नर्मदापुरम। नर्मदापुरम संभाग मुख्यालय स्तिथ परिवहन कार्यालय इन दिनों बदनामी की डगर पर चल पड़ा है। परिवहन कार्यालय में नियमों को ताक पर रख दिया गया है। कार्यालय में कुछ भी सिस्टम से नही होने के कारण वाहन मालिकों को परेशान होना पड़ रहा है। परिवहन कार्यालय में बाबुओं द्वारा कथित तौर पर अपने काम निपटाने के लिए सेकंड हैंड यानी सहायक सेट करके रखना, लाइसेंस देने के लिए अलग अलग जगह चक्कर कटवाना, लाइसेंस देने के नाम पर कथित तौर पर हथेली गर्म करने का दबाव बनाना सहित कई तरह हथकंडे अपनाए जाने की सूचना सूत्रों से मिल रही है।
एक बाबू का नाम भी उछला, फिर भी नही दिया ध्यान
पिछले कलेक्टर की जनसुनवाई में आरटीओे विभाग का नाम जमकर उछल चुका है। एक आवेदक ने दो महीने से लाइसेंस नही देने का मामला भी उठाया था। आवेदक ने कहा था कि लाइसेंस शाखा के बाबू विजय श्रीवास्तव दो महीने से लाइसेंस के लिए चक्कर लगवा रहे है। आवेदक ने कलेक्टर को दिए आवेदन में लाइसेंस दिलाने के लिए गुहार लगाई थी दूसरे आवेदक ने आरटीओ कार्यालय में काम करने की जानकारी देते हुए कहा था कि बाबुओं ने अपने काम के लिए निजी आदमी रखे हैं। कर्मचारियों के निजी सहायक को विभाग की तरफ से वेतन ना देकर बाबुओं द्वारा खुद ही अपनी जेब से तनख्वाह देने का सिस्टम चल रहा है। इतने दिन काम करने पर वह भी नही मिला। इन सबके बावजूद विभाग के जिम्मेदार चहेतों को बचाने में लगे रहे।
यह आरोप भी लगे, विभाग चुप
सूत्रों के अनुसार आवेदक ने परिवहन कार्यालय में वाहन मालिकों से अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए थे। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में कहा गया था कि उसे दो साल से वेतन नही मिला, वेतन मांगने पर उसे काम से ही निकाल दिया गया। उल्लेखनीय है कि परिवहन कार्यालय में कथित भ्रष्टाचार की शिकायत कोई नई नहीं है, इसके पहले भी इस कार्यालय में अव्यवस्था और निजी कर्मचारियों से कार्य कराने व अभ्रद व्यवहार की शिकायतें सामने आ चुकी हैं मगर आज तक इन कमियों को दूर नही किया जा सका है। इतना सब कुछ होने के बाद भी आरटीओ कार्यालय के जिम्मेदार व्यवस्था सुधारने के प्रति गंभीर नही दिख रहे हैं।
अभी ये है स्तिथि
सूत्रों के मुताबिक आरटीओ कार्यालय में ठेका कर्मचारियों को यहां की बाबूगिरी ने अवैध कमाई की जुगाड़ बनाया है। सूत्रों की मानें तो कार्यालय में पदस्थ एक बाबू और विजय श्रीवास्तव नामक बाबू पर कई सेक्शनों का काम है। जबकि और लोगों के पास एक काम भी अतिरिक्त नही है। कई कर्मचारी अप डाउन करके ही नौकरी का समय काट रहे हैं। यहां लाइसेंस फार्म पर एजेंट कोड दर्ज कर दिया जाते है। यह काम सबसे पहले होता है। कार्यालय में निजी तौर पर कर्मचारी रखकर उनसे काम लिया जा रहा है।
इनका कहना है
कार्यालय में अवैध वसूली के आरोप गलत लगाए हैं। अगर विभागों में किसी तरह की समस्या है तो उनका निराकरण किया जाएगा।
निशा चौहान, संभागीय परिवहन अधिकारी नर्मदापुरम