जिले में प्राइवेट वेअरहाउसों की अटकी हैं 20 करोड़ से ज्यादा की उधारी, अब तक नहीं मिला एक पैसा..

-गेहूं रखने फिर बुला रहे ऑन लाइन ऑफर
नर्मदापुरम। जिले में शासकीय अनाज को रखकर किराया कमाने की मंशा से वेअरहाउस तो खूब खुले मगर अब उन वेअर हाउस संचालकों को वेअर हाउस का संचालन करने में पसीना छूटने लगा है। शासकीय अनाज को वेअर हाउसों में रखने वाले प्राइवेट वेअर (private warehouse) हाउस संचालकों को एक-एक साल का किराया (rent) नहीं मिल रहा है। किराया नहीं मिलने से वेअर हाउस संचालक परेशान हैं मगर वे कुछ भी करने में लाचार हैं। उनके पास सिवाए इंतजार करने के और कोई विकल्प नहीं है। जिले के प्राइवेट वेअरहाउसों की किराए की 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम शासन के पास फंसी है। यह रकम कब तक जारी होगी इसका कोई ठिकाना नहीं है।
यह विभाग करता है खरीदी
जिले में समर्थन मूल्य पर सरकार के लिए खरीदी का काम नागरिक आपूर्ति निगम सोसाइटियों पर बनाए जाने वाले खरीदी केंद्रों पर होता है। इन केंद्रों पर तय तारीख समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी होती है। नियत अवधि खत्म होने के बाद अनाज की खेप को पहले शासकीय वेअर हाउसों में भंडारण के लिए भेजा जाता है। शासकीय वेअर हाउस फुल होने के बाद शासन किराए पर लिए गए प्राइवेट वेअर हाउसों में शासकीय अनाज का भंडारण कराता है। बाद में धीरे-धीरे वेअर हाउसों से भंडारित अनाज का उठाव होता है जिसमें कई महीनों या साल का समय भी लग जाता है।
नहीं मिला है अब तक किराया
नर्मदापुरम जिले में शासकीय और प्राइवेट मिलाकर करीब ६३५ वेअर हाउस हैं। इन सभी वेअरहाउसों में कुछ ना कुछ अनाज रखा हुआ है। जिन प्राइवेट वेअर हाउसों में शासन ने भंडारण कराया था उन्हें करीब एक साल से किराया ही नहीं मिला है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में करीब ८० करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान वेअर हाउस किराए के मद में किया जाना है। नर्मदापुरम जिले में यह आंकड़ा करीब 20 रुपए का बताया जा रहा है।
करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए हैं वेअरहाउस
जिले में वेअर हाउस संचालकों ने अलग-अलग क्षमता यानी 5 हजार क्विंटल से लेकर 15 हजार क्विंटल तक के वेअर हाउस बनाए हैं। इन पर फर्मों ने करोड़ों रुपए की राशि लगाई है। शासन सरकारी खरीदी के बाद इन प्राइवेट वेअर हाउसों में खरीदी गई उपज को रखता भी है मगर उसका किराया महीनों या यू कहें एक-एक साल तक नहीं मिलता है जबकि वेअर हाउस संचालकों को अपने खर्चे नियमित रूप से करने पड़ते हैं।
अभी यह है भंडारण की स्थिति
समर्थन मूल्य पर 15 मार्च से शुरू होने वाली गेहूं खरीदी के लिए भंडारण करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकारी वेयर हाउसों में भंडारण क्षमता कम होने के कारण संयुक्त उद्यम के वेयर हाउसों में खरीदे गए गेहूं का भंडारण किया जाएगा। इसके लिए वेयर हाउस कार्पोरेशन ने निजी वेयर हाउसों से ऑन लाइन ऑफर मांगे हैं। जिले में कार्पोरेशन के 11 शाखाओं में 2 लाख 80 हजार मीट्रिक टन के भंडारण की क्षमता है लेकिन 1 लाख 72 हजार मीट्रिक टन अनाज भरा हुआ है। सरकारी गोदामों में सिर्फ 1 लाख मीट्रिक टन का ही भंडारण हो सकता है। जिले में इस वर्ष 2.75 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन होने की उम्मीद है। इस स्थिति में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का अधिकतर भंडारण निजी वेयर हाउसों में किया जाएगा। उधर गेहूं भंडारण के मद्देनजर जिले के सरकारी वेयर हाउस से अनाज का उठाव शुरू कर दिया गया है।
इनका कहना है
प्राइवेट वेअर हाउस संचालक बड़ी राशि लगाकर वेअर हाउस तैयार करते हैं। उनमें शासकीय अनाज का भंडारण भी होता है मगर उसकी राशि कई-कई महीनों तक नहीं मिलती है जिससे बहुत परेशानी होती है। इस सिस्टम में सुधार करने की आवश्यकता है।
अर्जुन भोला, संचालक वेअर हाउस

मध्यप्रदेश में सभी वेअरहाउसों का करीब 80 करोड़ रुपए का भुगतान होना है। शासन स्तर पर इसकी प्रक्रिया चल रही है। बजट आते ही उसका भुगतान भी हो जाएगा। सरकारी वेयर हाउसों में अभी १ लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता है। इस स्थिति में निजी वेयर हाउस में गेहूं रखने की आवश्यकता पड़ेगी। जिसके तहत संयुक्त उद्यम के जरिए ऑन लाइन ऑफर बुलाए जा रहे हैं।

-वासुदेव दावंडे, जिला प्रबंधक मप्रवेयर हॉउसिंग कार्पोरेशन नर्मदापुरम

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