नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ से नहीं आए मिनिट्स ऑफ मीटिंग, मार्च तक उजड़ा रहेगा 21 किमी का हिस्सा

हाईकोर्ट में सबमिट होने के बाद ही शुरू हो पाएगा फोरलेन के 21 किमी टुकड़ का काम
इटारसी। इटारसी से बैतूल (itarsi-betul fourlane) के बीच टाइगर कॉरीडोर (tiger corridor)  के चक्कर में कई जगहों पर रुका फोरलेन सडक़ निर्माण का काम नई डिजाइन किया जाना है मगर यह काम साल 2025 में मार्च माह के पहले शुरू होने के कोई आसार नहीं हैं। तब तक इटारसी से बैतूल के बीच अधूरा पड़ा फोरलेन इसी सूरत में ही रहने वाला है। यह हालात इसलिए बन रहे हैं क्योंकि नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मामले में हुई मीटिंग के एमओएम यानी मिनिट्स ऑफ मीटिंग एनएचएआई (NHAI) को नहीं मिल पाए हैं।
कुछ महीने पहले एनटीसीए, एनएचएआई सहित अन्य विभागों की एक बैठक में इटारसी से बैतूल के बीच होने वाले निर्माण की ड्राइंग डिजाइन को लेकर चर्चा हुई थी। इसमें नई ड्राइंग डिजाइन से कुल 21 किमी में निर्माण कार्य होने का निर्णय हुआ था। उस मीटिंग में हुए निर्णय की जानकारी एनएचएआई के माध्यम से हाईकोर्ट में रखी जाएगी जिसके बाद कोर्ट से लगा हुआ स्टे हट पाएगा।
टीम कर चुकी है निरीक्षण
इटारसी से बैतूल के बीच 21 किमी के हिस्से में नए डिजाइन से फोरलेन बनेगा। फोरलेन को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वन्यप्राणियों की जिंदगी भी सुरक्षित रहेगी और वाहनों की आवाजाही भी निर्बाध होती रहेगी। इन हिस्सों में निर्माण कार्य के लिए एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया के साथ हाईकोर्ट के लगे हुए स्टे को हटवाने के लिए प्रक्रिया कर दी है। अब केवल मिनिट्स ऑफ मीटिंग का इंतजार है। इटारसी से बैतूल के बीच जिस 21 किमी के हिस्से में यह निर्माण होना है उसके लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के भोपाल मुख्यालय की टीम उन स्थानों का निरीक्षण भी कर चुकी है। टीम का फोकस पूरे निर्माण को वन्यप्राणियों की सुरक्षा के हिसाब से बनाने पर है।
हाईकोर्ट स्टे से रुका था काम
इटारसी से बैतूल के बीच बागदेव के पास, भौंरा क्षेत्र और बरेठा घाट क्षेत्र में टाइगर कॉरीडोर आने और उनकी व अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षित आवाजाही को आधार बनाकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी जिसके बाद कोर्ट ने इन हिस्सों में काम पर रोक लगा दी थी। करीब 10 महीने से इन तीनों हिस्सों में करीब 21 किमी की फोरलेन सडक़ का काम रुका हुआ है। नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ यानी एनबीडब्ल्यूएल(NBWL)  के साथ हुई मीटिंग के मिनिट जब एनएचएआई अधिकृत तौर पर हाईकोर्ट में अपने दस्तावेजों के साथ रखेगी तब हाईकोर्ट से स्टे हटने की उम्मीद है। इस काम में करीब तीन माह का वक्त लग सकता है।
एनबीडब्ल्यूएल से मिली अनुमति
नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ यानी एनबीडब्ल्यूएल की आपत्ति के बाद एनएचएआई ने इन तीनों हिस्सों में सडक़ की नई डिजाइन बनाकर उसका प्रपोजल भेजा था। एनएचएआई की नई डिजाइन को एनबीडब्ल्यूएल की स्वीकृति मिल गई है। वहीं एनएचएआई ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट का स्टे हटाने की प्रक्रिया भी कर दी है। साथ ही नई डिजाइन से निर्माण कार्य कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी कर दी है।
यह बनेंगे अब नए स्ट्रक्चर
एनएचएआई की जिस डिजाइन को 21 किमी के हिस्से के लिए अनुमति मिली है उसे वन्य प्राणियों की आवाजाही के लिहाज से तैयार किया गया है। विभागीय जानकारी के अनुसार इस 21 किमी लंबाई में करीब 10 अंडरपास, २ ओवरपास, ३ रेलवे ओवरब्रिज, 25 बॉक्स सहित अन्य संरचनाएं बनाई जाएंगी।
इनका कहना है
एनएचएआई ने एनबीडब्ल्यूएल को जो नई डिजाइन का प्रस्ताव भेजा था उसे एप्रूवल मिल गया है। अब कोर्ट संबंधी कुछ प्रक्रिया रह गई है जिसे एनएचएआई के माध्यम से होना है।
मयंक गुर्जर, डीएफओ नर्मदापुरम
हमने नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइन के मानकों के हिसाब से इटारसी से बैतूल के बीच तीन जगहों पर करीब 21 में नई डिजाइन से फोरलेन सडक़ का प्रस्ताव भेजा था। उसे स्वीकृति पहले ही मिल गई है। अब विभाग एमओएम का इंतजार कर रहा है जो मिलते ही हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
नीरज सेन, साइट इंजीनियर एनएचएआई
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