व्यवसायिक पाठ्यक्रम “वर्मी कंपोस्टिंग” के प्रशिक्षण के लिए कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र पवारखेड़ा पहुंची छात्राएं..

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय आर्य के मार्गदर्शन में प्राणीशास्त्र विषय के अंतर्गत चयनित व्यवसायिक पाठ्यक्रम वर्मी कम्पोस्टिंग इकाई का प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु छात्राओं द्वारा कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र पवारखेडा का भ्रमण किया। इस अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर उपेंद्र शुक्ला ने छात्राओ को इकाई निर्माण, केंचुए खाद निर्माण, खाद निर्माण हेतु केंचुए की प्रजातियाँ, केंचुआ खाद में विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा, खाद निकलना, खाद रखने का तरीका, खाद की प्रयोग विधि, केंचुआ खाद प्रयोग करने से लाभ, खाद का कितनी मात्रा में उपयोग, केंचुओं की सुरक्षा, वर्मी कम्पोस्ट से आर्थिक लाभ, स्थान चयन एवं औद्योगिक स्तर पर केंचुआ खाद तैयार करने की विंडरोज विधि, मोड्युलर विधि व जैविक खेती के विषय मे विस्तार से अवगत कराया। प्राणीशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. संजय आर्य ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि करता हैं तथा भूमि में जैविक क्रियाओं को निरंतरता प्रदान करता हैं। इसका प्रयोग करने से भूमि उपजाऊ एवं भुरभुरी बनती हैं। वर्मी कम्पोस्टिंग इकाई को स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा काम व्याज दर अनुदान दिया जाता है। वर्मी कम्पोस्टिंग इकाई को स्थापित कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ केंचुआ खाद अनाज की पैदावार बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगी।