इटारसी। इटारसी के धोखेड़ा में तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर वैकुंठ सुदर्शन धाम का निर्माण होगा। भगवान वेंकटेश्वर का यह मंदिर देश मे शिल्प कला का अनूठा उदाहरण पेश करेगा और देश के प्रसिद्ध धर्म स्थान में गिना जाएगा। करीब 25 करोड़ की लागत से ये वैकुंठ सुदर्शन धाम करीब 5 एकड़ में बनकर देश-दुनिया के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा। इस वैकुंठ धाम के लिए भव्य भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि बैकुंठ सुदर्शन धाम का प्रकल्प आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की एकता और अखंडता की प्रेरणा का केंद्र बनेगा। यह धाम देश मे राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होकर आध्यात्मिकता को मजबूत बनाएगा। यह धाम देश के उत्थान के लिए उत्तम मानव निर्माण के संकल्प की पूर्ति में सहायक होगा। शिक्षा, आरोग्य, स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अपनी महती भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा, विधायक राघौगढ़ संजय सत्येंद्र पाठक, मध्यप्रदेश तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष इटारसी पंकज चौरे , जनपद अध्यक्ष भूपेंद्र चौकसे, अखिल भारतीय स्वामी सीताराम आचार्य भागवत गोष्टी न्यास ट्रस्ट के संस्थापक युवराज स्वामी राम कृष्णा आचार्य, राम मंदिर वृंदावन के श्री 1008 श्री गोवर्धन रंगाचार्य स्वामी महाराज, श्री 1008 श्री स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज इटारसी, भूमिपूजन के लिए आए आचार्य कर्नाटका से राम प्रिय भट्टर स्वामी स्वामी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन मानिकपुरी भिलाई ने किया।
इटारसी में आवागमन की सुविधा
संस्थापक युवराज स्वामी श्री राम कृष्णा आचार्य जी ने मंदिर परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इटारसी बड़ा जंक्शन है और इसे देखते हुए ही वैकुंठ सुदर्शन धाम बनाने का निर्णय हुआ। यह धाम देश मे अपनी अलग पहचान बनाएगा। यह आयोजन अखिल भारतीय स्वामी सीतारामचार्य भागवत संगोष्ठी न्यास द्वारा किया गया। श्री वेंकटेश्वर मंदिर का भूमि पूजन विधिवत शास्त्रों में निहित परंपरा के अनुरूप किया गया।
इटारसी में ऐतिहासिक पहल हुई है
राज्यपाल पटेल ने कहा कि ईश्वर की सभी रचनाओं में मानव ही सबसे शक्तिशाली और बुद्धिशाली है। केवल मानव को ही बोलने की शक्ति ईश्वर द्वारा प्रदान की गई है। मानव को धन अर्जन, स्वयं के विकास तक ही सीमित न होकर देश के विकास के लिए भी अग्रसर होना पड़ेगा। उन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति के गौरव उत्थान की ऐतिहासिक पहल इटारसी से करने के लिए न्यास को बधाईयां दी। उन्होंने कहा कि वेंकटेश्वर मंदिर धाम राष्ट्रप्रेम , राष्ट्र गौरव की भावना और आध्यामिकता को जनमानस में प्रवाहित करेगा। राज्यपाल पटेल ने कहा कि वैकुंठ सुदर्शन धाम समाज में शिक्षा, योग , ध्यान, स्वास्थ्य और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति भी जागरूकता लाने में सहयोगी बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में सभी के कल्याण के लिए कार्य करने का सर्वाधिक महत्व दिया गया हैं। आप सभी ने जिस निष्ठा के साथ श्री वेंकटेश्वर मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया है उसी भावना के साथ आप सभी समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने की परिकल्पना के साथ समतामूलक , समावेशी समाज बनाने के हमारे राष्ट्रीय प्रयासों में सहयोगी बने और उन्हें बल प्रदान करें।
यह भी बोले राज्यपाल
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सुधार के लिए हमारे बीच से ही नागरिक आगे आते हैं। युग साक्षी है कि जब भी समाज में बुराई के तत्व बड़ने लगते हैं , तब कोई महापुरुष हमारे बीच से ही आगे आकर उन बुराइयों को दूर करता हैं। गीता में भी भगवान कृष्ण ने कहा है कि “जब भी समाज में अधर्म में बढ़ेगा मैं जन्म लेकर सभी का कल्याण करूंगा”। आज जब दुनिया में सामाजिक सुधारों और प्रगतिशीलता की बात होती है तो यहां माना जाता है कि सुधार जड़ों से दूर जाकर ही होगा। लेकिन जब हम भारतीय संस्कृति कि इस संत परंपरा को देखते हैं तो हमें एहसास होता है कि प्रगतिशीलता और प्राचीनता में कोई विरोध नहीं है। राज्यपाल पटेल ने कहा कि हम अपनी असली जड़ों से जुड़े अपनी वास्तविक शक्ति से परिचित हो। हमारी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता की विरासत के संरक्षण और संवर्धन में सहभागी होकर भावी पीढ़ी को भारतीय जीवन मूल्य से संस्कारित करें।