कांग्रेस पार्षद का नपाध्यक्ष और पूर्व सीएमओ पर छूटा तीर, वीर सावरकर स्टेडियम को लेकर खोला मुंह, कलेक्टर को की शिकायत….

इटारसी। इटारसी नगरपालिका में तीखे तेवरों को करीब ढाई साल से दबाकर बैठे कांग्रेस पार्षद ने आखिर यू टर्न ले ही लिया। कांग्रेस पार्षद ने इटारसी नगरपालिका के वीर सावरकर स्टेडियम प्रोजेक्ट(veer sawarkar stadium) को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे और पूर्व सीएमओ हेमेश्वरी पटले पर आरोपों के लिखित तीर छोड़े हैं। कांग्रेस पार्षद ने जनसुनवाई में इस मामले में कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई है। नगर पालिका परिषद इटारसी द्वारा पुरानी इटारसी स्थित दशहरा मैदान पर कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर हुए कथित भ्रष्टाचार एवं अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का बड़ा आरोप कांग्रेस पार्षद अमित कापरे (congress parshad amit kapre) ने लगाया है। इस आशय की शिकायत उन्होंने कलेक्टर जन सुनवाई नर्मदापुरम को एक पत्र के माध्यम से की है।

इन पर लगाए आरोप
कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने कहा कि इस संपूर्ण टेंडर प्रक्रिया के साथ साथ नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे और पूर्व में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमेश्वरी पटले की भूमिका संदेह के घेरे में है। विदित हो कि नगर पालिका परिषद इटारसी द्वारा पुरानी इटारसी सूखा सरोवर स्थित दशहरा मैदान के विकास कार्य हेतु निविदा क्रं./लोककर्म /22/789 दिनांक 10.10.2022 को निविदा जारी की गई थी। जिसकी अनुमानित लागत 1,30,47,701.00/- रूपये थी। जारी की गई उक्त निविदा प्रक्रिया में पार्षद अमित कापरे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। लेकिन नगर पालिका द्वारा अधूरी और भ्रामक जानकारी प्रदान की गई। जिसके बाद साल भर तक पार्षद को प्रथम अपीलीय अधिकारी उसके बाद राज्य सूचना आयोग तक के चक्कर काटने पड़ गए।

यह किया खुलासा

कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने कहा कि आर टी आई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस निविदा के लिए 4 फर्म क्रमशः संजय बिल्डकॉन, मेसर्स प्रशांत अग्रवाल, आर.बी. ट्रेडर्स व अशोक कुमार पाराशर द्वारा टेंडर डाले गए। नगर पालिका द्वारा उक्त टेंडर प्रक्रिया में मात्र 2 फर्म को ही शामिल रखकर शेष अन्य दो फर्मों को एम.एस.एम.ई. रजिस्ट्रेशन की अनुपलब्धता बताकर टेंडर प्रक्रिया से पृथक रखा गया। नगर पालिका की इस संदेहास्पद प्रक्रिया से ऐसा परिलक्षित होता है कि सिविल कार्यों में एमएसएमई की अनिवार्यता को आधार बनाकर ठेकेदार को अवैधानिक लाभ पहुंचाने की मंशा से दो निविदाएं नहीं खोली गई। उक्त जारी निविदा में 3.86 प्रतिशत कम की दर पर कार्य करने की इच्छुक आर.बी.ट्रेडर्स को उक्त टेंडर प्रदान किया गया। द्वितीय फर्म मेसर्स प्रशांत अग्रवाल ने उक्त निविदा में 2.60 प्रतिशत कम दर पर कार्य करने की मंशा जताई थी।

कम दर वाले को किया बाहर

कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार संजय बिल्डकॉन की दरें स्वीकृत टेंडर से भी न्यूनतम थी । मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार निर्माण आदि सिविल कार्यों में एमएसएमई रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने का प्रावधान नहीं है। इतनी बडी राशी के टेंडर की प्रक्रिया के दौरान मात्र 4 फर्मों का टेंडर आना व उसमें से दो फर्मों की प्राप्त निविदा को बिना खोले दरकिनार कर महज 2 फर्मों की दरो में तुलना कर टेंडर दिया जाना आश्चर्य की बात है। कापरे ने शासकीय नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उक्त समूची टेंडर प्रक्रिया में म.प्र. न. पा. (मेयर इन काउंसिल/प्रेसिडेंन्ट इन काउंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम 1998 का नियम 5 (5) (एक) (ग्यारह) का विधिवत पालन न किया जाकर उक्त पूरी टेंडर प्रक्रिया को लाभ पहुंचाने, लाभ पाने की नियत से संपन्न कराया गया है।

जांच से सामने आएगा सच

कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने कहा कि उक्त संपूर्ण प्रक्रिया की निविदा आमंत्रण, कार्य गुणवत्ता, भुगतान आदि सभी पहलुओं की सूक्ष्मता से जांच किये जाने पर निश्चित ही इसमें बडे पैमाने पर हुये भ्रष्टाचार जिसके चलते शासन को वित्तीय हानि होने की बात खुलकर सामने आवेगी। कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने उपलब्ध साक्ष्यों एवं तथ्यों के आधार पर रीजनल वॉइस अखबार को बताया कि योजनाबद्ध तरीके से बीते 2 वर्षों से नगर पालिका परिषद इटारसी में टेंडर प्रक्रिया में शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद साधारण सम्मेलन 14.10.2022 प्रस्ताव क्रमांक 24 के निर्णय क्रमांक 24 के माध्यम से नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे द्वारा प्राप्त की गई टेंडर संबंधी दर स्वीकृति की सहमति का इस टेंडर में दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में अमृत 2.0 में पार्क विस्तार योजना के टेंडर हुए हैं जिसमें वार्ड क्रमांक 2 और वार्ड क्रमांक 34 में पार्कों के उन्नयन हेतु कुल राशि 1 करोड़ 36 लाख की निविदा नगर पालिका इटारसी द्वारा जारी की गई जिसमें 15 प्रतिशत कम (बिलो) की दर पर निविदाकर्ता को टेंडर प्राप्त हुआ। कापरे ने कहा कि विषय वस्तु की गंभीरता को देखते हुए प्रस्तुत शिकायत व संलग्न दस्तावेजो के अनुरूप सूक्ष्मता से जांच कर दोषियों पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावे ।

इनका कहना है

वीर सावरकर स्टेडियम प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है इस प्रोजेक्ट में नियमों को दरकिनार करते हुए चहेते  ठेकेदार को उपकृत किया गया है। कम दर वाली फॉर्म को बाहर कर दिया गया है जिससे साफ होता है कि इसमें मिलीभगत हुई है। हमने जनसुनवाई में इसकी शिकायत की है।

अमित कापरे, कांग्रेस पार्षद

वीर सावरकर स्टेडियम प्रोजेक्ट में कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। स्टेडियम प्रोजेक्ट के लिए जो प्रक्रिया का पालन हुआ है उसमें पूरी तरह पारदर्शिता रखी गई है जो आप हम पर लगाए जा रहे हैं वह निराधार है।

पंकज चौरे, नपाध्यक्ष इटारसी