इटारसी। श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र शहर के प्राचीन हनुमान धाम मंदिर पीपल मोहल्ला मंदिर के गर्भगृह का विस्तार हो गया है। कई दशक पुराने मढिय़ा नुमा गर्भगृह का समिति ने विस्तार कराने के बाद विशेष साज-सज्जा की है, जिसके बाद श्रद्धालुओं को बेहद आराम ओर दूर से पवनसुत हनुमान जी के विग्रह के दर्शन हो रहे हैं। मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी के अलावा दो दुर्लभ हनुमान जी के विग्रह विराजे हैं। रविवार को मंदिर समिति ने हनुमान जन्मोत्सव एवं रामनवमीं के सफल आयोजन के बाद समिति सदस्यों का मिलन समारोह आयोजित किया, इस अवसर पर सभी भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। समिति से जुड़े लखन बैस, पवन बोहरा ने बताया कि नांदेड़ के कलाकारों की नक्काशी से मंदिर के शिखर का भव्य स्वर्ण रंग से सौंदर्यीकरण किया गया है, शिखर जी पर विराजी हनुमान जी की प्रतिमा को बाहर लाकर आसपास रंग-बिरंगी लाइट लगाई गई है, अंदर गर्भगृह का विस्तार किया गया है, यहां सागौन की नक्काशी से तैयार सुंदर पट लगाया गया है, मंदिर में अब हनुमान जी 24 घंटे वातानुकूलित गर्भगृह में रहेंगे, इसके लिए अंदर एसी भी लगाया गया है। ओव्हर ब्रिज की सीढिय़ों से नीचे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को वर्षा और धूप से बचाव के लिए एक कवर्ड शेड भी तैयार कराया गया है। भविष्य में मंदिर समिति यहां स्थापित भगवान शिव मंदिर को भव्य रूप प्रदान कर यहां देश के द्वादश ज्योर्तिलिंग की स्थापना भी करेगी, इस पर समिति विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि इटारसी शहर में घनी बसाहट से पहले यहां हनुमान जी की प्राचीन मढिय़ा पीपल के एक वृक्ष के नीचे विराजी है। यहां से गुजरने वाली सारी ट्रेनों के ड्राइवर दादा धाम में हार्न बजाकर सलामी देते हैं। पुराने लोग बताते हैं कि अंग्रेजी हुकूमत के दौर में यहां जब रेल लाइन बिछाई जा रही थी, तब अधिकारियों को काम में काफी समस्याएं आ रही थीं, तब अधिकारियों ने बुर्जुगों की सलाह पर रामभक्त हनुमान जी का पूजन अर्चन किया, इसके बाद उनका काम सफल हो गया। शहर की कई पीढिय़ां गुजर गई हैं, कालांतर में मंदिर समिति ने धीरे धीरे जनसहयोग से इस मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान किया है। समिति के सभागृह में साल भर संकीर्तन, भजन, रामकथा, श्रीमद् भागवत गीता समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धालुओं द्वारा कराए जाते हैं। मंदिर के पीछे एक सुंदर बगीचा एवं पार्किंग स्थल भी विकसित किया गया है। पुजारी के बेटे ने दिया सहयोग इस मंदिर के पुजारी नरेंद्र तिवारी के पुत्र ओम तिवारी ने गर्भ गृह की डिजाइन तकनीकी सलाह में अहम योगदान दिया, ओम तिवारी के प्रयासों से समिति को काम करने में मदद मिली।