नर्मदापुरम। जिले के बानापुरा रेंज के बांसपानी के जंगल में टाइगर की मौत के मामले वन विभाग के दो कर्मचारी भी लापरवाही के चक्कर में नप गए हैं। इन कर्मचारियों में एक चौकीदार है और दूसरा वन रक्षक है। चौकीदार को सेवा से बर्खास्त करने और वन रक्षक को सस्पेंड करने के आदेश सीसीएफ कार्यालय से जारी हो गए हैं। आपको बता दें कि बाघ की मौत के बाद सबसे पहले इसकी जानकारी मौके पर पहुंचे चौकीदार को लगी थी जो शव देखकर घर वापस आ गया था। उसने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी थी। विभाग ने इस कृत्य को घोर लापरवाही की श्रेणी में रखते हुए चौकीदार पर कार्रवाई की है। वहीं वनरक्षक को इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि 3 दिसंबर को बाघ की मौत के बाद 11 दिसंबर तक शव पड़ा रहा अगर वन रक्षक गश्त करने नहीं गया। सीसीएफ अशोक कुमार चौहान ने कहा कि दोनों कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।
3 ग्रामीणों ने लगाया था करंट वाला फंदा टाइगर की मौत करंट वाले फंदे में फंसने की वजह से हुई थी। यह फंदा जंगली सूअर का शिकार करने 3 ग्रामीणों ने लगाया था। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। टाइगर की मौत के जिम्मेदार 3 शिकारियों को टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। शिकार के तीनों आरोपी बांसपानी गांव के ही रहने वाले है। आरोपियों ने पूछताछ में दांत और नाखून काटने से इनकार कर दिया है। अब टीमें दांत और नाखून काटने वालों की जानकारी जुटाने सक्रिय हुई हैं। इस पूरे मामले अकेले तीनों आरोपियों पर ही नहीं बल्कि विभाग के दो कर्मचारी पर भी गाज गिरी है। सीसीएफ कार्यालय ने बीट के एक चौकीदार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है वहीं जिम्मेदार वनरक्षक
जंगली सूअर था शिकारियों का टारगेट
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि जंगली सूअर उनका टारगेट था। जंगली सूअर के लिए फंदा लगाया था लेकिन उसमें टाइगर फंस गया। फंदे में बिजली करंट होने से उसकी मौत हो गई। धोखे से टाइगर का शिकार होने से घबराकर तीनों ने टाइगर के शव को घसीटकर झाडियों में छिपा दिया था। इसके बाद वे गांव में भाग गए थे।
टीमों की मेहनत से हुआ खुलासा
टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन विभाग की टीम ने बारीकी से खोजबीन की तो घटनाक्रम के तार बांसपानी से जुड़ते दिखे। इसके बाद टीमों ने तीन।संदिग्धों को पूरी पुष्टि के बाद पकड़ा। आरोपियों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उन्होंने टाइगर की मौत के कारण का खुलासा किया। वन विभाग की टीम ने तीनों शिकारियों के पास से तार और फंदा लगाने की खूंटिया जब्त कर ली हैं।
11 दिसंबर को मिला था शव
वन विभाग को 11 दिसंबर बुधवार को बांसपानी के जंगल में झाड़ियों में टाइगर का शव सड़ती अवस्था में मिला था। शव मिलने के बाद से शिकारियों को पकड़ने के लिए वन विभाग और टाइगर स्ट्राइक फोर्स की टीमें तीन दिनों से तलाशी अभियान चला रही थी और हर एक छोटी से छोटी जानकारी जुटा रही थी। टीम की यह कड़ी छानबीन काम कर गई। रविवार को टीम ने ग्राम बांसपानी से टाइगर के शिकार के आरोपी कैलाश कोरकू, राम रतन और एक अन्य नाबालिक को हिरासत में लिया है। पूछताछ में शिकारियो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि जंगली सूअर को पकड़ने के लिए बिजली के तार का फंदा लगाया था लेकिन उसमें टाइगर फंसकर जान गवां बैठा था। इसके बाद तीनों ने टाइगर के शव को घसीटकर झाडियों में छिपा दिया था। टाइगर स्ट्राइक फोर्स और वन विभाग की टीमें आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं।
सीसीएफ ने की पुष्टि
सीसीएफ अशोक कुमार चौहान ने बताया कि टाइगर के शिकार के मामले में विभागीय टीमें दिन रात जुटी थी। टाइगर की मौत के मामले में बांसपानी से 3 शिकारियों को पकड़ा गया है। उनसे बिजली के तार और फंदा लगाने वाली खूंटियां जब्त की गई हैं। दांत और नाखून की तलाश की जा रही है। करंट लगने से बाघ की मौत की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि चूंकि शव से दांत और नाखून गायब हैं इसलिए इसमें कुछ और लोग भी शामिल हैं जिनकी जानकारी जुटाई जा रही है।