नर्मदापुरम। पेसा एक्ट अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नर्मदापुरम जिले में 23 नवंबर से 03 दिसंबर 2022 तक जनजातीय बाहुल्य विकासखंड केसला की समस्त 52 पंचायतों के 122 गांव में पेसा एक्ट विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी गुरकरण सिंह ने केसला के ग्राम कालाआखर में जमीन पर बैठकर ग्रामीणों के बीच चौपाल लगाई और जनजातीय वर्ग को सरल तरीके से पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जो अधिकार ग्राम सभा को दिए गए हैं। उससे अब ग्रामीणों को अपनी समस्या हल कराने के लिए किसी को जिला मुख्यालय आने की जरूरत नही है। अब ग्राम सभा को निर्णय ही लेने का अधिकार होगा। उन्होंने बताया कि आपको जल जंगल और जमीन के अधिकार दिए गए हैं। आपको गांव में ही इन अधिकारो का लाभ प्राप्त होगा। इस दौरान चौपाल में जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत
, तहसीलदार इटारसी राजीव कहार सहित बड़ी संख्या में जनजाति वर्ग के लोग उपस्थित रहे।
ग्रामसभा हुई पहले से सशक्त
कलेक्टर एवं एसपी ने
ग्रामीणों को ग्रामसभा का महत्व बताते हुए कहा कि जिन स्थानों पर पेसा एक्ट लागू हो रहा है वहां पर ग्रामसभा अधिकार संपन्न हो गई है। ग्रामसभा बनने से बड़ा लाभ
यह होगा
कि राजस्व से संबंधित मामले में ग्रामसभा के निर्णय महत्वपूर्ण रहेंगे।
ग्रामसभा के माध्यम से गांव का विकास गांव के लोगों के माध्यम से ही हो सकेगा
।। जमीन लेने से पहले ग्रामसभा की अनुमति अनिवार्य उन्होंने बताया कि नये नियमों के अनुसार अब पट
वारी और बीट गार्ड को गाँव
की जमीन का नक्शा,खसरा,
बी वन नकल, गाँव में ही लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे। जिससे कि जमीन के रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। यदि कोई गड़बड़ी करता है तो ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार रहेगा। किसी प्रोजेक्ट के लिये जमीन लेने के लिये ग्राम सभा की सहमति जरूरी होगी। छल, कपट और बल पूर्वक कोई जमीन ह
ड़पता है तो ग्रामसभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा। खनिज के मामले जिनमें रेत खदान, गिट्टी. पत्थर के ठेके देना है या नहीं यह भी ग्रामसभा में ही निर्णय लिया जाएगा। इन्हें पहले जनजातीय समाज सहकारी समिति को दिया जायेगा
। तालाबों का प्रबंधन करेगी ग्रामसभा। सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण भी ग्राम सभा में हो सकेगा तालाबों में सिंघाड़ा उगाने और मछली पालन व मत्स्याखेट की सहमति ग्रामसभा देगी। जनजातीय वर्ग के लोगों को वनोपज संग्रहण करने के साथ उसे बेचने का भी हक होगा। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और ब्रिकी का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। वनोपज के दर ग्रामसभा तय करेंगी। मनरेगा के माध्यम से कब और कौन सा कार्य कराया जाना है यह सब ग्रामसभा ही प्रस्ताव बनाएगी। मस्टर रोल भी ग्राम सभा देख सकेगी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्रामसभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्रामसभा को देनी होगी।
। एफआईआर दर्ज होने पर सूचना ग्रामसभा को देना होगी।
कलेक्टर ने ग्रामीणों को बताया कि जनजाति क्षेत्रों में केवल लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे।
साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा। बिना ग्रामसभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा भी ग्रामसभा कर सकेगी। छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास रहेगा। किसी थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्रामसभा को देना होगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनिटरिंग का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा। मेला एवं बाजार का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी। नये नियमों को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने के लिये पेसा कोऑर्डिनेटर भी बनाये जायेंगे।
कालाआखर में जमीन पर बैठकर चौपाल लगाते कलेक्टर एवं एसपी