डॉक्टर के प्रयास और यूनिट की मशीनों के चलते बेदम बच्ची के दिल ने शुरू किया धडक़ना, चन्द घंटे बाद तोड़ा दम…

इटारसी। इटारसी शहर के डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में संचालित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई ने अपनी उपयोगिता समय-समय पर साबित की है। इस यूनिट में उपलब्ध बेहतरीन मशीनों के कारण नवजातों की जान को समय-समय पर बचाया जाता रहा है। एक बार फिर इस यूनिट और इसमें काम करने वाले चिकित्सक ने एक चार माह की बच्ची की सांसें थमने के बाद उसके दिल की धडक़नों को फिर से शुरू करा दिया। चिकित्सक के इस प्रयास के चलते एक मां की गोद सूनी होने से बच गई मगर यह खुशी ज्यादा देर नहीं रही। बच्ची ने एक दूसरे अस्पताल में उपचार के दौरान रात करीब साढ़े 8 बजे दम तोड़ दिया।
यह है मामला
मालवीयगंज निवासी आशीष साहू की चार माह की बच्ची पूर्वी साहू है। घर में अचानक ही उस बच्ची ने होश गवां दिए। बच्ची की हालत देखकर बच्ची के मां-बाप घबरा गए और वे उसे लेकर डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल भागे। बच्ची जब अस्पताल पहुंची तो उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी और परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल था। बच्ची को तत्काल ही ड्यूटी डॉक्टर रुचिता ने पीआईसीयू में शिफ्ट किया और डॉ अभिषेक अग्रवाल को सूचना दी तो वे तत्काल ही यूनिट में पहुंचे। वहां बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने बच्ची का चेकअप किया तो उन्हें बच्ची के दिल की धडक़न बंद मिली। बच्ची की हालत देखते हुए उन्होंने उसे उपचार देना शुरू किया जो करीब 30 मिनट तक लगातार जारी रहा। डॉक्टर ने लगातार आधे घंटे तक बच्ची की धडक़न चालू करने के लिए दिल पर दबाव दिया जिससे एक बार उसकी धडक़न आई और फिर रुक गई। इससे डॉक्टर को उम्मीद जागी तो उन्होंने प्रयास लगातार जारी रखा और बच्ची के फेफड़े तक पाइप से लगातार ऑक्सीजन पहुंचाई। करीब एक घंटे की मेहनत के बाद बच्ची की दिल की धडक़न सुचारू हो गई। जब डॉक्टर को खतरा टलने की पुष्टि हुई तो उन्होंने उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा। बच्ची की हालत  स्थिर बताई जा रही थी जिसके बाद उसे वात्सल्य अस्पताल में भर्ती किया किया था। जहां करीब साढ़े आठ बजे रात में बच्ची ने दम तोड़ दिया। डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि जब बच्ची को अस्पताल लाया गया, तब वह पूरी तरह से निष्क्रिय थी। न सांस चल रही थी और न ही दिल की धडक़न थी। उसके माता-पिता को भी नहीं पता कि उसके साथ अचानक क्या हुआ जिससे वह बेदम हो गई थी। हमने करीब एक घंटे के प्रयास के बाद उसकी दिल की धडक़न को चालू कर लिया था। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था। बाद में परिजन उसे वात्सल्य हॉस्पिटल ले गए थे। वात्सल्य हॉस्पिटल के संचालक डॉ रविन्द्र गुप्ता ने बताया कि बच्ची ने रात करीब साढ़े 8 बजे दम तोड़ दिया था। परिजन उसके शव को उसके घर पीली करार ले गए है।

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