इटारसी। तवानगर की खूबसूरत वादियों के बीच रहने वाले परिवार इन दिनों डर और दहशत के साए में रह रहे हैं। तवानगर के ग्रामीणों में तेंदुओं की दहशत ऐसी फैल गई है कि उन्हें अब घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा डर अपने बच्चों को लेकर लग रहा है क्योंकि खतरनाक तेंदुए मौका पडऩे पर उन्हें भी अपना शिकार बना सकते हैं। एक अधिवक्ता के घर तेंदुआ की एंट्री ने तवानगर में फिर से तेंदुओं से सुरक्षा दिलाने की मांग को जोर पकड़ा दिया है।
तवानगर में घने जंगलों के बीच तेंदुओं की संख्या बढऩे से अब उनकी पहुंच लोगों के घर-आंगन तक होने लगी है। अक्सर तवानगर में तेंदुओं के जानवरों पर हमले करने या ग्रामीणों के आवागमन के दौरान नजर आने के मामले सामने आते रहे हैं। तवानगर के आसपास पानी की उपलब्धता और भोजन पर्याप्त होने से तेंदुओं का मूवमेंट अब रिहाइशी बस्ती की ओर होने लगा है। इन घटनाओं से डरे हुए ग्रामीण अब वन विभाग से इन तेंदुओं को प्रतिबंधित क्षेत्र में छोडऩे की मांग कर रहे हैं।
कुत्तों पर किया हमला
ताजा घटनाक्रम तवानगर निवासी अधिवक्ता भूपेश साहू के घर का है। पिछले दिनों उनके घर की बाउंड्री में एक कुतिया अपने बच्चों के साथ सो रही थी। रात करीब 3 बजे एक तेंदुए ने कुतिया को दबोच लिया। कुतिया के चिल्लाने पर अधिवक्ता भूपेश साहू ने बाहर देखा तो तेंदुआ कुतिया को घसीट रहा था। वे और उनका पालतू कुत्ता उसे बचाने दौड़े तो तेंदुए ने उनके पालतू कुत्ते पर हमला कर उसे घायल कर दिया। इस घटना से उनका परिवार भी अब दहशत में है।
पहले भी किया है तेंदुओं ने शिकार
तवानगर में तेंदुओं की दहशत का यह कोई पहला मामला नहीं है। पालूत जानवरों पर तेंदुओं ने इससे पहले भी हमले किए हैं। तेंदुओं ने इससे पहले गाय, भैंस, बकरी, कुत्ते और अन्य छोटे मवेशियों को भी अपना शिकार बनाया है। उस दौरान भी वन विभाग से तेंदुओं को रेस्क्यू कर यहां से दूर छुड़वाने की मांग उठी थी मगर उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब इस घटना के बाद यह मांग फिर से जोड़ पकडऩे लगी है। गा्रमीणों का कहना है कि ग्रामीणों के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग कई मर्तबा काम से घर के बाहर निकलते हैं ऐसे में तेंदुए उनकी जान भी ले सकते हैं।
इनका कहना है
तेंदुए तवानगर के लिए अब खतरा बनने लगे हैं। हमारे घर की बाउंड्री के अंदर से एक कुतिया को तेंदुआ उठाकर ले गया। हमारे पालतू कुत्ते को भी हमला कर घायल कर दिया। बच्चों के साथ भी किसी दिन हादसा हो सकता है। हमने पंचायत और वन विभाग से तेंदुओं को प्रतिबंधित क्षेत्र में रेस्क्यू करने के लिए आवेदन पत्र दिया है।
भूपेश साहू, निवासी तवानगर
तवानगर के जंगल में तेंदुओं की संख्या बढऩे से अब वे बस्ती की तरफ आने लगे हैं। तवानगर के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग तेंदुओं का मूवमेंट बढऩे से डरे हुए हैं। हम पंचायत की ओर से वन विभाग से मांग करते हैं कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए तेंदुओं का यहां से रेस्क्यू किया जाए।
शिवनारायण धुर्वे, सरपंच रानीपुर पंचायत
इटारसी के लिए जाते समय आए दिन तेंदुए दिखते रहते हैं। कई बार बस्ती तक आ जाते हैं। अभी तक तो जानवरों पर ही हमला किया है मगर किसी दिन ग्रामीणों के साथ भी घटना हो सकती है। वन विभाग को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
मोहन ठाकुर, निवासी तवानगर
तवानगर के जंगलों से तेंदुओं के मूवमेंट बस्ती तरफ होने की जानकारी मिली है। अक्सर भोजन की तलाश में तेंदुए गांव तक आ जाते हैं। हम प्रयास करेंगे कि तेंदुओं का सुरक्षित रेस्क्यू प्रतिबंधित क्षेत्र में हो सके।
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