नर्मदापुरम। बुधनी और मिडघाट( budni – midghat section)के बीच एक टाइगर परिवार (tiger)के साथ बड़ी घटना घट गई। बाघ के दो शावक(tiger cubs) और एक बाघ टहलते हुए बुदनी और मिडघाट के बीच रेलवे ट्रैक पर आ पहुंचे। बेफिक्री में रेलवे ट्रैक पर टहलने के दौरान ही सोमवार की दोपहर में उसी ट्रेक पर ट्रेन आ गई। ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौत हो गई जबकि दो छोटे शावक घायल हो गए। इनके इलाज के लिए भोपाल से डॉक्टर्स की टीम यहां पहुंची है। टीम इन शावकों को बचाने की कवायद में जुटी थी उसी समय देर शाम मौके पर एक बाघिन भी आ गई। बाघिन को आता देखकर हमले के भय से वन विभाग के कर्मचारियों को मौके से पीछे हटना पड़ा। यह गंभीर हादसा सोमवार सुबह 11 से 12 बजे के बीच बुधनी के मिडघाट रेलवे ट्रैक के खंभा नंबर 800/18 के पास हुआ। रेंजर महिपाल सिंह ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर 1 बाघ का शव (tiger dead body)मिला है जिस पर चोटों के निशान है। उसके साथ दो शावक भी घायल हुए हैं। इन शावकों का वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया है। सीहोर के डीएफओ एमएस डाबर ने कहा कि एक बाघ की ट्रेन से टकराने से मौत हो गई है। दो अन्य शावक घायल हैं। दोनों शावको की उम्र एक- एक साल बताई जा रही है। इस मामले में डिप्टी डायरेक्टर वन विहार भोपाल एसके सिन्हा ने कहा कि वन विहार के वाइल्ड लाइफ डॉक्टर्स और रेस्क्यू टीम मौके पर भेजी गई हैं। फिलहाल टीम लौटकर नहीं आई हैं। उनके आने के बाद ही पूरी तस्वीर साफ होगी।
शावकों की हो रही निगरानी
वन विभाग के कर्मचारी अरविंद कुमार के मुताबिक बाघ के शव को रेलवे ट्रैक कें किनारे नीचे से उठाया गया। शव को बुधनी रेंज लाए हैं। ट्रेन की टक्कर से घायल बाघ शावकों को मौके पर ही इलाज दिया जा रहा था तभी शावकों की मां बाघिन भी वहां आ गई। बाघिन के अचानक मौके पर आने कर्मचारी और अधिकारी घबरा गए। बाघिन की चपेट में आने से बचने के लिए कर्मचारियों ने मौके से दौड़कर लगाकर खुद को सुरक्षित किया। इस भागमभाग में वन विभाग की एसडीओ के पैर में चोट आने की बात भी सामने आ रही है। वन विभाग ने शावकों की निगरानी के लिए वन विभाग के दो कर्मचारी उनसे कुछ दूरी पर सुरक्षित स्थान पर तैनात किए हैं। समाचार लिखे जाने तक बाघिन दोनों शावकों के पास बैठी हुई थी