शांतिधाम के लॉकरों में कैद हैं 40 से ज्यादा मृतकों की अस्थियां, परिजनों ने फेरी निगाहें, 3 सितम्बर के बाद समिति करेगी नर्मदा में विसर्जन….

इटारसी। किसी अपने के परलोक सिधारने के बाद सबसे महत्वपूर्ण काम उसकी अस्थियों का किसी पवित्र नदी में विधि विधान से विसर्जन करना होता है और जब अस्थियां विसर्जित नहीं होती हैं तो माना जाता है कि उसकी आत्मा को शांति और मोक्ष नहीं मिलता है। इटारसी के शांतिधाम में कुछ ऐसे ही मृतकों की अस्थियां विसर्जन के इंतजार में हैं। तीन दर्जन से ज्यादा अस्थि कलश इस वक्त खेड़ा स्थित शांतिधाम के लॉकरों में लंबे समय से कैद हैं। 3 सितम्बर के बाद अब समिति खुद ही इन अस्थियों का विसर्जन करने का कदम उठा सकती है।

40 से ज्यादा रखे है अस्थिकलश

शांतिधाम में मृतकों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियों के कलश विसर्जन हेतू लॉकरों में रखे जाते हैं। परिजन अंतिम संस्कार के बाद तीसरे दिन शांतिधाम जाकर वहां से अपने परिजन का अस्थि कलश ले लेते हैं और फिर अपनी इच्छा अथवा मृतक की अंतिम इच्छा के अनुसार किसी भी पवित्र नदी में जाकर उनका विसर्जन करते है। शांतिधाम में अभी 40 से ज्यादा अस्थि कलश रखे हुए हैं जिन्हें लंबे समय से कोई भी लेने नहीं आया है। इन अस्थिकलशों के रखे होने के कारण अब नए अस्थिकलश रखने की जगह नहीं हो पा रही है।

समिति ने लिया संज्ञान

शांतिधाम समिति ने लंबे समय से इन अस्थिकलशों को संभालकर रखा है। काफी लंबा समय बीतने के बावजूद उन अस्थिकलशों के लिए किसी ने संपर्क नहीं किया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए समिति ने अब खुद ही इनके विसर्जन का निर्णय लिया है। समिति ने अस्थि कलशों को लेकर एक अपील जारी की है जिसमें कहा गया है कि शांति धाम में रखे हुए अस्थिकलशों को लेने के लिए अगर 3 सितम्बर तक परिजन संपर्क नहीं करते हैं तो नियत तिथि के बाद समिति ही उन सभी अस्थि कलशों का नर्मदा नदी में सम्मान से विसर्जन कराएगी।

इनका कहना है

शांतिधाम के लॉकरों में कई ऐसे अस्थि कलश रखे हुए है जिन्हें लंबे समय से कोई लेने नहीं आया है। हमने अपील जारी की है कि 3 सितम्बर तक अस्थिकलश जिनके परिवार है वे परिजन आकर ले जाएं, अगर वे नहीं आते हैं तो 3 सितम्बर के बाद समिति ही उन अस्थि कलशों का नर्मदा नदी  में विसर्जन करेगी।

प्रमोद पगारे, संरक्षक शांतिधाम श्मशानघाट सेवा समिति इटारसी