
भाजपा पार्षद रावत ने पत्र इस बात का भी उल्लेख किया है कि आज की तारीख में नगरपालिका के पास 50 से अधिक लीजडीड उपलब्ध हैं और लगभग 100 ऐसी लीजदीड की जानकारी है जो परिषद की जानकारी या स्वीकृति के बिना की गयी हैं और इन लीज डीडों के बदले में प्राप्त प्रतिफल/प्रीमियम राशि भी कार्यालय में जमा नहीं की गई है। अनेकों फर्जी रसीदें भी कार्यालय को मिल चुकी हैं किंतु किसी के विरुद्ध भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही बल्कि मामलों को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया जा रहा है।
जानबूझकर मामले दीवानी अदालत में गए
भाजपा पार्षद रावत ने पत्र में यह भी कहा है कि ऐसी लीज डीड करने वाले 5-6 नामों की जानकारी भी नगरपालिका को है और ऐसी अनेकों फर्जी रसीदें भी हैं जिनको आधार बनाकर करोड़ों रुपए मूल्य के प्लाट/दुकानें हथियाई गयी हैं। इन प्रकरणों में ना सिर्फ नगरपालिका कर्मचारी दोषी हैं बल्कि करोड़ों की अचल संपत्ति कौडिय़ों के मूल्य में प्राप्त करने वाले भी समान रूप से दोषी हैं किंतु अधिकारी आंखें मूंद सिर्फ संजीव के ऊपर ही सारे प्रकरण लाद रहे हैं। भूखंडों के मामले में तो नगरपालिका कूटरचना-गबन को आपराधिक मान ही नहीं रही बल्कि ऐसे मामलों को दीवानी अदालत में ले गयी है। योजनाबध्द रूप से इन प्रकरणों को दीवानी बनाकर लंबित रखने फिर वहां पर सही पैरवी ना करते हुए हारकर अवैध को वैधता प्रदान करने की साजिश दिखती है।
इनका कहना है
शासकीय संपत्ति को खुद-बुर्द करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमने पत्र लिखा है। एक ही कर्मचारी पर सारे प्रकरण डालकर अन्य दोषियों को बचाने की साजिश स्पष्ट नजर आ रही है। समस्त प्रकरणों में अन्य दोषियों के खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए।
शिवकिशोर रावत, भाजपा पार्षद
शासकीय संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में पूर्व एआरआई को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव पास कर शासन को भेज रहे हैं। अन्य जो मामले हैं उनमें भी कार्रवाई चल रही है। शासकीय संपत्ति के साथ खिलवाड़ करने वालों को बचाने के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रितु मेहरा, सीएमओ इटारसी
शासकीय संपत्ति खुर्द-बुर्द करने के मामले में सहयोग करने वाले अन्य दोषियों पर कार्रवाई संबंधी पत्र हमारे वरिष्ठ पार्षद ने दिया है। उन सभी मामलों में कार्रवाई चल रही है। पूर्व एआरआई को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव पास कर शासन को भेज रहे हैं। अन्य दोषियों के खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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