इटारसी। वार्ड 12 अंबेडकर नगर झुग्गी बस्ती में 26 जनवरी के राष्ट्रीय पर्व पर वार्ड के पार्षद एवं सभापति मंजीत कलोशिया के झंडावंदन कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ गए हैं। कांग्रेस संगठन द्वारा भाजपा पार्षद एवं सभापति कलोशिया पर एक वीडियो के आधार पर उल्टा तिरंगा फहराने को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं और कार्रवाई की मांग की जा रही है। नगर कांग्रेस कमेटी ने एसडीएम टी प्रतीक राव को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की तो भाजपा पार्षद के बचाव नपा के स्वास्थ्य सभापति ने आकर इसे वार्ड के कांग्रेस के पूर्व नेता का षड्यंत्र बताया है। इधर इसी मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष का भाजपा पार्षद के बचाव में दिया गया पूर्व में बयान भी राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनकर इसे कांग्रेस जिलाध्यक्ष की भाजपा की तरफ से बैटिंग बताया जा रहा है। खुद कांग्रेसियों को जिलाध्यक्ष का यह बयान गले नहीं उतरा था। ज्ञापन सौंपते हुए नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मयूर जायसवाल ने कहा कि झंडावंदन करने वाले एवं ध्वज को बांधकर पोल पर चढ़ाने वाले के खिलाफ एफआईआर की कार्यवाही की जाए। यह सरासर राष्ट्रध्वज का अपमान है। ज्ञापन देते समय कांग्रेस महासचिव राजकुमार केलू, पार्षद दिलीप गोस्वामी, रजनीकांत सोनकर, अधिवक्ता संतोष गुरयानी, गज्जू तिवारी, गुफरान अंसारी, अनिल रायकवार, पंकज राठौर, टप्पू मिश्रा, बाबू चौधरी, नरेश चौहान सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस जन उपस्थित थे। इसी मामल मे पार्षद एवं सभापति राकेश जाधव ने पार्षद मनजीत कलोसिया का बचाव करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके कहा है कि हार की बौखलाहट से पूर्व कांग्रेसी पार्षद ने झूठे आरोप लगाकर साजिश रची है। नगर पालिका चुनाव में भाजपा के युवा प्रत्याशी से बुरी तरह से हारने वाले कांग्रेस नेता ने अपनी खीज और बौखलाहट में फोटो एडिट कर वार्ड 12 के नागरिकों और पार्षद पर झूठे और अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने वीडियो संलग्र कर लिखा है कि राष्ट्रध्वज सीधा है और पूरे सम्मान के साथ फहराया गया है। गणतंत्र दिवस पर हुए इस घटनाक्रम को गौर से समझें तो यह समझ आता है कि अगर गलती से ध्वज उल्टा बांधा गया था तो भी अपमान तो हुआ है और अगर गलती से बंधकर किसी से प्रेरित होकर उल्टा ध्वज बांधा गया था तो ये और भी गंभीर बात है क्योंकि इसमें जानबूझकर राष्ट्रध्वज का अपमान किया गया है और इसके लिए तो कार्रवाई होना ही चाहिए। अब मामला प्रशासन के पाले में चला गया है। प्रशासन की जांच के बाद ही सच बाहर आएगा।
