इटारसी एसडीएम के खिलाफ अधिवक्ता हुए लामबंद, ज्ञापन में की अभद्रता करने की शिकायत, एसडीएम बोले नियम से ही चलती है कोर्ट….

इटारसी। इटारसी अनुविभागीय कार्यालय के अधिकारी आईएएस टी प्रतीक राव की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधायक डॉ शर्मा से मुलाकात की। अधिवक्ताओं ने एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें एसडीएम पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उन्हें इटारसी से अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग उठाई है। विधायक डॉ शर्मा को सौंपे गए ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा है कि इटारसी एसडीएम टी प्रतीक राव प्रत्येक कार्य दिवस में प्रकरणों की सभी फाईल बोर्ड पर रखते है, चाहे वह प्रकरण औपचारिक तौर पर सामान्य प्रकिया के तहत बढ़ने वाले ही क्यो न हो। इटारसी में अन्य तीन ए०डी० जे० कोर्ट 05 मजिस्ट्रेट कोर्ट तथा तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार न्यायालय भी है किन्तु मजबूरी वश सभी वकीलों को शाम 6.00-7.00 बजे तक एसडीएम कोर्ट में चुपचाप बैठे और खड़े रहना पड़ता है और यदि कोई वकील आपस में या पक्षकार से तनिक मात्र भी चर्चा करता है या बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर अपने तर्क रखता है तब अक्सर देखा गया है कि वकीलों को आम जनता और सभी उपस्थित वकीलों को स्टाफ के सामने एसडीएम प्रतीक राव द्वारा अपमानित कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कराया जाता है और न्यायालय अवमानना की धमकी देकर डराया धमकाया जाता है। अधिवक्ता नीना वर्मा के विरूद्ध ऐसा ही 500/-रू० का अर्थदण्ड विधि विरूद्ध लगाकर उन्हें अपमानित किया गया। उक्त अर्थदण्ड को नीना वर्मा द्वारा जमा किया गया। धारा 151 सीआरपीसी के प्रकरण में व्यक्तियुत प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर अपर सत्र न्यायालय इटारसी हर्ष भदौरिया द्वारा पारित आदेश को पालन न कर अनावेदक को समय सीमा में जमानत पर मुक्त नही किया गया। इसी तरह अधिवक्ता  संदीप के साथ भी मात्र प्रकरण में तर्क रखे जाने पर उनके विरूद्ध मौखिक तौर पर न्यायालय अवमानना की कार्यवाही का आदेश दिया गया। इस पर उपस्थित वकीलों ने एसडीएम टी प्रतीक राव से चर्चा करना चाही तो उन्होने वकीलों से चर्चा करने से इंकार किया। इस तरह उनके द्वारा निरंतर वकीलों के साथ र्दुव्यवहार करते हुए अपने अधिकारों का दुरूपयोग किया जा रहा है जिससे वकीलों में भारी असंतोष है। इसके अतिरिक्त अनेकों प्रकरणों में तर्क श्रवण कर आदेश के लिए दिनांक नही दी जाती है और न ही उन्हे अग्रिम कार्यवाही से अवगत कराया जाता है।

पहले भी हो चुके हैं विवाद

इटारसी एसडीएम पद पर आईएएस अधिकारियों की प्रशिक्षु के तौर पर नियुक्ति होती रही है क्योंकि शासन ने इटारसी को महत्वपूर्ण सेंटर माना है और इसे आईएएस अधिकारियों को राजस्व कार्यों की ट्रेनिंग के लिए ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर उपयुक्त स्थान माना है। इससे पहले भी यहां पर शनमुख प्रिया मिश्रा, धनराजू एस, हिमांशुचंद, हरेंद्र नारायण जैसे आईएएस अधिकारी आ चुके हैं। इनमे से आईएएस हिमांशुचंद और हरेंद्र नारायण के साथ जमकर टकराव की स्तिथि बनी थी। बाद में उन्हें यहां से ट्रांसफर कर दिया गया था। चूंकि इटारसी में प्रशिक्षु आईएएस को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है तो ये बात भी स्वाभाविक है कि जब तक आईएएस अधिकारी फाइल का अध्ययन नही करेंगे तो उन्हें सीखने का मौका कैसे मिलेगा, अगर बिना अध्ययन कोई फाइल पर गलत हस्ताक्षर हो हुए तो अधिकारी की सीआर भी जाने का खतरा रहेगा, इन सब पर शासन को भी विचार करना चाहिए। मौजूदा एसडीएम और अधिवक्ताओं के बीच अचानक खिंची तलवार के पीछे का सच क्या है ये या तो एसडीएम जानते हैं या फिर अधिवक्ता……इस पर टिप्पणी नही की जा सकती है।

एसडीएम बोले…..

अधिवक्ताओं के ज्ञापन के मामले में एसडीएम टी प्रतीक राव ने कहा कि इस विषय में उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। सबको पता है कि कोर्ट नियम से ही चलती है। इससे ज्यादा वे कुछ नही कहना चाहते हैं।