इटारसी। नर्मदापुरम विस में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे कुर्मी समाज के जाने माने चेहरे भगवती चौरे ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। निर्दलीय प्रत्याशी भगवती चौरे की आमसभा में आरएमएस चौराहे के सभा मंच से जयस्तंभ तक मौजूद भीड़ ने चुनावी परिदृश्य को बड़ा रोचक बना दिया है।
आरएमएस कार्यालय के सामने निर्दलीय प्रत्याशी की आमसभा का आयोजन किया गया। आमसभा में मंच से हजारों लोगों की भीड़ के बीच भाजपा और कांग्रेस से चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे शर्मा बंधुओं पर शब्दों के तीखे बाण दागे गए।
शर्मा परिवार को बताया कंपनी इस आमसभा में निर्दलीय प्रत्याशी भगवती चौरे कहा कि चुनाव मेरा नही है जनता का है। चुनाव में मैं केवल प्रतीक के रूप में हूं। इटारसी होशंगाबाद विस का चुनाव महल और सडक़ के बीच है, अहंकार और प्यार के बीच है, मेरा चुनाव दलों का चुनाव नही बल्कि दिलों का चुनाव है। आप किसी भी दल को वोट दोगे तो वो कंपनी में ही जायेगा इसलिए आप लोग बहुत सोच समझकर मत डालना। लोकतंत्र में देवतुल्य मतदाता को बताया गया है और जब मतदाता और परमपिता ने मेरा हाथ पकड़ा है तो वो कभी नही छूटेगा। चुनाव सबक सिखाने का चुनाव हो सकता है इसलिए एक बार मुझे अपना आशीर्वाद अवश्य देना ताकि मैं पांच साल में 35 साल का काम करके दिखा सकूं। इटारसी में चल रही बदलाकारी नीति निर्दलीय प्रत्याशी भगवती चौरे ने कहा कि इटारसी में बदलाकारी नीति चल रही है जिससे लोग परेशान हैं बदलाकरी नीति को ठीक करने में हम लोग लगे हैं और उसमें हम सफल भी होंगे। आप लोगों ने चुनाव को बना दिया है और आपसे यही कहना है कि मतदान के दिन तक इसे बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि विकास सतत प्रक्रिया है जिसे हम आगे भी चलाते रहेंगे। कृषि आधारित उद्योगों को इटारसी क्षेत्र में लाएंगे। बेरोजगार युवकों के रोजगार के विषय में ईमानदारी से काम करेंगे ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके।भगवती चौरे ने कहा कि यहां के जनसेवक अपराधियों को पालते हैं मगर हम अपराधियों के पलने की गुंजाइश को ही खत्म कर देंगे। एक दिन इटारसी एक दिन होशंगाबाद की पद्धति से हम नहीं चलेंगे, हम तो आधा दिन इटारसी, आधा दिन होशंगाबाद और रोज 2 घंटे ग्रामीण क्षेत्र में जनता के बीच रहेंगे।
अन्य वक्ताओं ने भी खुलकर रखे विचार। जनपद सदस्य संगीता सोलंकी ने मंच से कहा कि हमारी लड़ाई परिवारवाद से है। हमारा विधायक कैसा होना चाहिए ये आपको तय करना है। वे जनता के बीच के हैं ना कि दरबार लगाने वाले।
वर्ष 1998 में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रशांत तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी गिरिजाशंकर शर्मा का नाम लिए बिना कटाक्ष किया वे पहले पार्टी से जुड़े रहे और जब बाद में भाई की टिकट कटने के हालात बने तो बाद में वही पार्टी खराब हो गई। पार्टी कोई खराब नहीं होती है बस उसे अपने हिसाब से चलाने वाले नेता खराब होते हैं। अब नेताओं पर भरोसा करने का समय नहीं है। भगवती चौरे आपके बीच का ही आदमी है इसलिए इस बार हम सबको परिवर्तन करते हुए भगवती चौरे को अपना आशीर्वाद देना है ताकि क्षेत्र में विकास के काम ईमानदारी से किए जा सकें।
जयस्तंभ क्षेत्र में किया जनसंपर्क आमसभा खत्म होने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी भगवती चौरे ने पूरे जयस्तंभ क्षेत्र में जनसंपर्क किया। उन्होंने दुकानदारों से मिलकर चुनाव में आशीर्वाद देने की विनती की। जनसंपर्क के दौरान दूसरे नामी दलों के कई चेहरे भी भगवती चौरे को सभा की सफलता के लिए बधाई देते नजर आए। सभा स्थल के आसपास वे चेहरे भी नजर आए जो चुनाव में दल विशेष का गमछा डाल घूम तो रहे हैं मगर पीछे से भगवती चौरे के लिए ज्यादा शिद्दत से काम कर रहे हैं।