
इटारसी। 25 दिसंबर की रात साढ़े दस बजे पांजराकलां के रेत रॉयल्टी चेक पोस्ट पर मिट्टी से भरे एक डंपर को रोके जाने के बाद हुए डंपर एसोसिएशन के पदाधिकारी बलदेव सिंह ठाकुर और रेत चेक पोस्ट कर्मचारी सोनू व्यास व और सुरिंदर सिंह के बीच विवाद और मारपीट हुई थी। घायल हुए बलदेव सिंह ठाकुर की रिपोर्ट पर दोनों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। 7 दिन बाद इस मामले में करणी सेना की एंट्री ने ठंडे पड़े माहौल को दोबारा गरमा दिया। करणी सेना के सदस्यों ने गुरुवार को नर्मदापुरम के देहात थाने और कलेक्ट्रेट का घेराव किया। करीब डेढ़ घंटे तक करणी सेना के कार्यकर्ता देहात थाने के गेट पर रास्ता बंद कर बैठे रहे। उन्होंने रेत कंपनी के गश्त दल पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया और एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर देहात थाने का घेराव किया। करणी सेना की ओर से पुलिस और खनिज विभाग के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। इस मामले में रेत कंपनी के मैनेजर ने करणी सेना के इस कदम को प्लानिंग से प्रेरित प्रदर्शन बताते हुए प्रशासन और कंपनी पर दबाव बनाने का प्रयास बताया। रेत कंपनी मैनेजर ने रेत चोरी का रास्ता आसान करने के लिए उठाया गया कदम बताया है।
*पहले देहात थाना, फिर कलेक्ट्रेट गेट पर नारेबाजी*
करणी सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इटारसी और नर्मदापुरम दोनो जगहों से जमा हुए। सभी सदस्यों ने देहात थाने का घेराव किया और रेत कंपनी के गश्त दल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग नारेबाजी कर की। दोपहर 3 बजे इटारसी के करणी सेना संरक्षक बलदेव ठाकुर को एफआईआर के लिए थाने में भेजने के बाद सभी उठकर कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचे। गेट पर पहले से मौजूद पुलिस और प्रशासन ने गेट से अन्दर नहीं जाने दिया तो करनी सेना पदाधिकारी कलेक्ट्रेट गेट के सामने जमीन पर ही बैठ गए। 6 थाने के पुलिसकर्मी प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे ताकि कोई अप्रिय हालात ना बनें।
जांच का लिखित आश्वासन मिला तब हटी करणी सेना
कलेक्ट्रेट गेट पर धरना देने पहुंची करणी सेना के तीखे तेवरों की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट बृजेंद्र सिंह रावत, जिला खनिज अधिकारी देवेश मरकाम और एसडीओपी पराग सैनी मौके पर पहुंचे। यहां पहुंचे अफसरों ने करणी सेना पदाधिकारियों से चर्चा की तो पदाधिकारियों ने रेत कंपनी की उड़नदस्ता टीम के कर्मचारियों का पुलिस वैरिफिकेशन, उनके बंदूकों के लाइसेंस की जांच करने और अवैध हथियार रखने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग रखी। करणी सेना ने अफसरों को पोकलेन मशीन से रेत उत्खनन करने की शिकायत की। नाराज करणी सेना पदाधिकारियों को जिला खनिज अधिकारी देवेश मरकाम ने मौखिक आश्वासन देकर धरना से उठने की बात कही मगर बात नहीं बनी। बाद में जब जिला खनिज अधिकारी ने करणी सेना की मांग पर जांच और कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया तब करनी सेना के पदाधिकारी कलेक्टर गेट से धरना खत्म करने को तैयार हुए।
आरोपों पर रेत कंपनी का है अपना पक्ष
करणी सेना के देहात थाना घेराव, खनिज अधिकारी को रेत कंपनी के खिलाफ ज्ञापन देने और कंपनी के कर्मचारियों पर एफआईआर करवाने के लिए उठाए गए कदम से रेत कंपनी के स्थानीय जिम्मेदार पदाधिकारी भी खुलकर सामने आए। रेत कंपनी के मैनेजर रूपेश पैठे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कुछ लोगों द्वारा करणी सेना की आड़ लेकर प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा। इस घटनाक्रम की सच्चाई कुछ और ही है। इटारसी डंपर वालो ने 2 माह पूर्व एक डंपर एसोसिएशन बनाई थी। इन एसोसिएशन के लोगों ने हमारी खदान से आने वाले रॉयल्टी वाले डंपरों को रोककर ड्राइवरों को धमकाया था कि खदान पर गाड़ी भरने मत लाया करो जबकि इनके पास गाड़ियों को रोकने की कोई परमिशन नहीं है हमारे द्वारा इनको ऑफिस बुलवाया गया और इन्हें समझाया गया कि आप ऐसा नहीं कर सकते है और इनसे इनकी मांग पूछी गई। इनके द्वारा हम पर यह दबाव बनाया गया कि हमारे डंपर आपकी खदान से बिना रॉयल्टी के चलेंगे। हमारे द्वारा इन्हें मना कर दिया गया था कि यह काम हम नहीं कर पाएंगे आपको डंपर चलाना है तो रॉयल्टी से चलाइए। उसके बाद से ही यह लोग किसी न किसी प्रकार से कंपनी पर दबाव बनाने का काम करते आ रहे है। दिनांक 25/12/2024 को रात 11.30 बजे इन लोगों के 2 डंपर mp48h1065 और mp05z7142 हमारी होरियापीपर रेत खदान के अंदर भेजकर मिट्टी के नाम पर रेत भरकर ले जाने लगे हमने डंपर को रोककर इनसे पूछा कि आप रेत भरकर ऐसे नहीं ले जा सकते है। हमने तुरंत खनिज विभाग में इसकी जानकारी दी। उस बीच हमारे पांजरा रॉयल्टी काउंटर पर राकेश राज और रानू राज निवासी इटारसी जो डंपर और पोकलेन अवैध रूप से चलाते है, दोनों ने आकर हमारे कर्मचारियों से अभद्रता की गई और उन्हें धमकाया। खनिज विभाग द्वारा इनके एक डंपर mp48h1065 को चेक किया गया जिसमें रॉयल्टी नहीं पाई गई उसे आरटीओ परिसर में खड़ा करवा दिया गया। हमने जब इनसे कहा कि आप के पास परमिशन तो है ही नहीं, इन्होंने बताया sdm नर्मदापुरम के द्वारा हमें मिट्टी समतलीकरण की परमीशन दी गई है। नियमानुसार जब तक खनिज विभाग से परिवहन की परमिशन ना मिल जाए परिवहन नहीं हो सकता है। उनका दूसरा डंपर भी हमारे होरियापीपर खदान के रॉयल्टी काउंटर पर आ गया। उस बीच बलदेव सिंह राजपूत उर्फ बल्लू ठाकुर निवासी इटारसी का हमारे पास फोन आया और नशे में धुत्त होकर उन्होंने हमारे कर्मचारियों को गालियां दी और बोले कि मैं वही आ रहा हूं डंपर लेने। अब मारना पड़े तो सब को मारूंगा। वह अपने साथ 10 से 12 लोगों को लेकर काउंटर पर पहुंचे और हमारे कर्मचारियों से गाली गलौच कर मारपीट करके डंपर भगा ले गए जिसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास मौजूद है। इस पूरे घटनाक्रम में पूरी गलती बलदेव सिंह ठाकुर और राकेश राज की थी। एक तो उनके पास परमिशन नहीं थी दूसरा वे मिट्टी की आड़ में रेतीला भसुवा लेकर बिना किसी की जानकारी के हमारे रास्ते से ले जा रहे थे जिस रास्ते का पैसा हम देते है और गांव वाले हमसे रेत की गाड़ियों की मुकदम्मी 700 रुपए गाड़ी लेते है हमने उनसे यही कहा कि आप गाड़ी खूब चलाओ, पहले परमिशन ले आओ और गांव वालों से बात कर लो नहीं तो यह लोग हमसे आपकी गाड़ी के पैसे भी लेंगे। लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी।और अगले दिन एक प्राइवेट हॉस्पिटल में जानबुझकर भर्ती हो गए। अगर उस रात उनके साथ किसी ने मारपीट की थी तो बलदेव सिंह राजपूत या इनके साथी कोई भी नजदीक के थाने में जाकर घटना की जानकारी दे सकते थे। इन्होंने ऐसा नहीं किया। एक सामाजिक संस्था करणी सेना की आड़ लेकर प्रशासन पर झूठी एफआईआर करने का दबाव बनाने लगे। सोशल नेटवर्क और फेसबुक पर सभी करणी सेना के कार्यकर्ताओं को गुमराह कर झूठी जानकारी दी गई कि करणी सेना के कार्यकर्ता को कंपनी के लोगों ने मारा है।
इनका कहना है
25 दिसंबर की रात 10:30 बजे रेत रॉयल्टी चैकपोस्ट पांजरा कला में डंपर रोकने को लेकर पूरा विवाद हुआ था। फरियादी का कहना है कि रात में मिट्टी भरकर आ रहे डंपरों को नाके पर रोक लिया गया था। जब फरियादी ने मौके पर पहुंचकर मिट्टी के डंपर रोकने का कारण पूछा तो चेकपोस्ट कर्मचारी सोनू व्यास और सुरिंदर सिंह ने मारपीट की। घायल इलाज कराने इटारसी में भर्ती हुए थे। इस बीच वो नहीं आ पाएं। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस फरियादी के घर भी पहुंची थी। रेत कंपनी के सोनू व्यास और सुरिंदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
प्रवीण चौहान, थाना प्रभारी