नर्मदापुरम. जिले ग्राम पाहनवर्री की सीमा में तवा नदी की रेत खदान पर रेत उत्खनन के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दूसरी खदान की रॉयल्टी पर पाहनवर्री की सीमा में रेत उत्खनन के लिए कंपनी के घुसने को लेकर विवाद हो गया। कंपनी द्वारा पाहनवर्री की सीमा में घुसकर पोकलेन मशीनों से किए उत्खनन के विरोध में भाजपा जिला उपाध्यक्ष व क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य आशुतोष शरण तिवारी 200 से ज्यादा ग्रामीणों के साथ पाहनवर्री खदान पर पहुंच गए। उन्होंने गांव की सीमा वाले क्षेत्र की खदान से उत्खनन करने से रेत कंपनियों के कर्मचारियों को रोका। उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों से कहा कि जावली की रॉयल्टी पर पाहनवर्री की खदान से रेत उत्खनन क्यों किया जा रहा है? इससे पाहनवर्री पंचायत के राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग कि जिस क्षेत्र की खदान से रेत उत्खनन हो, उसी पंचायत क्षेत्र के नाम की रॉयल्टी भी कटे। उन्होंने तवा नदी की खदान पर ढल्ले से चार-पांच पोकलेन मशीनों से हो रहे रेत उत्खनन को लेकर भी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा तवा नदी के किनारे रेत भरने वाले मजदूरों का रोजगार छीनकर पोकलेन मशीनों का उपयोग हो रहा। मजदूरों से भी रेत गाड़ियां भरवाना चाहिए। करीब आधे से एक घंटे तक पाहनवर्री रेत खदान पर गहमा-गहमी का माहौल रहा। आखिर में पाहनवर्री खदान की रॉयल्टी के नाम से ही रेत उत्खनन करने पर समझौता हुआ। इस मामले में अब तक भाजपा जिला उपाध्यक्ष तिवारी ने खनिज विभाग से किसी भी प्रकार की लिखित शिकायत नहीं की। भाजपा जिला उपाध्यक्ष व जनपद पंचायत सदस्य आशुतोष शरण तिवारी ने बताया कि रेत कंपनी को ठेका मिला है कंपनी वैध तरीके से खनन भी कर रही है मगर जावली की सीमा से बाहर पाहनवर्री की सीमा में आकर कंपनी मशीनों से रेत उत्खनन कर रही। हमारा विरोध इस बात पर था कि जब जिस क्षेत्र से रेत उठाई जा रही, उसी खदान के नाम की रॉयल्टी कटे। ताकि राजस्व का लाभ उस पंचायत को मिले। मजदूरों से भी रेत उठवाने की हमने मांग की है। जावली और पाहनवर्री के बीच रेत खदान पर सीमा विवाद व खदान में पोकलेन मशीनों का उपयोग से जुड़ी जानकारी के लिए खनिज अधिकारी देवेश मरकाम से संपर्क किया गया। लेकिन उन्होंने मोबाइल कॉल रिसीव नहीं हो किया।