युवक के फ़टे कपड़ों के स्टाइल ने पुलिस को दिया सुराग,लूट की रिपोर्ट लिखाने वाला ही निकला मास्टरमाइंड…

नर्मदापुरम।माखन नगर रोड पर मामा ढाबे के पास एक युवक के साथ दिनदहाड़े 88 हजार की लूट की घटना की शिकायत ने पुलिस का होश उड़ा दिए थे। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश को आगे बढ़ाया तो पीड़ित युवक के फटे हुए कपड़ों के पैटर्न ने सारा माजरा खोलकर रख दिया। इस युवक के कपड़े उस तरह से ही फ़टे थे जैसे झूमाझटकी में फटते हैं। बस इसी क्लू ने पुलिस को मामले का सच सामने लाने में बड़ी मदद दे दी। लूट की शिकायत झूठी निकली और खुद को पीड़ित बताने वाला ही मास्टर माइंड निकला। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया है।

यह था मामला– माखननगर डायल 100 के द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि बाबई रोड मामा के ढाबे के पास एक व्यक्ति के साथ लूट की घटना हुई है। सूचना पर थाना देहात के थाना प्रभारी निरीक्षक संजय चौकसे मौके पर पहुंचे।वहाँ एक लड़का अपनी मोटर सायकल के साथ खड़ा था उसके कपडे फटे हुये थे। नाम पता पूछने पर अपना नाम लोकेश वर्मा पिता राजेन्द्र वर्मा उम्र 27 साल निवासी एल आई जी 3 न्यास कालोनी हाउसिंग बोर्ड का रहना बताया। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह यस बैंक की सीएसई ब्रांच आउटलेट ग्राम जासलपुर में काम करता है। दिनांक 21/11/22 के करीब 1.30 बजे वह बैंक से 88,000 रूपये अपने पिटटू बैग में लेकर यस बैंक की मैन ब्रांच नर्मदापुरम में जमा करने जा रहा था। बाबई रोड मामा के ढाबे के पास दो लोग जिनके मुँह बधे हुये थे, उन लोगों ने रोका और मारपीट कर पिट्टू बैग जिसमें 88.000 हजार रुपये और दस्तावेज थे उनको लेकर बिना नंबर की मोटर सायकल से बाबई तरफ भाग गये।

ऐसे पकड़ाया आरोपी–पुलिस ने लोकेश से घटना के सम्बंध में पूछताछ की तो लोकेश घटना के बारे में नहीं बता पा रहा था । जिस तरह से लोकेश के कपडे फटे हुये थे उसे देख कर ऐसा नहीं लग रहा था कि किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कपडे फाडे गये है । और लोकेश के शरीर में किसी प्रकार की चोट नहीं थी। संदेह होने पर एवं घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण करने पर घटना किसी षडयंत्र की ओर इशारा कर रही थी। घटना संदिग्ध प्रतीत होने से सूचनाकर्ता लोकेश वर्मा से पुलिस ने सघन पूछताछ की तो लोकेश के द्वारा लूट की घटना की झूटी की रिपोर्ट करना स्वीकार किया उसने पूछताछ में बताया कि उसे पैसे लगाकर ऑनलाईन गेम खेलने का शौक है । जिसके कारण उस पर साढ़े पाच लाख का कर्जा हो चुका है। बैंक में जमा करने वाले 88,000 हजार रूपये भी आनलाईन गेम में हार गया था। उन पैसों को बचाने के लिये 88,000 हजार की लूट की झूठी कहानी रची। उस बैग को जासलपुर से पहले पुलिया के पास खेत में झाडियों के पीछे छिपा दिया था। लोकेश की निशादेही पर उक्त बैग को बरामद किया गया। इस तरह लोकेश वर्मा से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने यह षडयंत्र बैंक में जमा करने वाले पैसे ऑनलाईन गेम में हार जाने के कारण अब वापस चैक को न देना पड़े। इसलिये इस तरह की लूट की झूठी कहानी रची थी । पुलिस लगातार सघन जांच भौतिक साक्ष्यों के आधार पर लोकेश वर्मा के षडयंत्र का खुलासा किया ।