रेत कंपनी के वाहनों और कार्यालय में पथराव करने में 3 महिलाएं भी थीं शामिल, कुल 10 लोगों पर थाने में दर्ज हुई एफआइआर..

नर्मदापुरम।  जिले की जावली रेत खदान (javli khadan)पर 24 मई को कुछ लोगों ने भीड़ की शक्ल में कंपनी की गाड़ियों और दफ्तर में तोड़फोड़ की थी। इन लोगों ने जमकर पथराव भी किया था जिसमे महिलाएं भी शामिल हुई थी। कंपनी के प्रतिनिधि की शिकायत पर  माखननगर थाने(makhan nagar police station) में ठेका कंपनी के द्वारा 2 एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें 10 लोगों पर तोड़फोड़, अड़ीबाजी के आरोप में केस दर्ज किया गया है। 10 आरोपियों में गांव की 3 महिलाएं भी शामिल है जो पथराव में पुरुषों से पीछे नहीं थी।                      

यह था मामला

जावली रेत खदान अपर आरोपियों द्वारा डंपरों को पहले बंधक बनाकर रखा गया। फिर उस पर पथराव कर तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान गांव और रेत खदान के पास की लाइट बंद कर दी गई। इससे अंधेरा हो गया था। मौके पर खड़ी एक बोलेरो एमपी 04 जेडक्यू 0863 भी आरोपियों ने पलट दिया था। उसमें तोड़फोड़ भी की गई थी। कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा था। पुलिस के पहुंचने के बाद गांव के लोग हटे थे तब जाकर खदानों से डंपर रेत लेकर निकले थे। घटना के बाद रात में जावली खदान और गांव के पास पुलिस छावनी बन गई थी। भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा था। पुलिस रात में पेट्रोलिंग करती रही। 2 कर्मचारी भी घायल हुए थे।

इन पर दर्ज हुआ प्रकरण

माखननगर थाने में कम्पनी के 2 कर्मचारी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। पहली एफआईआर में फरियादी रुपेश पेठे ने आरोपी मुन्ना उर्फ सुरेश तोमर, राधा बाई कहार, मनोज गौड़, मोनू उर्फ आदिल पिता लल्सु मिया चारों निवासी ग्राम जावली, विजय गौड़ निवासी डूडीया पर केस दर्ज कराया। दूसरी एफआईआर में फरियादी इमरान खान ने आरोपी गोपाल पठारिया, नितिन टेकाम, मुलिया बाई, रमिया बाई, अनिल कहार निवासी जावली पर केस दर्ज कराया। आरोपियों पर पैसे के लेनदेन पर अडीबाजी, गाली गलौच करना, जान से मारने की धमकी देना, कूलर कुर्सी, गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के आरोप है।

पूर्व में भी हो चुके हैं विवाद

नर्मदापुरम जिले में रेत के कारोबार में वैधऔर अवैध तरह से कई बड़े लोग शामिल है। कुछ नेता भी अप्रत्यक्ष रूप से कारोबार से जुड़े है।  जिले में रेत चोर और माफिया बड़े स्तर पर सक्रिय है। जो अवैध उत्खनन और परिवहन करते हैं। वे उनके काम में अड़ंगा डालने पर विवाद, मारपीट तक करते है। शासन से अनुमति लेकर काम करने वाले ठेकेदार को भी माफिया खदानों से रेत खनन नहीं करने दे रहे हैं। जिसके कारण 5 साल में 2 बार अलग-अलग रेत ठेकेदार सरेंडर कर चुके है। नर्मदापुरम जिले से तीन समूहों को 172 करोड़ में 64 लाख घनमीटर निकालने के लिए ठेका दिया गया। 79 खदानों में 19 ही चालू हो पाई हैं। इनमें भी स्थानीय रेत चोर मारपीट, तोड़फोड़ कर तोड़फोड़ कर रहे हैं। 24 मई को जावली रेत खदान पर हुए उपद्रव भी ताजा उदाहरण है। इससे पहले 2019 में प्रदेश का सबसे महंगा रेत का ठेका 262 करोड़ में लेने के बाद आरकेटीसी कंपनी काम छोड़कर चली गई। तब भी बार बार रेत कम्पनी के कर्मचारी, रॉयल्टी दफ्तर, जांच नाके और कम्पनी की गाड़ियों में तोड़फोड़ होती थी। पिछले महीने आमखेड़ी रेत खदान पर भी विवाद, तोड़फोड़ हुई थीं।