–स्काडा तकनीकी से लैस हुआ तवा बांध, बटन दबाते ही खुलेंगे गेट
राहुल शरण, नर्मदापुरम. जिले में हरित क्रांति का जनक तवा बांध अत्याधुनिक स्काडा तकनीक यानी सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन सिस्टम से लैस हो गया है। अब बस इस सिस्टम से तवा बांध को ऑपरेट करने के लिए बांध का जलस्तर 1157 फीट तक पहुंचने का इंतजार है। अभी तवा बांध में करीब 1150 फीट पानी है। तय लेवल तक पानी आते ही विभाग अपनी टेस्टिंग शुरू कर देगा। जांच टीम ने पूरे सिस्टम का निरीक्षण भी कर लिया है। टेस्टिंग के बाद मिले रिजल्द के आधार पर तवा डेम को स्काडा तकनीक से ऑपरेट करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
1970 के दशक में बना तवा बांध 26 साल बाद हाईटेक हो रहा है। बारिश के दौरान बांध के गेटों का संचालन करने के लिए अत्याधुनिक स्काडा तकनीक यानी सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन सिस्टम का उपयोग किया जा जाएगा। इससे कंट्रोल रूम में बैठेे-बैठे कर्मचारी बांध के 13 गेट एक बटन दबाकर खोल देंगे। स्काडा सिस्टम की टेस्टिंग की तैयारी शुरू कर दी गई है। तवा बांध के 1157 फीट लेवल पर ही स्काडा सिस्टम की टेस्टिंग की जाएगी। यांत्रिकी विभाग की विशेष टीम ने बांध के सभी गेटों की जांच कर ली है।
अभी तक है हाइड्रोलिक सिस्टम
तवा नदी पर 58 मीटर ऊंचे एवं 1815 मीटर लंबे तवा बांध का निर्माण 1970 में शुरू होकर 1978 में पूर्ण हो गया था। सतह से 58 मीटर ऊचे बांध की जलग्रहण क्षमता 1993 मिलियन घन मीटर है। 332720 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता के जरिए नर्मदापुरम और हरदा जिले के खेतों में फसलें लहलहाती हैं। बारिश के दौरान तवा और सहायक नदियों सहित केचमेंट से बांध में ज्यादा जल भराव होने पर बांध के गेट खोलकर बाहर किया जाता है। अभी तक बांध के 13 गेटों को हाइड्रोलिक सिस्टम के जरिए खोला और बंद किया जाता है।
ऐसे होगा संचालन
स्काडा तकनीक के जरिए बांध के गेटों का संचालन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जाना है। इसके जरिए गेट सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्ट रहेंगे। बांध की जलभराव की जानकारी पल-पल कंट्रोल रूम के स्क्रीन पर रहेगी। जरूरत होने पर कंट्रोल रूम से एक बटन को क्लिक करते ही जितने गेट को खोलने की जरूरत होगी वे सब तय ऊंचाई तक चालू जाएंगे। ऊंचाई कम कर उन्हें बंद भी किया जाएगा। तकनीक को लागू करने के लिए बांध पर विशेषज्ञों की टीम गेटों को स्काडा से जोडक़र ट्रायल कर रही है। बांध के लगभग 25 मीटर ऊंचे 13 गेटों की गुणवत्ता और क्षमता की जांच करने के लिए जल संसाधन के यांत्रिकी विभाग की टीम ने बांध का निरीक्षण भी किया। इस दौरान सभी गेटों को खोलकर बंद किया गया। विभाग के मुताबिक किसी भी गेट संचालन में कोई परेशानी नहीं आई है।
इनका कहना है
बांध को स्काडा तकनीक से लैस किया जा रहा है। इसके लिए टेस्टिंग की तैयारी हो गई है। बांध के गेटों की जांच यांत्रिकी विभाग की टीम ने कर ली है। बांध का जलस्तर 1157 तक आने के बाद ही टेस्टिंग होगी।
अंकित सराफ, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग नर्मदापुरम