पर्यटकों की जेबें ढीलीं करते हैं मढ़ई में रिसोर्ट संचालक, संपत्ति कर चुकाने में दिखाते हैं रसूख..

नर्मदापुरम। जिले का प्रसिद्ध टूरिज्म स्पॉट मढ़ई(tourism spot मढ़ई) पर्यटकों को खूब रिझा रहा है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं और कई दिन रुककर वापस चले जाते हैं। इन पर्यटकों से मढ़ई में होटल-रिसोर्ट चलाने वाले मालिक जमकर मुनाफा कमा रहे हैं मगर उनकी जेब से संपत्ति कर नहीं निकल रहा है। मढ़ई में कई रिसोर्ट संचालक (resorts owner)अपने रसूख की दमक पर शासन को ही पिछले 10 साल से आर्थिक चोट दे रहे हैं। सभी 18 रिसोर्ट पर 36 लाख से ज्यादा संपत्ति कर बकाया है। मढ़ई में मुंबई के बड़े व्यापारी, मप्र के पूर्व मंत्री के बेटे, साडा के साड़ा के पूर्व अध्यक्ष सहित अन्य प्रभावशाली लोगों के आलीशान रिसोर्ट हैं, जिनसे संपत्ति कर (property tax) की वसूली करने की हिम्मत जिम्मेदार अफसर नहीं जुटा पा रहे हैं।
इन रसूखदारों के हैं आलीशान रिसोर्ट
मुंबई के बड़े व्यापारी जयदेव मोदी की बेटी अदिति का फोरसिथ लॉन है। इन पर 11 लाख 78 हजार 445 रुपए का बकाया है। मप्र के पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह के बेटे का दोस्तों के साथ पार्टनरशिप में देनवा बैक वॉटर रिसोर्ट है। इस पर 11 लाख 84 हजार 655 रुपए कर बकाया है। जारी सूची के अनुसार पचमढ़़ी के साडा के पूर्व अध्यक्ष कमल धूत का रिसोर्ट सतपुड़ा जंगल ग्रीन स्कैप है। इन पर 1 लाख 53 हजार रुपए संपत्ति कर बकाया है। जनपद सीईओ सोहागपुर संजय अग्रवाल ने बताया कि हमने रिसोर्ट से जुड़े लोगों को नोटिस दिए हैं। फिर मीटिंग कर राशि जमा करने को कहेंगे। प्रशासन के पास रिसोर्ट में कानूनी कार्रवाई के तहत इन्हें बंद करने सहित अन्य सभी विकल्प मौजूद हैं।
मालिक बदलने से होती है दिक्कत
मढ़ई में बने अधिकांश रिसोर्ट को एक हो व्यक्ति लंबे तक नाहीं चला पाते हैं। प्रदेश और जिले के प्रभावशील व्यक्तियों के रिसोर्ट होने के बाद भी ऐसा हो यहा है। कभी स्टाफ की कमी और कभी पर्यटकों के टोटा के चलते बार-बार मालिक बदल जाते हैं। इससे संपत्तिकर जमा करने के लिए जिम्मेदारी तथा नहीं हो रही है। चीतल रिसोटी के स्टाफ रामस्वरूप ने बताम्य पहले यह किसी ओर के पास था अब हम चला रहे हैं। संपत्ति कर कितना जमा हुआ इसकी फाइल नहीं है। इसलिए जानकारी नहीं है। वहीं मढई में बने रिसोर्ट में से कुछ रिसोर्ट नियम के अनुसार नहीं बनाए गए हैं। इसे लेकर एसटीआर प्रबंधन ने कोर्ट में पिटीशन तक दायर कर रखी है। अभी इस पर निर्णय नहीं आया है। एसटीआर के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि कुछ रिसोर्ट को लेकर पिटिशन दायर की है।
संपत्ति कर जमा हो तो सडक़ सहित क्षेत्र का विकास हो
शासन के नियम हैं कि संपत्ति कर की वसूली सभी लोगों से नियमानुसार होगी मगर मढ़ई में जिम्मेदार अफसर प्रभावशाली लोगों के रिसोर्ट होने से उन पर हाथ डालने से बचते हैं। बकायादारों की सूची के सभी लोग संपत्ति कर जमा कर दें तो पंचायत प्रशासन इस राशि से ही बेहतर सडक़ बना सकती है। जनपद पंचायत की जारी सूची के अनुसार मढ़ई के रिसोर्ट संचालकों से प्रशासन को 36 लाख 18 हजार 349 की राशि संपत्तिकर के रूप में लेना है। नेता, मंत्री और उनके रिश्तेदारों के रिसोर्ट होने के कारण टैक्स क्सूली में ढील बरती जा रही है। इससे क्षेत्र का विकास भी पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है।
किस पर कितना टैक्स बकाया
सक्साइन जंगल लाज -45198
मढ़ई रिवर साइट लाज-292182
सतपुड़ा सफारी रिसोर्ट-241012
ड्रीम व्यू हेरिटेज-99081
होटल पारीजात-18556
दा मढ़ई रिसोर्ट-113608
कृष्णा होम स्टे-43748
चीतल रिसोर्ट- 87115
होटल अनमोल-92345
देनवा बैक वाटर-1184655
गोल्ड मार्क लहरसा-114670
फोरसिथ लॉज-1178445 सतपुड़ा जंगल ग्रीन स्केप-153515
होटल पंचतत्व विला-50575
आवश्यम मढ़ई गौरीसा-23225
सतपुड़ा वैली-11730
सतपुड़ा रिवर व्यू-39415
गुलवेरी मेनर-29274
कुल राशि-3618349

बिजनेसमैन जयदेव मोदी की बेटी अदिति मोदी के नाम से रिसोर्ट है। अभी रिसोर्ट बंद है। जल्द ही रिसोर्ट जल्द खुलेगा। जो भी टैक्स है वह अवश्य जमा किया जाएगा।
निपुण कुमार, मैनेजर फोरसिथ लॉन
टैक्स सही नहीं है। शुरू में तो किसी ने टैक्स नहीं लिया। अब दो साल से हमें टैक्स का नोटिस दे रहे हैं। बकाया कैसे तय किया गया है यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए।
राजा खान, संचालक सतपुड़ा सफारी
जो टैक्स की पर्ची पंचायत ने दी है, वह सही नहीं है। बिना मापदंड के ही टैक्स लगा दिया है। इसलिए हमने टैक्स का सही आंकलन करने के लिए कहा रुपए संपत्ति कर बकाया है।
नीलेश खंडेलवाल, संचालक अनमोल रिसोर्ट
हम पता करा लेते हैं कि कितना टैक्स बकाया है। जो टैक्स बकाया होगा उसे हम जरुर जमा कराएंगे।
अली राशिद, संचालक रैनीपानी रिसोर्ट